सदन में सरकार ने कहा, अंकिता भंडारी केस में हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेंगे, जांच में कोई वीआईपी नहीं

अंकिता भंडारी समेत कानून व्यवस्था पर विपक्ष ने दिखाए तेवर. कांग्रेस विधायक आदेश चौहान को धमकी के मुद्दे पर सात दिन में सरकार एक्शन ले.

अनुपूरक बजट पेश.सरकारी नौकरी में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण व धर्मानंतरण विधेयक पेश.

मातृशक्ति के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार प्रतिबद्धः धामी

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन अंकिता भंडारी मामले में वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं होने, सीबीआई जांच कराने, नशे का फैलता कारोबार समेत अन्य मुद्दे उठाकर विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए सदन से वाकआउट किया। सरकार ने कहा कि, अंकिता भण्डारी मामले में सीबीआई जांच के बाबत हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने 5440.43 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया।धामी सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा(महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) व धर्मानंतरण विधेयक 2022 सदन में पेश किया ।

मंगलवार की सुबह 11 बजे प्रश्नकाल की शुरुआत में ही नेता विपक्ष यशपाल आर्य व प्रीतम सिंह ने नियम 310 के तहत बिगड़ती कानून व्यवस्थानपर चर्चा कराए जाने की मांग की। स्पीकर ऋतु खंडूडी ने भोजनावकाश के बाद नियम 58 के तहत कानून व्यवस्था और चर्चा कराने का भरोसा दिया।

भोजनावकाश के बाद अनुपूरक बजट पेश करने के बाद कांग्रेस ने नियम 58 के तहत अंकिता भंडारी, केदार भंडारी, जसपुर में ज्येष्ठ उप प्रमुख की पत्नी की हत्या, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या की साजिश, कांग्रेस विधायक आदेश चौहान को घर में घुसकर धमकी देने, हत्या, बलात्कार समेत कई अन्य आपराधिक वारदातों को गिनाते हुए बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सरकार से जवाब मांगा।

विपक्ष के आरोपों को सुनने के बाद स्पीकर ऋतु खंडूडी ने कांग्रेस विधायक आदेश चौहान को धमकी देने के मामले में सरकार को एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई करने जे आदेश दिए।

संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस शासन की तुलना में भाजपा राज में अपराध कम हुए हैं।

अंकिता भंडारी व कानून व्यवस्था पर कांग्रेस ने किए कड़े प्रहार

नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के बजाय अपराध भूमि बन चुकी है ।
नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में नियम 310 की चर्चा जो नियम 58 में सुनी गई पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि ,
    पिछले कुछ समय से राज्य की कानून व्यवस्था तार-तार हो गई है ऐसा लग रहा है कि उत्तराखण्ड में कानून के राज्य के बजाय अपराधियों का राज्य चल रहा हो।


उन्होंने बताया कि ,  यदि गृह विभाग द्वारा प्रदान की गई सूचनाओं पर ही भरोसा कर लिया जाय तो 1 मार्च 2022 से लेकर 15 नवंबर 2022 तक याने 8 महिनों में राज्य में 139 हत्याऐं हुई है , 279 महिलाओं का अपहरण हुआ है और 554 से अधिक बालात्कार की घटनाऐं हुई हैं।
उनका आरोप था कि , अब उत्तराखण्ड का गृह विभाग कमजोर तबके याने अनुसूचित जाति के लोगों के साथ हो रहे अपराधों की सूचना भी संग्रहित नहीं करता है।
    नेता प्रतिपक्ष ने आंकिता हत्याकांड , पिंकी हत्याकांड , जगदीश हत्याकांड सहित उधम सिंह नगर में हुई हाल की घटनाओं में हुई हत्याओं के उदाहरण दिया।


      उन्होंने कहा कि ,माननीय अध्यक्ष जी विधानसभा का समय महत्वपूर्ण है यहां 8 महिनों में हुई 139 में से हर हत्या , 554 बालत्कारों और 279 महिलाओं के हुए अपहरणों की चर्चा नहीं की जा सकती है। इसलिए मैंने ये चार- पांच उदाहरण माननीय सदन के सामने रखे हैं।


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि  हर मामले में या तो अपराधियों को सत्ता का संरक्षण था या फिर पुलिस की लापरवाही । और मामलों पर भी चर्चा करेंगे तो यही सब परिस्थितियां निकलंेगी।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष व ‘चकराता’ विधायक श्री प्रीतम सिंह ने नियम 310 के अंतर्गत कार्य स्थगन की सूचना में “अंकिता भण्डारी हत्याकांड” की ‘सीबीआई’ जाँच तथा प्रदेश की “ध्वस्त व बदहाल हो चुकी कानून व्यवस्था पर तीखे प्रहार किए।उन्होंने कहा कि वीआईपी का अभी तक पता नहीं चल सका है।

चकराता से कांग्रेस के विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि अंकिता भंडारी मर्डर केस में बुलडोजर चलाने वाले पर अभी तक कोई र्कावाई नहीं हुई है। सरकार

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह के अलावा तिलकराज बेहड़, वीरेंद्र जाति भुवन कापड़ी, ममता राकेश, अनुपमा रावत, विक्रम सिंह,खुशहाल सिंह अधिकारी, गोपाल राणा, सुमित ह्रदयेश व अन्य कांग्रेस विधायकों ने बढ़ते अपराध के साथ नशे के बढ़ते दुष्प्रभाव पर सरकार का ध्यान खींचा। नशे को लेकर सदन में झलकी चिंता ने यह साफ कर दिया कि उत्तराखंड भी उड़ता उत्तराखण्ड बनता जा रहा है।

जांच में वीआईपी का नाम नहीं-संसदीय कार्यमंत्री

कांग्रेस के कड़े प्रहार के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने अंकिता हत्याकांड को दुखद घटना करार देते हुए पुलिस व SIT जॉच के लेखा जोखा सदन के सामने रखा।

संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि रिसोर्ट में वीआईपी कमरे हैं। अभी तक की जांच में किसी भी वीआईपी का नाम सामने नहीं आया। रिसॉर्ट के रजिस्टर की जांच में भी किसी वीआईपी का नाम नहीं है।

सीएम धामी व नेता विपक्ष यशपाल आर्य

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कोई साक्ष्य नष्ट नहीं हुए हैं। सभी सबूत सुरक्षित हैं। तीनों अपराधी जेल में हैं। SIT सही दिशा में जांच कर रही है। हाईकोर्ट में साक्ष्य पेश किए गए हैं । जांच के वाबत हाईकोर्ट का जो भी आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा।

देर शाम तक चली चर्चा में संसदीय कार्यमंत्री के जवाव से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाक आउट कर दिया।

विधानसभा में बेहड़ धरने पर बैठे

विधानसभा में धरने पर बैठे विधायक तिलकराज बेहड़
सत्र शुरू होने से पहले ही किच्छा में कानून व्यवस्था को लेकर विधायक तिलकराज बेहड़ विधान सभा में धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि किच्छा में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। गुंडा गर्दी से लोगों में खौफ का माहौल है। किसानों का शोषण हो रहा है।

मातृशक्ति के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार प्रतिबद्धः धामी


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड की मातृशक्ति के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। राज्याधीन सरकारी सेवाओं में उनके 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को संरक्षित करने के लिए हमने राज्य की महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए विधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया है, ताकि उनके हितों का समुचित संरक्षण हो सके।

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