एक मां और एक योगी.. गूंजती रहेगी जज्बात व संयम की ये अनूठी कहानी

2020 में पिता आनन्द सिंह बिष्ट के निधन के बाद अपने गांव पंचूर पहुंचे सीएम योगी

अविकल थपलियाल

पंचूर, यमकेश्वर। एक माँ और एक योगी। तीन दशक बाद पंचूर गांव में मेले का माहौल है। योगी जी मां से मिलने अपने घर जो आये हैं। लंबे अर्से बाद मिले। पैर छूकर मां का आशीर्वाद लिया। दो साल पहले पिता आनन्द सिंह बिष्ट के निधन के बाद मां-बेटे की पहली मुलाकात थी। दीवार पर स्वर्गीय पिता की माला डली फ़ोटो टँगी हुई। पुरानी यादों के बीच भावनाओं का समंदर भी उठा। पिता की याद में आंखें भी नम हुई। मां को हौसला दिया और खुद को संयत भी किया। और फिर हंसी ठिठोली व बातचीत का लंबा दौर भी चला।

चूंकि, सन्यस्त भाव है लिहाजा भावनाओं के ज्वार को भी थामना है। बहुप्रतीक्षित मिलन की इस घड़ी में सैकड़ों आँखें योगी पर टिकी थी। लेकिन पिता की मौत के बाद पहली बार मां सावित्री देवी,परिजनों व पुराने लोगों से मिल रहे योगी सभी को संभालते नजर आए। सभी की खोज खबर लेते रहे।

दिन में अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की मूर्ति के अनावरण व स्कूल के पुराने शिक्षकों का सम्मान कर  सांझ ढले घर पहुंचे योगी को देख पूरा गांव उत्साहित नजर आया। अपने भाई मानवेन्द्र, महेंद्र व बहनों से भेंट कर खैर खबर ली। पंडाल में सभी परिजन व गांव के लोगों से मुलाकात का दौर भी रात तक चलता रहा।

योगी ने गांव के बच्चों के साथ भी खूब बातें की। कई साल बाद गांव में रुके सीएम योगी के चेहरे पर खिली मुस्कान व संतुष्टि के भाव साफ पढ़े गए। परिजनों से बातचीत में अपने गुरु अवेद्यनाथ को बार बार जिक्र करते नजर आए। सभी को बताया कि वे 1940 के बाद से ही गांव आना चाहते थे लेकिन आ नही पाए। डिग्री कालेज की स्थापना के औचित्य पर कहा कि गुरु अवैद्यनाथ इस इलाके की शिक्षा व्यवस्था के बाबत काफी चिंतित रहते थे।

दो साल पहले पिता की मृत्यु के समय घर नहीं आ पाए योगी ने मंगलवार को मां से आशीर्वाद लेती फ़ोटो भी ट्वीटकिया। 2020 में कोरोना की जंग में उलझे सीएम योगी ने एक इंटरव्यू में भावुक होकर कहा था कि वे अपनी मां से मिलने का साहस जुटा रहे है। एक महीने पहले 4 अप्रैल को सीएम योगी ने “अविकल उत्तराखंड” से विशेष मुलाकात में कहा था कि वे जल्द ही अपने गांव जाएंगे।

और मंगलवार को वो दिन आ ही गया। योगी के घर आगमन से बच्चे, बूढ़े और जवान के चेहरे की रौनक देखते ही बन रही। बुधवार को वे अपने भतीजे के चूड़ाकर्म संस्कार में हिस्सा लेंगे।

फिलवक्त, पंचूर गांव में सुरक्षमर्मियों ब प्रशासनिक अधिकारियों ने डेरा डाला हुआ है। गांव वालों के लिए उनकी मौजूदगी भी किसी कौतुहल से कम नहीं है। बुधवार को भी योगी अपने गांव में काफी समय बिताएँगे।  मां- बेटे के इस भावुक मिलन से पंचूर गांव में समय कुछ पल के लिए ठहर गया…गांव से निकल कोटद्वार-ऋषिकेश को पार कर गोरखपुर में संन्यास लेने वाला अजय बिष्ट आज एक योगी बन लम्बे समय बाद अपनी मां से मिलने पहुंचा।

मंगलवार से तारी भावनाओं के इस सैलाब की कहानी लम्बे समय सुनाई जाती रहेगी…दो दिन बाद सीएम योगी शासन-सत्ता के गलियारों में मसरूफ हो जाएंगे लेकिन उत्तर प्रदेश के दूसरी बार सीएम बने एक योगी और मां के संयम और जज्बात के मिलन की यह कहानी बरसों बरस तक पहाड़ से लेकर सागर तक गूंजती रहेगी…

Pls clik

जन्मभूमि को नमन कर गुरुओं का लिया आशीर्वाद

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *