पूर्व कुलसचिव डॉ मृत्युंजय मिश्रा ने पूर्व प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश अडाना की डिग्रियों पर जांच बैठा दी थी
पूर्व में मृत्युंजय मिश्रा के जेल जाने का भी नोटिस में जिक्र,देखें, मानहानि नोटिस
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। काफी चर्चाओं में रहा उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि एक बार फिर चर्चा में है। फिलवक्त, दो पूर्व कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा व डॉ राजेश अडाना के बीच जंग छिड़ी हूई है।
बीते 31 जनवरी को मिश्रा ने डॉ अडाना की डिग्रियों पर सवाल उठाते हुए जांच की बात कही थी। पूर्व कुलसचिव मिश्रा ने गढ़वाल विवि, गुरुकुल कांगड़ी और CSM कानपुर विवि व मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा था कि डॉ अडाना ने एक ही साल 1999 में बीएएमएस व योगा में पीजी डिप्लोमा की डिग्री ली है। (नीचे क्लिक करें खबर)
14 फरवरी को डॉ अडाना को व्हाट्सएप्प के जरिये इस आरोप से जुड़ा पत्र मिला। पूर्व कुलसचिव डॉ अडाना ने वकील भूपेश कांडपाल की ओर से 1 करोड़ की मानहानि का नोटिस भिजवाया।
नोटिस में कहा है कि मेरे मुवक्किल ने एक ही समय में दो डिग्री प्राप्त की है जो नियमों के विरुद्ध है; पूरी तरह से सत्य और सही तथ्यों के खिलाफ है और इसलिए जानबूझकर आप विभिन्न सार्वजनिक मंचों पर बिना सही तथ्यों का पता लगाए मेरे मुवक्किल को बदनाम कर रहे हैं जो 31 जनवरी के पत्र से ही स्पष्ट है।
नोटिस में कहा गया है कि मेरे मुवक्किल डॉ राजेश अडाना ने कानून के अनुसार अपना बीएएमएस कोर्स पूरा किया। और किसी भी प्राधिकरण द्वारा कोई सवाल नहीं किया गया था । इस प्रकार आपने इन झूठे और तुच्छ लेखों को समाचार पत्र में प्रकाशित करके मेरे मुवक्किल को बदनाम किया है। लिहाजा, नोटिस प्राप्ति से 15 दिन के भीतर माफी माँगने में असफल रहने पर मेरा मुवक्किल धारा 499 और 500 आईपीसी के साथ-साथ रुपये के मुआवजे के लिए दीवानी मुकदमा दायर करने के लिए बाध्य होगा।
पूर्व में मृत्युंजय मिश्रा के जेल जाने का भी नोटिस में जिक्र
डॉ मृत्युंजय मिश्रा को संबोधित नोटिस में यह भी कहा गया है कि पहले आप आयुर्वेद विवि में रजिस्ट्रार के तौर पर काम कर रहे थे । लेकिन एक मामले में आप पर FIR दर्ज होने के बाद आपको गिरफ्तार किया गया था और लगभग दो से अधिक वर्षों तक जेल में रहे और उस समय के दौरान मेरे मुवक्किल डॉ राजेश अडाना ने आयुर्वेद विवि में कार्यकारी रजिस्ट्रार के रूप में कार्य किया।’
डॉ. अडाना का कहना है कि डिग्रियों को लेकर शिकायत की गई है, जो तथ्यहीन है। बिना जांच-पड़ताल के मीडिया में उनकी छवि धूमिल की जा रही है। इस बारे में वे शासन को जवाब दे रहे हैं।