सुदूर जनपद चमोली के मैठाणा गांव के अरविंद मैठाणी के हार्ट में बन गया था ढ़ाई इंच का जानलेवा ट्यूमर और दो ब्लॉकेज भी पाये गए। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज ने मामूली पैनिक अटैक बता घर भिजवा दिया था।
अविकल उत्त्तराखण्ड
ऋषिकेश
ऋषिकेश एम्स में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश लाहिड़ी व उनकी टीम ने लगभग 7 घंटों तक लगातार चले आपरेशन के बाद मरीज की जान बचाने में सफल हुए।
चमोली मैठाणा निवासी अरविंद मैठाणी को पिछले एक माह में दो बार अचानक से अटैक आने की वजह से सांस रुकने से भारी तकलीफों का सामना करना पड़ा । परिजन जिला चिकित्सालय गोपेश्वर ले गए, जहां से उन्हें तुरन्त श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रैफर किया गया था । लेकिन श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने मरीज की तकलीफ को गंभीर न बताते हुए उसे महज दो से तीन घंटे में ही डिस्चार्ज कर वापस उसके घर चमोली भेज दिया । श्रीनगर मेडिकल कॉलेज ने इस बीमारी को मामूली पेनिक अटैक बताया था ।
वापस मैठाणा, चमोली पहुंचने के कुछ दिनों के अंतराल में ही फिर से अटैक पड़ गया । रात करीब 9 बजे उन्हें जिला चिकित्सालय गोपेश्वर ले जाया गया । जिला चिकित्सालय में कोई उपचार न मिलने के कारण परिजन मरीज को देहरादून ले आये । देहरादून में विशेषज्ञ चिकित्सकों से संपर्क किया गया ।
जांच में स्पष्ट हुआ कि अरविंद के हार्ट (दिल) में 2.5 इंच ( करीब 6 सेंटीमीटर) आलू के आकार में एक बड़ा ट्यूमर डेवलप हुआ है । जिसके कारण वह ब्लड सप्लाई को बाधित कर रहा था जिस कारण मरीज की अचानक से सांस रुक जाती व बेचैनी होने लगती थी । चिकित्सकों ने इसे बेहद खतरनाक बताया । जो कि मरीज के लिए हर सेकंड जान का खतरा बना हुआ था । परिजनों ने देहरादून के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़ तक विशेषज्ञ डॉक्टरों को रिपोर्ट भिजवाई । सब जगह से एक ही जवाब आया कि इसे तुरन्त ऑपरेट कर निकाला जाए । हार्ट में पनप रहा यह ट्यूमर एक चलता-फिरता बम की तरह था, जो किसी भी वक़्त जानलेवा हो सकता था । लेकिन सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों ने यही सलाह दी कि,आपरेशन ऐसे अस्पताल में जहां हर आपात स्थिति से निबटने के साधन उपलब्ध हों।
इस बीच, परिजनों ने सीएम त्रिवेंद्र रावत से गुहार लगाई।सीएम त्रिवेंद्र रावत की पहल पर एम्स निदेशक (प्रोफेसर) डॉक्टर रविकांत ने तत्काल डॉक्टर की टीम बनाई।
इधर,हार्ट में पनप रहे भारी ट्यूमर के ऑपरेशन से पहले एंजियोग्राफी में पता चला कि पेशेंट के हार्ट में ट्यूमर के अलावा 80% व 50% के दो अलग-अलग ब्लॉकेज भी हैं । चिकित्सकों के सामने यह एक और नई चुनौती सामने आ खड़ी हुई । अब एक नहीं बल्कि दो-दो आपरेशन एक साथ होने थे ।
एम्स ऋषिकेश में डॉ राजा लाहिड़ी ने सात घण्टे तक चले मरीज अरविंद मैठाणी के दोनों जटिल ऑपरेशन को एक साथ कर जान बचा ली। AIIMS (एम्स) ऋषिकेश के लिए यह अपने आप में पहला मौका था कि जब यहां पर हार्ट में ट्यूमर और बायपास सर्जरी दोनों एक साथ सफलतापूर्वक ऑपरेट किये गए हों । डॉक्टर राजा लाहिड़ी बताते हैं कि पहले तो हार्ट से इतने बड़े साइज के ट्यूमर को निकालना ही किसी चुनौती से कम नहीं था, फिर एंजियोग्राफी में मरीज के हार्ट में भी दो ब्लॉकेज मिले। ऐसे में अब एक साथ एक जगह पर दो चुनौतियों से हमें निबटना था । लेकिन दोनों आपरेशन सफल रहे यह हम सबके लिए बड़ी उपलब्धि रही और मरीज भी ठीक है ।
टीम में डॉक्टर अजय कुमार, डॉक्टर राहुल व डॉक्टर प्रशांत के अलावा स्टाफ में केशव और धरम टीम के महत्वपूर्ण सदस्यों में शामिल रहे ।aiims rishikesh
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