उत्त्तराखण्ड – दस साल में बढ़ गए 30 फीसदी मतदाता

उत्तराखंड में (2012- 2022) बीते 10 वर्ष में बढ़ गये 19 लाख मतदाता, 30% की हुई अप्रत्याशित वृद्धि

एसडीसी फाउंडेशन की चुनाव पर जारी रिपोर्ट केअनुसार मैदानी इलाकों में 41 से 72 प्रतिशत तक बढ़े मतदाता

2002 से 2012 तक बढ़े थे 20 फीसदी मतदाता

तीसरे विधानसभा चुनाव में राज्य में 63,77,330 मतदाता थे, यह संख्या अब 82,66,644 है। राज्य में 2012 से 2022 के बीच मतदाताओं की संख्या में 18,89,314 वोटर्स की बढ़ोत्तरी हुई

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून

उत्तराखंड में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोत्तरी हो रही है। पिछले 10 वर्षों के दौरान राज्य की सभी सीटों पर मतदाताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन मैदानी जिलों की सीटों पर यह बढ़ोत्तरी अप्रत्याशित है। यह तथ्य एसडीसी फाउंडेशन की रिपोर्ट से सामने आई है।

एसडीसी फाउंडेशन ने राज्य में विधानसभा चुनावों के संदर्भ में अपनी चौथी रिपोर्ट ‘डेमोग्राफिक चेंजेज, डिस्ट्रिक्ट अपडेट एंड कॉन्सिट्वेंसी नंबर्स’ जारी की है। रिपोर्ट कहती है कि राज्य में पिछले एक दशक, 2012 से 2022 में मतदाताओं की संख्या में 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि इससे पहले वाले दशक, 2002 से 2012 में राज्य में 20 प्रतिशत मतदाता बढ़े थे।

एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार एक तरफ राज्य के अंदर बड़ी संख्या में पलायन हो रहा है। लेकिन वे कहते हैं कि पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जिले से जिले में पलायन करने वालों की संख्या भी काफी ज्यादा है।

अनूप नौटियाल ने कहा कि जिन सीटों पर मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है, वे सभी मैदानी सीटें हैं। देहरादून के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता बढ़े हैं। पिछले 10 वर्षों में इस विधान सभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 72 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। धर्मपुर के अलावा रुद्रपुर, डोईवाला, सहसपुर, कालाढूंगी, काशीपुर, रायपुर, किच्छा, भेल रानीपुर और ऋषिकेश की टॉप 10 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में सबसे ज्यादा, 41% से 72% बढ़ोत्तरी हुई है

अनूप नौटियाल ने कहा की चुनाव आयोग के आंकड़ों का विश्लेक्षण करने के बाद मालूम पड़ता है की तीसरे विधानसभा चुनाव में राज्य में 63,77,330 मतदाता थे, यह संख्या अब 82,66,644 है। राज्य में 2012 से 2022 के बीच मतदाताओं की संख्या में 18,89,314 वोटर्स की बढ़ोत्तरी हुई है। चार मैदानी जिलों की 36 सीटों पर 10 वर्ष के दौरान 37 प्रतिशत मतदाता बढ़े।सबसे ज्यादा 43 प्रतिशत मतदाता ऊधमसिंह नगर जिले में बढ़े।

पर्वतीय जिलों की 34 सीटों पर 10 वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई। सबसे कम 13 प्रतिशत मतदाता अल्मोड़ा जिले में बढ़े। 2,07,718 वोटर के साथ देहरादून की धर्मपुर विधानसभा प्रदेश की सबसे बड़ी विधान सभा है। उधर अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा क्षेत्र में 10 वर्षों के दौरान सबसे कम 8 प्रतिशत मतदाता बढ़े।

अनूप नौटियाल का मानना है कि मैदानी क्षेत्रों में मतदाओं की इतनी बड़ी संख्या में यह बढ़ोत्तरी इशारा करती है की पर्वतीय क्षे़त्रों से हो रहे पलायन की तुलना में सम्भवता अन्य राज्यों के लोगों का उत्तराखंड मे बहुत ज्यादा पलायन हुआ है । इस तरह मैदानी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के लोग आकर उत्तराखंड में बस रहे हैं। अनूप नौटियाल कहते हैं कि यह एक बेहद गंभीर मसला है।

इतनी बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोगों के उत्तराखंड में बसने से इस राज्य के सांस्कृतिक स्वरूप पर तो असर पड़ेगा ही, साथ ही जिन शहरों में इतनी बड़ी संख्या में लोग बस रहे हैं उन पर भी दबाव बढ़ेगा। क्योंकि राज्य के ज्यादातर शहर पहले से ही क्षमता से ज्यादा बोझ झेल रहे हैं। इससे नागरिक सुविधाओं की कमी लगातार बढ़ रही है।

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