खांटी समाजवादी मोहन प्रकाश पहाड़ की अग्नि परीक्षा में पास हो पाएंगे!

कांग्रेसी कुनबे को ‘ठीक’ करने की विशेष चुनौती

उत्त्तराखण्ड चुनाव में पार्टी के सीनियर आब्जर्वर बने मोहन प्रकाश के सामने मीडिया तंत्र व नेताओं के बीच तालमेल को मजबूत करने की अग्नि परीक्षा

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। समाजवादी आंदोलन से जुड़े मोहन प्रकाश को सोनिया गांधी ने उत्त्तराखण्ड के विधानसभा चुनाव में अहम जिम्मेदारी दे उत्त्तराखण्ड कांग्रेस में तालमेल को लेकर नेताओं को एकजुट करने की अहम लेकिन चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। एक तरफ पूर्व अध्य्क्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया दूसरी तरफ कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे मोहन प्रकाश को सीनियर आब्जर्वर बना प्रदेश कांग्रेस को भी नया संदेश दिया गया है।

पार्टी के महासचिव व सांसद के सी वेणुगोपाल ने मोहन प्रकाश की नयी चुनावी जिंम्मेदारी का पत्र जारी किया। मोहन प्रकाश उत्त्तराखण्ड चुनाव में पार्टी के प्रचार प्रबंधन व समन्वय पर गहरी नजर रखेंगे।

कांग्रेस पार्टी में मोहन प्रकाश की तेज तर्रार व मुखर वक्ताओं में गिनती होती है। वे विपक्ष पर कड़े प्रहार के लिए भी जाने जाते हैं। लेकिन मौजूदा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रचार को उठाना एक विशेष चुनौती माना जा रहा है।

कोविड की बंदिशों के बीच कमोबेश सभी दल प्रचार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहे है। इस कड़ी में भाजपा व आम आदमी पार्टी का डिजिटल प्रचार काफी संगठित दिख रहा है। इन दोनों दलों के केंद्रीय व प्रदेश स्तर नेताओं के विभिन्न जिलों में हो रहे चुनावी दौरों के फेसबुक लाइव लिंक तुरंत वॉयरल हो रहे हैं।

यही नहीं, ये दोनों दल 13 जिलों में चल रहे चुनावी कार्यक्रम की खबर, फ़ोटो व वीडियो भी तत्काल व्हाट्सएप्प ग्रुप, पार्टी पेज, ट्वीटर, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तत्काल वॉयरल हो रहे हैं। ये दोनों दल महीनों पहले से संगठित टीम के जरिये सोशल मीडिया प्लेटफार्म का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं।

कोविड प्रतिबंध के चलते अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी और भाजपा की संगठित टीम ज्यादा से ज्यादा आईटी टीम को चुनाव प्रचार में झोंके हुए है।

भाजपा व आप के मुकाबले कांग्रेस पार्टी के मीडिया सेल को सोशल मीडिया के जरिये प्रचार प्रबंधन व समन्वय में बहुत मेहनत की जरूरत दिखाई पड़ रही है। पूर्व सीएम हरीश रावत के चुनावी कार्यक्रमों का फेसबुक लाइव उनकी ही अपनी टीम करती दिखाई देती है।

कोविड प्रतिबंध से पूर्व कांग्रेस के अन्य नेताओं के प्रतिदिन दौरे प्रदेश में किन किन स्थानों पर आयोजित हुए। इसकी भी पूर्व सूचना मीडिया विभाग की ओर से जारी नहीं होती थी।

अब चूंकि, कोरोना बढ़ने के बाद चुनाव प्रचार के तौर तरीके ही पूरी तरह बदल गए हैं। भाजपा व आप पार्टी नेताओं ने वर्चुअल बैठकें शुरू कर मतदाता तंक अपनी बात पहुंचाना शुरू कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस के सभी अहम केंद्रीय व प्रदेश स्तरीय नेताओं की बात को मतदाता तंक पहुंचाना भी कठिन परीक्षा हो गयी है।

ऐसे माहौल में, बिखरी कांग्रेस के चुनाव प्रचार में तेजी लाना सीनियर आब्जर्वर मोहन प्रकाश के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। पूर्व सीएम हरीश रावत व प्रीतम गुट के बीच समन्वय स्थापित करना भी नये सीनियर आब्जर्वर मोहन प्रकाश को कुछ नये पाठ पढ़ायेगा। खांटी समाजवादी नेता मोहन प्रकाश यदि कांग्रेस के प्रदेश, जिला, ब्लाक, नगर व पंचायत स्तरीय मीडिया सेल को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर संगठित कर पार्टी के प्रचार में इस्तेमाल करने के बाद ही कांग्रेस की चुनावी नैया किनारे लगा सकते हैं।

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