राज्य आंदोलनकारी प्रकाश सुमन ध्यानी व युवा सिद्धार्थ अग्रवाल से मिल रही विधायक विनोद चमोली को चुनौती
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। पूर्व मेयर व भाजपा विधायक विनोद चमोली को इस बार अपने ही दल से कड़ी चुनौती मिल रही है। त्रिवेंद्र काल से ही विनोद चमोली के खिलाफ उनकी विधानसभा से जुड़े पार्टी नेता व कार्यकर्ता विरोध में देखे जा रहे हैं।
2017 के विधानसभा चुनाव में विनोद चमोली ने सर्वाधिक मतदाताओं (2 लाख से अधिक) वाली धर्मपुर विधानसभा में कांग्रेस के मंत्री दिनेश अग्रवाल को हरा विधानसभा में प्रवेश किया था।
इससे पूर्व राज्य आंदोलनकारी विनोद चमोली पहले देहरादून नगर पालिका अध्यक्ष व बाद में निगम बनने पर मेयर निर्वाचित हुए। बाद में भाजपा के टिकट पर विधायक का चुनाव जीते।
बीते कुछ सालों से विनोद चमोली की कार्यशैली के खिलाफ पार्टी के ही एक हिस्से ने आम जनता को लेकर उनके आवास पर भी प्रदर्शन किया। इस बीच विनोद चमोली नाराजगी में पार्टी नेताओं को यह कहने से भी नहीं चूके कि… भाड़ में जाय तुम्हारा टिकट…
कुछ जन मुद्दों को लेकर विधायक विनोद चमोली व तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से हॉट टॉक का वीडियो भी खूब वॉयरल हुआ।
इधर, विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी विधायकों की सीट को लेकर हुए सर्वे में धर्मपुर सीट कांटे की टक्कर में फंसी दिख रही है। 2017 के मोदी मैजिक इस बार चलने की उम्मीद भी कम है। लिहाजा, पार्टी के रणनीतिकारों ने अन्य नामों पर भी मंथन शुरू कर दिया है।
इस सीट पर वैसे तो आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवार मैदान में दिख रहे हैं। लेकिन 2012 में धर्मपुर सीट से चुनाव लड़ चुके राज्य आंदोलनकारी प्रकाश सुमन ध्यानी ने इस बार अपनी दावेदारी पेश की है। 2012 में लगभग 30 हजार मत पाकर प्रकाश सुमन ध्यानी चुनाव हार गए थे। खंडूडी के करीबी लोगों में प्रकाश सुमन ध्यानी की गिनती होती है।
दावेदारों में खंडूडी के निकट लोगों में रहे उमेश अग्रवाल के पुत्र सिद्धार्थ अग्रवाल ने भी धर्मपुर सीट पर दावेदारी ठोकते हुए विधायक विनोद चमोली को चुनौती पेश की है। मौजूदा समय में सिद्धार्थ अग्रवाल युवा मोर्चा व व्यापारिक संगठनों की राजनीति के सहारे पार्टी नेताओं के बीच अपनी पहचान बनाने में जुटे हैं। पार्टी का एक वर्ग दून से लेकर दिल्ली तक सिद्धार्थ के पीछे पूरी तरह खड़ा नजर आ रहा है।
कैंट बोर्ड में पदाधिकारी रहे भूपेंद्र कंडारी भी लम्बे समय से धर्मपुर सीट से दावेदारी कर रहे हैं। कंडारी भी राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं।
2022 के विधानसभा चुनाव में मौजूदा भाजपा विधायक विनोद चमोली को अपने ही दल से विशेष चुनौती मिल रही है। हालांकि, कांग्रेसी सूत्रों का कहना है कि भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर विनोद चमोली के लिए पार्टी के दरवाजे खुल जाएंगे।
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