भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक 22 मार्च को बागेश्वर में सरकारी हेलीकाप्टर से लैंड किये, गार्ड ऑफ ऑनर भी लिया। प्रोटोकॉल का हुआ उल्लंघन
पुलिस की टुकड़ी ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर, विरोध शुरू
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। ..तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मामा मदन कौशिक पहाड़ चढ़े नहीं सीधे हवाई मार्ग से लैंड किये। लैंड ही नही किये बल्कि कौशिक को पुलिस की टुकड़ी ने प्रोटोकोल का उल्लंघन कर बागेश्वर के मैदान में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
पार्टी अध्यक्ष के सरकारी हेलीकाप्टर से उतरते हुए व गार्ड ऑफ ऑनर की फोटो वायरल होते ही विपक्ष ने बवाल मचा दिया।

पूर्व कैबिनेट मंत्री व मौजूदा अध्यक्ष कौशिक का बागेश्वर, चंपावत व पिथौरागढ़ नक तीन दिवसीय दौरा सोमवार 22 मार्च से शुरू हुआ। उम्मीद यह जतायी जा रही थी कि हरिद्वार की राजनीति से उभरे मदन कौशिक सड़क मार्ग से कार्यकर्ताओं से मिलते हुए तीनों जिलों का दौरा करेंगे।
यही नही, इस दौरे में उनकी पर्वतीय इलाके में सीधे संवाद का भी राजनीतिक आंकलन होना था। बहरहाल, पहले ही दौरे में सरकारी हेलीकॉप्टर के प्रयोग व गार्ड ऑफ ऑनर लेने से कौशिक का दौरा विवादों में घिर गया है।
चूंकि, मदन कौशिक फिलहाल किसी संवैधानिक पद और नहीँ है। फिर भी किसी मंत्री के हेलीकाप्टर को शेयर करने से उन पर कोई उंगली नहीं उठती। यही नही, गार्ड ऑफ ऑनर के औचित्य पर भी गहरे सवाल उठ रहे है।
पहाड़ पर अध्यक्ष मदन कौशिक की लैंडिंग ने सीएम तीरथ के ताजे बयानों के साथ साथ एक नया विवाद भी जुड़ गया है।

उत्त्तराखण्ड कांग्रेस का हमला
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्या गरिमा महरा दसौनी ने कहा कि बागेश्वर जनपद के अपने भ्रमण के दौरान मदन कौशिक को संविधान एवं नियम कानूनों की धज्जियां उडाते हुए देखा गया हैं जोकि अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। मदन कौशिक बागेश्वर ना सिर्फ सरकारी हैलीकाॅप्टर का इस्तेमाल करके पहुॅचे बल्कि वहां पुलिस प्रशासन के द्वारा उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर भी दिया गया। मदन कौशिक पूर्व में शासकीय प्रवक्ता रहने के साथ-साथ काबिना मंत्री के पद पर भी रहे हैं लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि खुद को ज्ञान का भण्डार समझने वाले कौशिक या तो अपने आप को संिवधान से भी उपर समझने लगे हैं या अपना विवेक खो चुके हैं। दसौनी ने कहा कि ऐसा जान पड़ रहा कि प्रदेश के भाजपाईयांे में विवाद उत्पन्न करने की एक होड़ सी लगी हुई है कोई अपने बयानों से चर्चाओं में रहना चाह रहा है तो कोई अपने कृत्यांे से।

कौशिक से प्रश्न करते हुए दसौनी ने कहा कि क्या उन्हें इतना भी भान नही है कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सरकारी सुविधायेें और गार्ड आॅफ आॅनर किसी भी दल के प्रदेश अध्यक्ष को नियम के तहत लागू नही है। ऐसे में दसौनी ने सरकार से इस पूरे प्रकरण की जाॅच एवं संज्ञान लेने का आग्रह किया एवं कौशिक को यह सभी सुविधायें उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है। और मदन कौशिक से भी अपेक्षा की है कि वह इस प्रकरण की पुर्नरावर्ती ना करते हुए आयंदा नियम कानूनांे के तहत ही आचरण करेगे। दसौनी ने कहा कि इस पूरे प्रकरण से प्रदेश में कौशिक ने एक गलत परंपरा की नींव डाली है इसीलिए उनको इस गलती के लिए सार्वजनिक तौर माफी भी मांगनी चाहिए।
मामा मदन चढ़ेंगे पहाड़ pls clik
..तो मामा मदन अब चढ़ेंगे पहाड़
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