आईएएस राधिका झा लंबी छुट्टी पर, जावलकर से क्यों हटा सूचना विभाग

आईएएस राधिका झा के लंबी छुटी पर जाने से सत्ता के गलियारे सरगर्म

शिक्षा विभाग में टेबलेट खरीद के मुद्दे पर उभरे मतभेद

त्रिवेंद्र काल में पावरफुल रही आईएएस राधिका झा से एक एक कर कई विभाग हटाये गए

आईएएस पंकज पांडे के सामने विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकार की छवि बनाने की कड़ी चुनौती

हाईकोर्ट के समन के बाद आईएएस दिलीप जावलकर पर लगे उत्पीड़न के आरोपों से जुड़ी फ़ाइल फिर खुली

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। आईएएस लाबी में हुए ताजातरीन फेरबदल को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में सत्ता की धुरी रही आईएएस राधिका झा लंबी छुट्टी पर चली गयी हैं। सूत्रों के मुताबिक राधिका झा ने चाइल्ड केअर लीव (CCL) के तहत लंबी छुट्टी ली है। सूत्रों के मुताबिक राधिका झा ने मार्च 2022 तक CCL ली है।

आईएएस राधिका झा

सत्ता के गलियारों में राधिका झा से विद्यालयी शिक्षा हटाने की सुगबुगाहट शुरू हो गयी थी। ब्यूरोक्रेसी कॉरिडोर में यह भनक लगते ही आईएएस राधिका झा ने CCL की एप्लीकेशन दे कर लंबी छुट्टी ले ली।

सत्ता से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग में टेबलेट खरीद को लेकर अंदरखाने एक राय नहीं बन पा रही थी। राज्य सरकार स्टूडेंट्स के बीच यह टेबलेट बांटेगी। सूत्रों के मुताबिक आईएएस राधिका झा के इस फाइल में एक नोट को लेकर उच्च स्तर पर खलबली मच गई । इसके बाद ही शासन ने राधिका झा से विद्यालयी शिक्षा की जिम्मेदारी वापस लेने का फैसला किया। इस बदलाव के बाद राधिका झा सिर्फ निवेश आयुक्त की जिम्मेदारी ही रह गयी।

इस फेरबदल की सूचना लीक होते ही राधिका झा ने लंबी चाइल्ड केअर लीव ले ली। त्रिवेंद्र रावत के समय लगभग 4 साल से भाजपा सरकार में कद्दावर विभाग संभाल चुकी धामी सरकार में लंबी छुट्टी ओर चले जाना सत्ता के गलियारों में कई सवाल छोड़ गया।

इसके अलावा त्रिवेंद्र व तीरथ काल में  पर्यटन व सूचना की जिम्मेदारी संभाल रहे आईएएस दिलीप जावलकर से विधानसभा चुनाव से चार महीने फके सूचना विभाग हटा लेने से भी नौकरशाही में सुगबुगाहट तेज हो गयी है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी नौकरशाही को लेकर लगातार नये नये फैसले लेते जा रहे हैं। अब तक आईएएस व पीसीएस अधिकारियों के विभिन्न चरणों में ट्रांसफर किये गए। शनिवार, 2 अक्टूबर को आईएएस के कार्यों में एक बार फिर फेरबदल किया गया।

अभी तक पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के समय सबसे पावरफुल माने जाने वाले कुछ बड़े अधिकारी हाशिये पर दिखाई दे रहे हैं।

सीएम पद की शपथ लेते ही पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश तुरंत हटा दिए गए थे। शुरुआती दौर में आईएएस राधिका झा को भी हल्का किया गया। लेकिन बाद में विद्यालयी शिक्षा जैसा महत्वपूर्ण महकमा देकर पावर कॉरिडोर में हलचल मचाई। और लगभग एक महीने के अंदर शनिवार को फिर विद्यालयी शिक्षा वापस लेकर राधिका झा को फिर से हल्का कर दिया। 

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के काल में आईएएस राधिका झा सत्ता की धुरी बन गयी थी। इनके आईएएस पति नितेश झा भी बड़े विभाग संभाल रहे थे। लेकिन बीते दो महीने आए हो रहे बदलाव में नितेश झा भी मुख्यधारा से किनारे कर दिए गए। नितेश झा को एक पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी दी गयी थी। अपुष्ट जानकारी के मुताबिक अभी तक नितेश झा ने भी नये विभाग की जिम्मेदारी नहीं संभाली है।

आईएएस दिलीप जावलकर से सूचना की जिम्मेदारी वापस ली

2 अक्टूबर के फेरबदल में सूचना सचिव दिलीप जावलकर को भी झटका दिया गया। भाजपा के दो पूर्व सीएम त्रिवेंद्र व तीरथ सिंह रावत के समय से सूचना जैसा महत्वपूर्ण विभाग देख रहे दिलीप जावलकर से यह जिम्मेदारी वापस ले लेना भी नौकरशाही को नया संदेश माना जा रहा है।वो भी तब जब सचिव जावलकर अपने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के साथ मुंबई में फिल्म जगत से जुड़े निर्माता निर्देशकों को उत्त्तराखण्ड में शूटिंग के न्योता दे रहे थे।

आईएएस दिलीप जावलकर

दरअसल, कुछ समय पहले हुए फेरबदल में जावलकर को दिल्ली में स्थानिक आयुक्त कार्यालय की जिम्मेदारी दी गयी थी। लेकिन तुरंत ही जावलकर से यह जिम्मेदारी हटा दी गयी थी। तर्क दिया गया कि वो मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बद्री केदार के पुनर्निर्माण का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट भी देख रहे हैं। इस प्रोजेक्ट को लेकर पीएम मोदी के सलाहकार भाष्कर खुल्बे हाल ही में बद्री केदार का दौरा कर महत्वपूर्ण फीडबैक ले गए।

हालांकि, सूत्रों का यह भी कहना है कि सूचना के साथ पर्यटन सचिव का काम देख रहे जावलकर बद्री केदार पुनर्निर्माण कार्यों को भी देख रहे है। इस बीच, विधानसभा चुनाव से मात्र 4 महीने पहले सूचना विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त कर देने से यह भी साफ हो गया है कि सरकार बहुत संतुष्ट नहीं है।

सूचना व पर्यटन सचिव उस समय सुर्खियों में आये थे जब संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट ने फरवरी 2021 में दिलीप जावलकर पर कार्यस्थल में उत्पीड़न का आरोप लगाकर सनसनी मचा दी थी। बीना भट्ट ने अपने आरोप में साफ कहा था कि सचिव दिलीप जावलकर ने उनके प्रमोशन में अड़ंगा लगाने के अलावा एक ठेकेदार व NGO को काम देने का अतिरिक्त दबाव बनाया।

संस्कृति निदेशक बीना भट्ट ने तत्कालीन कार्मिक सचिव राधा रतूड़ी को भेजे पत्र में विस्तार से आरोपों का ब्यौरा लिखा था। हालांकि, शासन स्तर पर बनी जांच कमेटी ने सूचना सचिव दिलीप जावलकर का लिखित पक्ष जानकर जून 2021में उन्हें क्लीन चिट भी दे दी थी। ताज्जुब की बात यह रही कि इस मामले में जांच कमेटी ने पीड़िता बीना भट्ट का पक्ष ही नहीं सुना।

बाद में नैनीताल हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेने के बाद उत्त्तराखण्ड शासन को समन भेजा। समन के बाद मचे हड़कंप के बाद शासन ने संस्कृति निदेशक के उत्पीड़न के आरोपों से जुड़ी फ़ाइल फिर से ओपन करनी पड़ी।

इसके अलावा, विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रदेश सरकार अपनी नीतियों के मीडिया में बेहतर प्रचार प्रसार को लेकर काफी गंभीर दिख रही है।

आईएएस दिलीप जावलकर से सूचना का दायित्व लेकर पंकज कुमार पांडेय को दे दिया। पूर्व में भी पंकज पांडेय सूचना विभाग की जिम्मेदारी उठा चुके हैं। करोड़ों के बहुचर्चित NH 74 घोटाले में भी आईएएस पंकज पांडे पर लगे आरोपों के बाद जांच बैठायी गई थी। जांच के बाद आईएएस पंकज पांडे को भी क्लीन चिट मिल गयी थी।

2 अक्टूबर को नौकरशाही में फेरबदल की सूची

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बेहतर मीडिया मैनेजमेंट को ध्यान में रखते हुए सचिव को हटा देने के बाद नये सचिव पंकज पांडे के कंधों पर धामी सरकार बेहतर इमेज बनाने की बड़ी जिम्मेदारी आन पड़ी है। पंकज पांडे पर आलाकमान की मेहरबानी का असर यह भी दिखा की उन्हें  सूचना के अलावा अन्य बड़े विभागों की भी जिम्मेदारी दी गयी है।

बहरहाल, त्रिवेंद्र राज में बेहद पावरफुल रही आईएएस राधिका झा के लंबी छुट्टी पर जाने से उत्त्तराखण्ड की नौकरशाही में सब कुछ ठीक ठाक न होने को लेकर कई कहानियां बाहर आने लगी है।

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