अविकल उत्तराखंड
देहरादून। सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2021-2022 की रिपोर्ट पेश की। नियोजन विभाग की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में विभागों की आर्थिक हालात का वर्णन किया गया है।
इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 17.72 प्रतिशत जनता निर्धन मानी गयी है। अल्मोड़ा जिले में सबसे ज्यादा गरीब है । गरीबी का यह प्रतिशत 25.65 प्रतिशत आंका गया। जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक निर्धनता हरिद्वार जनपद में 29.55 प्रतिशत तथा नगरीय क्षेत्र में सर्वाधिक निर्धनता चम्पावत जनपद में 20.90 प्रतिशत थी।
- उत्तराखण्ड में बहुआयामी निर्धनता एवं सतत विकास लक्ष्य
5.1 बहुआयामी गरीबी में हेड काउन्ट रेशियों के घटते क्रम में उत्तराखण्ड राज्य 15 वें स्थान पर रहा। राज्य में 17.72 प्रतिशत जनसंख्या बहुआयामी निर्धन है। 25.65 प्रतिशत हेड काउन्ट रेशियों के साथ अल्मोड़ा जनपद में सर्वाधिक निर्धनता है तथा यह दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। जनपदों में ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक निर्धनता हरिद्वार जनपद में 29.55 प्रतिशत तथा नगरीय क्षेत्र में सर्वाधिक निर्धनता चम्पावत जनपद में 20.90 प्रतिशत थी। (पृष्ठ सं0-59, पैरा-5.5)
उत्तराखण्ड राज्य का पंचम आर्थिक सर्वेक्षण भाग 01 वर्ष 2021-22 को अर्थ एवं संख्या निदेशालय द्वारा तैयार किया गया हैं विगत वर्षों की भाँति आर्थिक सर्वेक्षण के इस संस्करण में राज्य की अर्थव्यस्था से संबंधित विभिन्न उतार चढाव, गत वर्षों की उपलब्धियों के साथ-साथ चालू वर्ष में आर्थिक, सामाजिक क्षेत्र की उपलब्धियों का तथ्यात्मक रूप से विश्लेषण किये जाने का प्रयास किया गया है, आर्थिक सर्वेक्षण भाग -01 वर्ष 2021-22 के मुख्य बिन्दु निम्न प्रकार है:
भारतीय अर्थव्यवस्था
● भारतीय अर्थव्यवस्था में वर्ष 2020-21 में अनन्तिम अनुमान के अनुसार 7.3 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है जबकि वर्ष 2021-22 में विकास दर 9.2 प्रतिशत रहने की सम्भावना हैं
• प्रचलित भावों पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वर्ष 2020-21 में ₹ 19746 लाख करोड तथा वर्ष 2021-22 में लगभग ₹232.15 लाख करोड़ आंका गया है स्थिर भावों (आधार वर्ष 2011-12) पर GDP वर्ष 2020-21 में ₹135.13 लाख करोड़ की तुलना में वर्ष 2021-22 में लगभग ₹147.54 लाख करोड रहने का अनुमान हैं
• संरचनात्मक दृष्टि से वर्ष 2021-22 में प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 21.01 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र का योगदान 25.95 प्रतिशत तथा तृतीयक क्षेत्र का योगदान 53.04 प्रतिशत रहने का अनुमान हैं
● भारत की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2020-21 में ₹1,28,829 थी, जो वर्ष 2021-22 में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हुए ₹1,50,326 होने का अनुमान हैं
राज्य अर्थव्यवस्था
• राज्य की विकास दर में वर्ष 2020-21 में अनन्तिम अनुमान के अनुसार -4.42 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई जबकि वर्ष 2021-22 में इसमें 6.13 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान हैं।
• वर्ष 2020-21 में अनन्तिम अनुमान के अनुसार प्रचलित भावों पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद ₹234,660 करोड़ आंकलित किया गया है जिसकी तुलना में वर्ष 2021-22 में यह ₹2,53,832 करोड़ रहने का अनुमान हैं।
• राज्य की अर्थव्यवस्था में 2021-22 में अनन्तिम अनुमानों के अनुसार प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 12.11 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र का योगदान 44.97 प्रतिशत तथा तृतीयक क्षेत्र का योगदान 42.92 प्रतिशत रहा हैं
• वर्ष 2020-21 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय (अनन्तिम) ₹1,82,898 आंकी गई, जबकि वर्ष
2021-22 में यह ₹ 1,968,282 अनुमानित हैं
• वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां ₹ 44,151 करोड़ है जोकि वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार ₹ 37.011 करोड़ से 19.29 प्रतिशत अधिक हैं केन्द्रीय करों में राज्य का भाग वर्ष 2021-22 (बजट अनुमान) मे ₹7440.98 करोड़
प्रधान मंत्री जन-धन योजना (PMIDY) के अन्तर्गत बैंको द्वारा इस योजना के आरम्भ (28.08.2014) से लेकर 31 मार्च, 2022 तक 30,39,442 खाते खोले गये है, जिसमें से 22,86, 147 (75.21% ) खाता धारकों को रूपे (Rupay) डेबिट कार्ड जारी किये गये है तथा 23,88,243 (78.57%) खातों को आधार संख्या से जोड़ा गया है
• प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के अन्तर्गत बैंकों द्वारा उत्तराखण्ड में 31 मार्च, 2022 तक
2,03,767 नए सूक्ष्म उद्यमियों को ₹2396.63 करोड़ का नए ऋण स्वीकृत किये गये हैं।
• दिनांक 09 नवम्बर, 2000 को राज्य के अस्तित्व में आने के पश्चात वर्ष 2000-2001 में प्राप्त कर संग्रह ₹233 करोड़ था, जो कि वर्ष 2021-22 तक लगभग 56 गुना बढ़कर ₹13,073,86 करोड़ (₹4,808.04 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) हो गया हैं
• राज्य के समस्त अन्त्योदय, प्राथमिक परिवार एवं राज्य खाद्य योजना के लगभग 2406031 राशन कार्डों को शतप्रतिशत डिजिटाईज करते हुये प्रत्येक राशन कार्ड तथा यूनिट को आधार से लिंक किया गया हैं
. जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को कुल 9,30,206 FHTCS (61.27%) प्रदान किए जा चुके है तथा 5,87,909 परिवारों को FHTCS से जोड़कर पेयजल उपलब्ध कराना शेष हैं
ग्रोथ सेन्टर योजना के अन्तर्गत क्लस्टर आधारित एप्रोच पर पर्वतीय क्षेत्रों में सूक्ष्म एवं लघु
विनिर्माणक एवं सेवा क्षेत्र के उद्यमों के सफल संचालन हेतु “ग्रोथ सेन्टर योजना” लागू की
गई हैं माह फरवरी, 2022 तक विभिन्न विभागों के 112 ग्रोथ सेन्टर स्वीकृत किये गये हैं पर्यटन सेक्टर की विभिन्न योजनाओं को पी०पी०पी० मोड़ में (लोक-निजी-सहभागिता) संचालित करने की कार्यवाही गतिमान हैं “सुरकण्डा देवी रोपवे माह अप्रैल, 2022 से चालू हो गया है
• वर्ष 2021-22 में 140231 छात्रों के सापेक्ष आतिथि तक 132963 छात्रों को रू० 12000/ ! – (प्रति छात्र) डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से धनराशि उनके खातों में वितरित की गयी हैं
• 19 लाख परिवारों में से, जिनमें 03 लाख परिवार राजकीय सेवक / पेंशनर के सम्मिलित हैं, कि सापेक्ष कुल 18.25 लाख परिवारों (कम से कम एक सदस्य) के 42.66 लाख गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं
● • नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत पात्र परिवार की प्रथम 02 बालिकाओं को प्रथम किश्त में ₹ 111000 की धनराशि एवं द्वितीय किश्त में ₹ 51000 की धनराशि प्राप्त करायी जायेगीं वर्ष 12021-22 तक 1,43,732 बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका हैं
• राज्य के विभिन्न कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली के क्रियान्वयन की प्रक्रिया गतिमान हैं सचिवालय की कार्यप्रणाली को डिजिटाईज्ड किये जाने हेतु एन0आई0सी0 के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर “E-Office’ का चयन किया गया हैं
5.2 सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति मापन हेतु एस०डी०जी० डैशबोर्ड क्रियाशील है। एस०डी०जी० डैशबोर्ड के अन्तर्गत जनपदवार 125 संकेतकों के आधार पर जनपदवार इंडेक्स तैयार किया गया। (पृष्ठ सं0-62, पैरा-5.8)
5.3 राज्य द्वारा सतत् विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन में उत्तरोतर प्रगति की जा रही है। नीति आयोग भारत सरकार द्वारा जारी एस०डी०जी० की रैंकिंग के अनुसार राज्य की वर्ष 2018 में 11वीं रैंक थी, जो वर्ष 2019 में 10वीं हो गयी तथा वर्ष 2020 में चौथी रैंक हो गयी। (पृष्ठ सं0-62, पैरा-5.9 )
आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 के दौरान निर्धारित वार्षिक लक्ष्य ₹3,461.37 करोड़ के सापेक्ष ₹3,017.34 करोड़ का राजस्व संग्रह किया गया, जबकि वर्ष 2021-22 हेतु निर्धारित वार्षिक लक्ष्य ₹3,202.00 करोड़ के सापेक्ष ₹3,260.35 करोड़ का संग्रह किया गया। आबकारी विभाग द्वारा संग्रह किये जाने वाला राजस्व उत्तराखण्ड राज्य को प्राप्त राजस्व का 18 से 19 प्रतिशत के मध्य रहता है। (पृष्ठ सं0-51, पैरा – 4.17 )
8.10 राज्य में ₹100-100 करोड़ की लागत से पतंजली फूड एण्ड हर्बल पार्क जनपद हरिद्वार में स्थापित है तथा दूसरा हिमालय मेगा फूड पार्क, महुआखेडा, काशीपुर, उधमसिंहनगर में स्थापित किया गया है। (पृष्ठ सं0 99, पैरा- 20 )
12.6 भारत सरकार की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत गंगा नदी की मुख्य धारा पर स्थित 15 नगरों क्रमशः हरिद्वार, ऋषिकेश, स्वर्गाश्रम, तपोवन, मुनि-की-रेती, कीर्तिनगर, श्रीनगर, श्रीकोट, नन्दप्रयाग, रूद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, गोपेश्वर चमोली, जोशीमठ, बद्रीनाथ एवं उत्तरकाशी में गंगा नदी की स्वच्छता एवं प्रदूषण की रोकथाम हेतु स्वीकृत ₹915.71 करोड़ की 22 योजनाओं में से 20 योजनाओं के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। इन 22 योजनाओं के अंर्तगत 131.87 एम0एल0डी0 (मिलियन लीटर प्रति दिन) क्षमता के प्रस्तावित 32 नये सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट के सापेक्ष 129.17 एम0एल0डी० क्षमता के 31 सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। (पृष्ठ सं0-142. पैरा- 12.1.6)
12.7 बेसलाईन सर्वेक्षण 2012 के उपरान्त भी कतिपय परिवार ऐसे थे जो कि बेसलाईन सर्वेक्षण में विभिन्न कारणों से सम्मिलित नहीं हो पाये थे। ऐसे परिवार यथा छूटे हुये परिवार (LoB), कोई भी परिवार शौचालयविहीन न रहना (NoLB), जनसंख्या वृद्धि के कारण बढे हुए परिवारों को समय-समय पर स्वच्छ भारत • मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 तक शौचालय सुविधा से आच्छादित किया गया। (पृष्ठ सं0- 143, पैरा – 12.1.7.1)
13.10 खनन से राजस्व प्राप्ति के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में खनिजों से कुल ₹506.24 करोड़ का राजस्व तथा चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में ₹575.00 करोड़ का राजस्व अर्जित करते हुये खनन सेक्टर / व्यवसाय में कई प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित कराये गये ।
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चिंताजनक- पर्वतीय जिलों में 20 हजार हे. भूमि बंजर में तब्दील
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