विदेशी भाषा के साथ देश की भाषाओं को प्रोत्साहित करें विवि-राज्यपाल

दून विवि दीक्षांत समारोह में मेधावी छात्रों को उपाधियां दी

समाजसेविका माता मंगला व महंत महेंद्र दास को मानद उपाधि प्रदान की

93 मेधावियों को स्वर्ण पदक समेत 2102 छात्रों को उपाधि से किया सम्मानित

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि युवाओं को देश को लीडरशीप देनी है। हमारे देश के युवाओं में असीमित संभावनाएं है। युवाओं का हौसला, साहस, लगन और ऊर्जा भारत को विश्व में प्रत्येक क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान दिलाएगा।  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को दून विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही।

राज्यपाल ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि उत्तराखण्ड में बालिकाओं की उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भागीदारी प्रतिशत अधिक है। युवाओं को भारत के प्राचीन ज्ञान को आधुनिक कौशल के साथ समन्वित करके देश को फिर से नॉलेज सुपर पावर बनाना होगा।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के 93 मेधावियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया।  2102 छात्रों को उपाधि की। राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने समाजसेवी माता मंगला जी तथा मंहत महेन्द्र दास जी को डी लिट् की मानद उपाधि प्रदान की।

दीक्षांत समारोह में उपाधि एवं मेडल प्राप्त करने वालों में बालिकाओं की अधिक भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि उत्तराखण्ड महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक मिसाल है। यहां प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं स्वयं को सिद्ध कर रही हैं। राज्य के  पर्वतीय क्षेत्रों की परिश्रमी व आत्मविश्वासी महिलाएं पूरे देश के लिये प्रेरणास्रोत है।

सुदूर क्षेत्रों में महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक सशक्तीकरण का नया अध्याय लिख रही है। राज्यपाल ने कहा कि देहरादून एक उत्कृष्ट एजुकेशन हब है। यहाँ के विश्वविद्यालयों को स्वायत्त के साथ ही जवाबदेह भी बनना होगा। विश्वविद्यालयों को रिसर्च और एजुकेशन में लीडरशीप देनी होगी।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को विदेशी भाषाएं सीखने के साथ ही हमारी सभ्यता और संस्कृति की धरोहर भाषा संस्कृत तथा पाली, प्राकृत, गुरूमुखी सहित भारत की 300 भाषाओं को भी प्रोत्साहित करना होगा। विदेशी और भारतीय भाषाओं के मध्य तालमेल को पहचानना होगा। राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि युवा भारत पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा सकता है। आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में कुशल युवाओं का बड़ा योगदान होगा।  उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाएंगे।

इस वर्ष दीक्षांत समारोह की थीम ‘सशक्त नारी ‘ रही। सभी विभागों में स्नातक एवं परास्नातक में वर्ष 2017, 2018, 2019 एवं 2020 में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 93 विद्यार्थियों को श्री राज्यपाल द्वारा स्वर्ण पदक से नवाजा गया।

वहीं कुल 1269 विद्यार्थियों को स्नातक, कुल 802 विद्यार्थियों को परास्नातक, कुल 29 शोधार्थियों को पीएचडी, कुल 2 विद्यार्थियों को  एमफिल एवं कुल 2102 विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में उपलब्धि प्रदान की गई।

कार्यक्रम में सीडीएस स्वर्गीय बिपिन सिंह रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 वीर योद्धाओं को याद कर उन्हे श्रद्धांजलि दी।

उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने समारोह में सम्मिलित होकर एक सुखद एहसास की अनुभूति  जाहिर की। उन्होंने नई शिक्षा को समक्ष छात्रों के साथ उजागर कर बताया कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गंभीर रूप से कार्य कर रही है तथा सरकार पिछले साढ़े चार साल से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर रही  है।

उन्होंने दीक्षांत समारोह की थीम महिला सशक्तिकरण के विषय पर सरकार के नारी सशक्तिकरण के कार्य को बताया गया कि राज्य के 13 जनपदों में 13 बालिका छात्रावास के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया है जिससे बेटियों की पढ़ाई और सुगम हो सकेगी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अनुसूचित जाति सरकार के तरफ से कोचिंग के लिए निशुल्क सहायता दी जाएगी। साथ ही मेधावी गरीब छात्रों के लिए सरकार पीएचडी के लिए मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी। वहीं राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नित्यानंद हिमालय शोध को जल्द दिसंबर के आखिर में उद्घाटन किया जायेगा।

समाज सेविका माता श्री मंगला जी ने डी लिट्  की उपाधि प्राप्त करने पर दून विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त  किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बताया किया की हंस फाउंडेशन लगातार महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने सीडीएस स्वर्गीय बिपिन सिंह रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने बताया की हंस फाउंडेशन उत्तराखंड में 200 स्वास्थ्य वैन चला रही है जिससे पहाड़ की गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य में सारी सहायता प्रदान हो। साथ ही उन्होंने स्वर्ण पदक विजेताओं  को शुभकामनाएं दी।

दून विश्वविद्यालय की कुलपति  प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह के बैनर, आमंत्रण पत्र में उत्तराखंड की ऐपण  कला से सुसज्जित  किया गया । उन्होंने कहा कि यह समारोह महिलाओं को समर्पित है और दून विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड की 40 महिलाओं को अपनी ही दून कैंटीन में रोजगार दिया गया है। राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नित्यानंद हिमालय शोध की नींव  दून विश्वविद्यालय में रखी गई है जहां उत्तराखंड पर तमाम शोध किया जाएगा।

दीक्षांत समारोह में कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो0 सुरेखा डंगवाल, विश्वविद्यालय के कुलसचिव, विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। 

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *