राजनाथ सिंह ने देहरादून में सैन्य धाम का भूमि पूजन किया

63 करोड़ की लागत से बनेगा भव्य सैन्य धाम, किया गया भूमि पूजन

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुनियाल गांव में किया भूमि पूजन

शहीद सम्मान यात्रा का विधिवत समापन भी किया गया

लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी


धामपुर-काशीपुर नई रेल लाइन के परीक्षण हेतु केन्द्रीय रेल मंत्री ने दिये निर्देश

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को गुनियाल गांव में लगभग 63 करोड़ रूपए की लागत से बने रहे भव्य सैन्य धाम का भूमि पूजन किया। इस अवसर पर शहीद सम्मान यात्रा का विधिवत समापन भी किया गया।  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सैन्यधाम हेतु प्रदेश के प्रत्येक शहीद परिवार के आंगन से लाई गई पवित्र मिट्टी को कलश में डाला गया। साथ ही वीर शहीदों के परिजनों से मुलाकात कर तथा उन्हें शौर्य सम्मान पत्र प्रदान देकर सम्मानित भी किया गया।

प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप बनेगा सैन्य धाम

केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि हमारी सांस्कृतिक परम्परा है कि जो देश के लिए अपनी जिंदगी न्यौछावर करते हैं, उनको देवतुल्य माना जाता है। उत्तराखण्ड, देवभूमि, तपोभूमि, वीरता और पराक्रम की भूमि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सपनों के अनुरूप उत्तराखण्ड में पांचवा धाम सैन्यधाम बन रहा है। सैन्यधाम में शहीद सैनिकों की आंगन की पवित्र मिट्टी लाई गई है। उत्तराखंड सरकार से जो अपेक्षा थी, उसके अनुरूप सैन्य धाम बनाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस राज्य को अलग राज्य का दर्जा दिया था।

देश की आन-बान-शान की रक्षा करते हैं वीर सैनिक

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे शहीद, देश की आन बान शान की रक्षा हेतु कभी पीछे नहीं हटे । उन्होंने कहा ऐसे लोग जिन्होंने राष्ट्रीय की एकता अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, उनके आंगन की मिट्टी यहां आना गर्व के पल हैं। जो इस सैन्य धाम में आएगा, वह शहीदों की शौर्य गाथा उनकी प्रेरणा लेकर जाएगा। उन्होंने उत्तराखण्ड को वीरों की भूमि बताते हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक जताया । जनरल बिपिन रावत का इस तरह जाना, भारत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।

सैनिकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारजनों की समस्याओं के समाधान के लिए केन्द्र सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये गये। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे पूर्व सैनिकों की जो वन रैंक वन पेंशन की समस्या थी उसका समाधान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। सैनिकों एवं उनके परिवारों की समस्याओं के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये गये हैं। बैटल कैजुवल्टी को 02 लाख से बढ़ाकर 08 लाख रूपये किया गया है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड में सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है। धारचूला- लिपुलेख-मानसरोवर जाने का रास्ता बन गया है। सांस्कृतिक दृष्टि से यह रास्ता बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा भारत और नेपाल के बीच रोटी और बेटी का अटूट रिश्ता है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के अनुसार भारत रक्षा से जुड़े क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है।

ग्रुप केप्टन वरूण सिंह के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया

ग्रुप केप्टन वरूण सिंह के निधन की जानकारी मिलने पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में ग्रुप केप्टन वरूण सिंह के सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा गया।

शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी सैन्य धाम के लिए लाई गई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनरल बिपिन रावत का स्मरण करते हुए कहा कि वे अपनी अंतिम सांस तक देश के लिये समर्पित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका बिपिन रावत के कुछ सपने थे, जिन्हें राज्य सरकार पूरा करने के लिये तत्पर है।

उन्होंने कहा कि 1734 शहीदों के घरों से पवित्र मिट्टी लाई गई है। भव्य सैन्य धाम युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करेगा। सैन्य भूमि उत्तराखण्ड ने एक से एक वीर सैनिक देश को दिये हैं जो कि देश की आन बान शान के लिये जीवन समर्पित कर रहे हैं।

रक्षा उपकरणों में आत्मनिर्भर बन रहा भारत

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत  रक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बना है। पहले भारत रक्षा उपकरणों का आयात करता था, आज भारत से रक्षा उपकरणों का निर्यात भी किया जाने लगा है।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि 63 करोङ  रूपए की लागत से भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक एक माह तक शहीद सम्मान यात्रा का आयोजन किया गया। प्रदेश में 1734 शहीदों के घरों से पवित्र मिट्टी एकत्र की गई। इस पवित्र मिट्टी का उपयोग सैन्य धाम में किया जाएगा।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा   मदन कौशिक, सांसद श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विनोद चमोली, सहदेव पुण्डीर, प्रदीप बत्रा, खजानदास, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु चौहान, मेयर सुनील उनियाल गामा उपस्थित थे।

स्वर्गीय कपूर के परिजनों से मिले

इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वर्गीय हरबंस कपूर के आवास पर जाकर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी एवं उनके परिजनों से भेंट कर सांत्वना प्रदान की। रक्षा मंत्री ने कहा कि हरबंस कपूर वर्षों से जन सेवा से जुड़े रहे। उन्होंने हरबंस कपूर के निधन को प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति बताया।


धामपुर-काशीपुर नई रेल लाइन के परीक्षण हेतु केन्द्रीय रेल मंत्री ने दिये निर्देश


केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने धामपुर-काशीपुर नई रेल लाईन के परीक्षण कराने के लिए रेल मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रेल मंत्री से धामपुर-काशीपुर नई रेल लाईन के लिए अनुरोध किया था। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सम्बंध में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देने के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि धामपुर-काशीपुर नई रेल लाईन का शीघ्र परीक्षण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिये रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताया है।

लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लखवाङ बहुद्देशीय परियोजना की स्वीकृति दिये जाने पर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय महत्व की परियोजना जल्द पूरी होगी। वर्षों से लम्बित परियोजना पर प्रधानमन्त्री की इच्छा शक्ति से राष्ट्र हित में निर्णय लिया गया है। 90 प्रतिशत केन्द्रीय वित्त पोषण की इस परियोजना से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान राज्य लाभान्वित होंगे। इससे इन राज्यों को जलापूर्ति होगी। परियोजना के जल घटक का लाभ 6 राज्यों को मिलेगा तथा विद्युत घटक का लाभ उत्तराखंड को मिलेगा। जलघटक का 90% केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान सहायता के रूप में दिया जाएगा।

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