कांग्रेस में उठा गढ़वाल-कुमायूँ का तूफान,फैसले पर प्रवक्ता की तीखी टिप्पणी

कलह- कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता प्रतिमा सिंह व गिरीश चन्द्र ने सोशल मीडिया में गढ़वाल-कुमायूँ व रिश्तेदारी की बात कह हाईकमान के फैसले पर उठाए सवाल। मीडिया इंचार्ज गरिमा दसौनी पर निशाना साध कर गढ़वाल-कुमायूँ को बांटने वाले इस पोस्ट पर गुरुवार की शाम मीडिया कमेटी की बैठक में भी जमकर बवाल की खबर है। हाईकमान के निर्देश पर देर शाम वो बांटने वाली फेसबुक पोस्ट हटा दी गयी। लेकिन तब तक पोस्ट काफी जगह देख व पढ़ ली गयी थी। लेकिन उत्त्तराखण्ड को बांटने वाली इस पोस्ट से पार्टी को जो नुकसान होने था वो हो चुका।

काँग्रेस की मीडिया कमेटी की बैठक में हुआ बवाल।

गरिमा मेहरा को गढ़वाल का मीडिया इंचार्ज बनाने पर प्रदेश प्रवक्ता प्रतिमा सिंह की प्रतिकूल फेसबुक पोस्ट से मचा बवाल

पूर्व सीएम हरीश रावत व करण माहरा पर भी इशारों में किया वार

कांग्रेस के इस गढ़वाल-कुमायूँ के खेल से दिग्गज असहज, अनुशासनहीनता का मामला बनेगा

कांग्रेस की बढ़ी परेशानी, भाजपा को मुद्दा भुनाने का मौका

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। सत्ता का ख्वाब बुन रही कांग्रेस गढ़वाल-कुमायूँ की आत्मघाती जंग में उलझ गयी। यह खुली महाभारत कांग्रेस के दिग्गजों के बीच न होकर हालिया मीडिया कमेटी के पदधारकों के बीच देखी जा रही है।

प्रदेश प्रभारी के साथ मीडिया इंचार्ज गरिमा व दीपक बल्यूटिया। प्रभारी की घोषणा का पार्टी पदाधिकारी प्रतिमा सिंह ने 24 घण्टे के अंदर विरोध कर खलबली मचा दी।

हाईकमान के निर्देश पर बनी मीडिया कमेटी को लेकर पार्टी की नव नियुक्त प्रदेश प्रवक्ता ने सोशल मीडिया में केंद्रीय नेताओं के फैसले पर निशाना साधा है। प्रतिमा सिंह ने ऊनी पोस्ट को वरिष्ठ कांग्रेस नेता मथुरा दत्त जोशी व राजेन्द्र रतूड़ी को भी टैग किया है।

प्रदेश प्रवक्ता प्रतिमा सिंह व गिरीश चंद्र की फेसबुक पोस्ट में लिखी इबारत ने पार्टी के अंदर खलबली मचा दी है। दरअसल, गणेश गोदियाल के अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के 24 घण्टे के अंदर गढ़वाल व कुमायूँ मंडल में दो मीडिया इंचार्ज की नियुक्ति की घोषणा की गई। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी को गढ़वाल व दीपक बल्यूटिया को कुमायूँ मंडल का मीडिया इंचार्ज बनाया। इस फैसले की जानकारी बाकायदा प्रेस को भी दी गयी।

इस फैसले के विरोध में प्रदेश प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने फेस बुक में पोस्ट लिखी। पोस्ट का कुल लब्बोलुआब यह है कि दोनों मीडिया इंचार्ज कुमायूँ से बना दिये गए। पोस्ट में यह भी सवाल किया गया कि – अरे गढ़वाल वालों तुम्हें बोलना या चाटुकारिता नहीं आती। इसके अलावा यह भी लिखा- कुमायूँ भी कुमायूँ के व्यक्ति को,गढ़वाल भी कुमायूँ के व्यक्ति को।

इसके अलावा गिरीश चंद्र ने इशारों में  गरिमा मेहरा दसौनी की नियुक्ति का विरोध करते हुए लिखा गया कि- साढ़े चार साल की मुखबिरी और फिर रिश्तेदारी, ईनाम में मिल गयी एक मंडल की ओहदेदारी।

इस पोस्ट के निशाने पर भी गढ़वाल की मीडिया इंचार्ज गरिमा मेहरा दसौनी को रखा गया है। गरिमा मेहरा पूर्व सीएम हरीश रावत व कांग्रेस विधानमंडल  दल के उपनेता करण माहरा से है। गरिमा मूलतः रानीखेत से ताल्लुक रखती हैं।

पोस्ट की भाषा को लेकर पार्टी के अंदर विशेष हलचल देखी जा रही है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक हाल ही में प्रदेश प्रवक्ता बनी प्रतिमा सिंह गाजियाबाद से ताल्लुक रखती हैं। और मौजूद समय में देहरादून के डीएवी कालेज में प्रोफेसर है। इस घटनाक्रम के बाद दूसरे खेमे ने यह भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं कि गाजियाबाद की रहने वाली प्रतिमा सिंह को कैसे उत्त्तराखण्ड कांग्रेस में प्रदेश प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गयी। इस पूरे मामले को लेकर मीडिया कमेटी में वार-पलटवार शुरू हो गया है।

इधर, काँग्रेस की मीडिया टीम में खुलेआम गढ़वाल-कुमायूँ का मुद्दा उठाने से प्रदेश व केंद्रीय नेता भी असहज महसूस कर रहे है। इस प्रकरण को सोशल मीडिया में आने के बाद अनुशासनहीनता के दायरे में लाकर ठोस एक्शन लेने की भी बात उठने लगी है।

प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को बुके भेंट करते दीपक व गरिमा

दो दिन पहले भाजपा से दो दो हाथ करने के लिए कमर कस रही कांग्रेस के इस अंदरूनी गढ़वाल-कुमायूँ के शोर से पार्टी की ताजी रणनीति को भी करारा झटका लगने की उम्मीद है। सत्तारूढ़ भाजपा भी कांग्रेस के अंदर उठे गढ़वाल-कुमायूँ के विभाजक झगड़े पर विशेष निगाह रखे हुए है।

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