भाजपा की मोदी-योगी व कांग्रेस की महंगाई- एन्टी इनकंबेंसी पर टिकी सांसें

कांग्रेस में “नये सीएम” पर बिछने लगी शतरंजी मोहरें

मतदान बाद भाजपा-कांग्रेस में एक नयी महाभारत

कांग्रेस में सीएम कुर्सी व भाजपा में भितरघात की कहानी की भड़की ज्वाला

अविकल थपलियाल

देहरादून। उत्त्तराखण्ड में हुए मतदान की तस्वीर भी अब सामने आ चुकी है। कमोबेश 2017 के आस पास ही रहा 2022 का मतदान प्रतिशत। थोड़ा कम। दूरदराज इलाकों से लौटीं पोलिंग पार्टी से मतदाता का रुझान पूछ कर गणित लगाई जा रही है।

चुनावी समर में उतरी भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य दलों के दिग्गज अपनी अपनी सीटों के गुणा – भाग में बिजी है। चूंकि,मतगणना (10 मार्च) में अभी समय बाकी है। लिहाजा, दलीय नेताओं के बीच परिणाम से पहले अपने अपने दावों को लेकर होड़ मची हुई है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मतदान बाद एक बार फिर 60 पार का नारा दिया है। जबकि कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत सरकार बनने से पहले ही अपनी प्राथमिकताएं गिनाने में जुट गए हैं।

14 फरवरी मतदान के बाद कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं की बॉडी लैंग्वेज में कॉन्फिडेंट झलक रहा है। इस आत्मविश्वास को पूर्व सीएम ने यह कहकर और हवा दे दी कि या तो वे सीएम बनेंगे या फिर घर बैठेंगे। उनके इस बयान के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यह कहने में कोई देरी नहीं लगाई कि हरीश रावत मुंगेरी लाल की तरह हसीन सपने देख रहे हैं।

उधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव , नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने थोड़ा भिन्न टिप्पणी कर यह बताया कि जीतने के बाद पार्टी हाईकमान ही नेता का चयन करता है। इस एपिसोड से यह बात साफ हो गयी है कि बहुमत मिलने के बाद (अगर सीएम कुर्सी के सभी दावेदार जीत गए तो..) कांग्रेस में महाभारत होनी तय है। जंगी शुरुआत की झलक मिलने लगी है।

2002 व 2012 के पहले राउंड में ही रिंग से बाहर  हुए हरीश रावत इस बार किसी भी कीमत पर चूकना नहीं चाहेंगे। हालांकि, अनजानी अनहोनी की आशंका को देखते हुए हरीश रावत ने दलित कार्ड खेलते हुए यशपाल आर्य को बतौर सीएम प्रोजेक्ट करके भी चल रहे हैं।

बहरहाल, कांग्रेस के ताजे सूरतेहाल में पार्टी के क्षत्रप अभी से ही गोलबंदी में जुट गए हैं। और जीत सकने वाले पार्टी उम्मीदवारों समेत निर्दलीय सभी सम्पर्क साधा जा रहा है।

इस चुनाव में लगभग आधा दर्जन बागी बतौर निर्दलीय भी ठीक ठाक चुनाव लड़े हैं। 2017 में प्रीतम पंवार व रामसिंह कैढ़ा निर्दलीय चुनाव जीते थे। ये दोनों इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े। इससे पूर्व के विधानसभा चुनाव में कम से कम तीन निर्दलीय विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थे।

मतदान बाद भाजपा कैम्प का हाल हवाल

दूसरी ओर, मतदान के बाद भाजपा में भितरघात के सवाल पर बवाल मचा हुआ है।भाजपा उम्मीदवार व विधायक संजय गुप्ता, उम्मीदवार कैलाश गहतोड़ी व  हरभजन चीमा ने खुलेआम तो कई अन्य उम्मीदवारों ने “शालीन” तरीके से चुनाव में हुए भितरघात की रिपोर्ट संगठन को भेजी है। लक्सर विधायक व उम्मीदवार संजय गुप्ता ने तो बाकायदा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को ही निशाने पर ले रखा है। हल्द्वानी भाजपा मंडलके पदाधिकारी भी इस्तीफा दे चुके हैं।

मतदान के 24 घण्टे के अंदर एक दूसरे पर आरोप लगने की इस मुहिम के बाद यह भी तस्वीर सामने आ रही है कि चुनाव परिणाम को लेकर कहीं न कहीं भाजपा नेता आशंकित हैं। हालांकि, भाजपा मोदी मैजिक के भरोसे ही दिख रही है। चुनाव प्रचार थमने से पहले पीएम मोदी व योगी की उत्त्तराखण्ड में हुई तूफानी रैलियों के बाद भाजपा के कई हार रहे उम्मीदवार कड़ी फाइट व जीत सकने की स्थिति में बताए जा रहे हैं। भाजपा के विश्लेषक इसी आंकलन के बूते 2017 के परिणाम के रिपीट होने की संभावना जता रहे है। इस दलील के पीछे अंतिम दौर में मतों के ध्रुवीकरण को भी अहम कारक माना जा रहा है।

दूसरी ओर,कांग्रेस महंगाई व सत्ता विरोधी रुझान के बेस पर अपनी सरकार बनने के दावे पर टिकी है।

पहली बार उत्त्तराखण्ड में चुनाव लड़ी आम आदमी पार्टी गंगोत्री व काशीपुर सीट में बेहतर जंग लड़ती दिखाई दी। जबकि उत्त्तराखण्ड क्रांति दल को द्वाराहाट व देवप्रयाग सीट पर उम्मीद दिख रही है। और 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में छुपी रुस्तम निकली बहुजन समाज पार्टी इस बार तीन से चार सीटों पर मजबूत नजर आ रही है।

उत्त्तराखण्ड के विधानसभा चुनाव के बाद भी कांग्रेस, भाजपा, बसपा, आप, सपा व उक्रांद कैम्प में अलग अलग कारणों से जंग छिड़ी हुई है। चुनाव में शराब व नोटों की बरसात के किस्से भी सामने आ रहे हैं। बहरहाल, मतदान के बाद भितरघात, अंतर्कलह, बागी, सरकार बनाने के दावे समेत अन्य कई मुद्दों पर एक दूसरे को लंगड़ी मारने का खेल पूरे इत्मीनान व हौसले के साथ खेला जा रहा है…

2022 विधानसभा जिलेवार मत प्रतिशत

कुल मतदान- 65.37

महिला मतदान प्रतिशत 67.20

पुरुष मतदान प्रतिशत 62.20

   जिला .                       पु             म

उत्तरकाशी 68.48       64.34      70.53

चमोली 62.38             56.14       66.75

रुद्रप्रयाग 63.16         54.96        68.74

टिहरी 56.34               54.96         68.74

देहरादून 63.69            61.78         64.68

पौड़ी 54.87                50.11     59.04

पिथौरागढ़  60.88        57.86       62.76

बागेश्वर 63.00            54.94        68.32

अल्मोड़ा 53.71           47.57        58.91

चंपावत 62.66             55.62        68.64

नैनीताल  66.35          65.07        67.09

यूएसनगर –  72.27        71.44      72.38

हरिद्वार –    74.77         75.02        73.64

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