मेरे सभी विकल्प खुले हैं। निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा। बीते पांच साल से हरीश भाई ने कभी रामनगर से चुनाव लड़ने की बात नहीं की। मैंने मेहनत की है। उसका फल दूसरा कैसे खा सकता है-रंजीत रावत
कुछ सीटों पर हाईकमान कर रहा पुनर्विचार
रंजीत समर्थक दिन भर बैठकों में मशगूल। बूथ कार्यकर्ता भी पोस्टर लिए उतरे मैदान में
नरेन्द्रनगर,टिहरी, चौबट्टाखाल, सल्ट,हरिद्वार ग्रामीण व रुड़की के टिकट का इंतजार
अविकल उत्त्तराखण्ड
रामनगर। वैसे तो विभिन्न दलों में टिकट बंटने के बाद घमासान मचा हुआ है। अल्मोड़ा से टिकट नहीं मिलने पर विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है लेकिन मंगलवार को पूर्व सीएम हरीश रावत की वीवीआईपी रामनगर सीट में जारी जंग केंद्र में रही। रामनगर दिन भर राजनीतिक गहमागहमी का केंद्र बना रहा। नाराजगी और गुस्से का इजहार होता रहा।भाजपा के सूत्र दिल्ली से लेकर रामनगर तक गुरु-चेले की जंग की पल पल के घटनाक्रम पर बारीक नजर रखे हुए हैं। भाजपा सूत्रों की रंजीत से ‘वार्ता’ की खबर भी सुनायी दे रही है।

रंजीत रावत के आवास पर समर्थकों की हुई बैठक में चुनाव लड़ने का संकल्प दोहराया गया। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में निर्दलीय ताल ठोकने की बात कही । वक्ताओं ने एकस्वर में हाईकमान से अपने निर्णय पर पुनर्विचार की बात भी कही।

इसके अलावा 150 बूथ लेवल कमेटियों ने हस्तलिखित पोस्टर के जरिये रंजीत के समर्थन की बात कही। रंजीत रावत के आवास पर सुबह से ही समर्थक समर्थन में नारे लगाते दिखे। पोस्टर में लिखा है हमें हरीश रावत नहीं रंजीत रावत चाहिए।
इस बीच, केंद्रीय नेताओं ने रंजीत रावत से बात कर मनाने की कोशिश की। लेकिन रंजीत रावत ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात दोहरायी। विरोध को देखते हुए पार्टी नेतृत्व अन्य विकल्प पर भी रंजीत रावत से बात कर रहा है।

मौके की नजाकत देख भाजपा सूत्रों ने रंजीत रावत के मन की थाह ली। सूत्रों के मुताबिक भाजपा हरीश रावत व रंजीत रावत को रामनगर में उलझा कर कांग्रेस की ताकत को सीमित करने में जुट गई है। उधर, रंजीत व हरीश समर्थकों के बीच तनाव गहराने की खबर भी सामने आ रही है।


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