पहाड़ी अल्हड़ लड़की ने कर दिया पानी पानी.देखें वीडियो

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून.उत्त्तराखण्ड में विश्व बैंक, नाबार्ड, केंद्र व  राज्य सरकार पानी पर करोड़ों- अरबों रुपया खर्च कर रही है। लेकिन एक मासूम पहाड़ी लड़की के वीडियो ने सत्ता,समाज,पर्यावरणविद व सिस्टम को पानी पानी कर दिया। बेहद अल्हड़, भोलेपन व बिंदास अंदाज में बने इस वीडियो ने बड़े बड़े दावे करने वालों को भी नया पाठ पढ़ा दिया है।

प्रतीकात्मक चित्र

उत्त्तराखण्ड के गढ़वाल इलाके के इस वायरल वीडियो में गांव की एक मासूम लड़की भोलेपन से बता रही है कि कैसे वे लोग दूर से पानी ला रहे हैं। मम्मी-पापा बुड्ढे हो गए। ज्यादा पानी नहीँ ला सकते।कालू बैल की गर्दन में पांच पांच लीटर की पानी की कैन बंधी है। अन्य बैल भी गर्दन में बंधी पानी से भरी दो दो लीटर की बोतलें लिए पगडंडी पर चले जा रहे हैं। गले में बंधी घण्टी भी लगातार बज रही है। बकरियां भी पगडंडी पर आगे आगे चल रही।

खिलखिलाती हुई मासूम लड़की पतली पहाड़ी पगडंडी पर बाकायदा कमेंट्री करती हुई चल रही है कि पानी की कमी के कारण कैसे बैलों व स्वंय पानी ला रही है। पगडंडी पर उनकी बकरियां भी चल रही है। लड़की यह भी कहती है कि बकरियां छोटी है अभी, नहीं तो उनकी गर्दन में भी पानी से भरी बोतलें लटका देती।

इस वीडियो में एक उछलता कूदता करीब 7 साल का एक बालक भी दिख रहा है। जो दिल्ली से गांव आया है और वापस लौट भी जाएगा। लगता है कि बालक लॉकडौन में गांव आया हो। यह बालक भी हाथ में डंडी पकड़े पीठ पर पानी की दो बोतल लटकाए मस्ती में चल रहा है।

इस मासूम को लेकर लड़की कहती है कि ये दिल्ली से आया है। देसी है लेकिन आजकल गढ़वाली बना हुआ है। फिर ये दिल्ली चला जायेगा। बालक ने सिर पर टोपी पहनी है और स्वेटर भी। इससे लगता है कि वीडियो नया ही है।

Uttarakhand, peyjal, jal

वीडियो बना रही लड़की अपनी फंची (कपड़ों से बना थैला टाइप) में भी 5-5 लीटर की पानी की कैन  बांधे हुए है। वीडियो में लड़की की आवाज है लेकिन चेहरा नहीं दिखाती। अपनी समस्या व दूर से पानी लाने के कष्ट को मासूम लड़की बहुत ही हंसते हंसते बयां भी कर जाती है। उसे नही पता कि कहीं उसकी यह खिलखिलाहट भरी पीड़ा अलमबरदारों के कानों का पर्दा न फाड़ दे…..

…ताकि सनद रहे

केंद्र सरकार की “हर घर नल जल” व जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रुपये की पेयजल योजनाएं धरती पर उतारने की बात हो रही है लेकिन उत्त्तराखण्ड में बैलों के जरिये पानी की सप्लाई की जा रही है। उत्त्तराखण्ड के पेयजल विभाग में करोड़ों के घोटाले की जांच भी चल रही है। सरकारी खजाने को पानी की तरह पी गए अलम्बरदार

1-विश्व बैंक –
की योजना 975 करोड़ की योजना से 22 अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में पानी पर काम किया जाना है।

2- नाबार्ड-
उत्त्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में नाबार्ड पोषित योजनाओं से 7.09 लाख जनसंख्या को साफ पानी उपलब्ध कराया जाएगा। नाबार्ड 22 नई योजनाओं को भी धनराशि देगा। नाबार्ड ने फिलहाल पेयजल विभाग को 190 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है।

3- हर घर नल जल अभियान – उत्तराखंड सरकार ने 2020-21 के बजट में 1165 करोड़ रुपये की व्यवस्था की। इससे सात लाख लोगों को पानी मिलेगा.

4-जल जीवन मिशन –  1 लाख 84 हजार नए निजी कनेक्शन देने का लक्ष्य .134 करोड़ का बजट.

5- वर्ष 2020-21  में  680 हैंडपंप, पांच मिनी ट्यूबवेल और 20 गहरे ट्यूबवेल लगाने का निर्णय।
– 810 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का जीर्णोंद्धार
– 70 ग्रामीण व 10 नगरीय पेयजल योजनाएं पूरी जाएंगी।

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *