पावर बैंक एप से 250 करोड़ की धोखाधड़ी में इंटरनेशनल साइबर ठग अरेस्ट

पावर बैंक एप के जरिये देश भर में 250 करोड़ से अधिक की ठगी सामने आई

बैंक खातों में सेंध लगा विदेशी व्यापारियों की ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश

अविकल उत्त्तराखण्ड


देहरादून।आम जनता को Google Play Store पर मौजूद पावर बैंक नामक एप में निवेश कर पैसे दोगुना करने का लालच देकर ठगी करने वाले अन्तराष्ट्रीय गिरोह का सदस्य गिरफ्तार किया गया। यह जानकारी पुलिस मुख्यालय में आहूत संवाददाता सम्मेलन में ADG व मुख्य प्रवक्ता अभिनव कुमार, डीआईजी बर्नी व एसएसपी STF अजय सिंह ने दी।

मुख्य प्रवक्ता अभिनव कुमार ने बताया कि साइबर अपराधियों द्वारा पावर बैंक नामक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने करने का लालच देकर आम जनता से धनराशि जमा कराकर 250 करोड़ रुपये की ठगी की।

इस मामले में पीडित रोहित कुमार निवासी श्यामपुर जनपद हरिद्वार द्वारा साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून तथा राहुल कुमार गोयल निवासी कनखल हरिद्वार द्वारा प्रार्थना पत्र दिए गये। उन्होंने बताया कि उनके दोस्त ने पावर बैंक नामक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने की बात कही। उसकी बातो मे आकर शिकायतकर्दा द्वारा प्ले-स्टोर से पावर बैंक नामक ऐप डाउनलोड कर भिन्न भिन्न तिथियो में क्रमशः 91,200/- (इकानब्बे हजार दो सौ) एवं 73,000/- (तिहत्तर हजार) रुपये जमा कराकर उनके साथ धोखाधडी की गयी ।

शिकायतकर्ता के प्रार्थना पत्र के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून में अभियोग पंजीकृत किया गया । विवेचना निरीक्षक महेश्वर पुर्वाल के सुपूर्द कर STF एवं साइबर थाने की संयुक्त टीम का गठन किया गया । इसी तरह का एक मामला जनपद टिहरी में भी पंजीकृत है ।

पुलिस टीम द्वारा अभियोग में अभियुक्तगणों द्वारा प्रयुक्त किये गये मोबाइल फोन नम्बर व वादी से धनराशि जिन बैक खातो एवं ऑनलाईन मर्चेंट/वॉलेट में प्राप्त की गयी उनकी सम्बन्धित दूरभाष कम्पनी, बैक व वॉलेट नोडल अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर विश्लेषण किया गया ।

तकनीकि विश्लेषण में पाया गया कि समस्त धनराशि विभिन्न वॉलेट के माध्यम से अलग-अलग बैंक खातो में भेजी जा रहा था । अभियोग में RAZORPAY एवं PAYU के माध्यम से पैसा ICICI बैंक के खाते तथा पेटीएम बैंक में स्थानान्तिरित कराये गये । यह भी पता चला कि प्रतिदिन करोड़ो का लेन देन उक्त बैंक खातो में किया जाता है । साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन ने इन खातों का तकनीकी विश्लेषण करने पर देखा गया कि पेटीएम बैंक का खाता प्रमुख संदिग्ध खाता है जिसका संचालन पवन कुमार पाण्डेय निवासी नोयडा उ0प्र0 के द्वारा किया जा रहा है ।

यह भी सामने आया है कि यह पावर बैंक एप फरवरी 2021 से 12 मई 2021 तक संचालन मे रही जिसमें साइबर थाने द्वारा वित्तीय लेनदेन का अध्ययन किया गया तो विभिन्न खातो में करीब 250 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी प्रकाश मे आयी तथा अनुमानित और भी अधिक धनराशि की धोखाधड़ी सम्भावित है ।

गौरतलब है कि इस एप को संभावित 50 लाख लोगो द्वारा पूरे देश में डाउनलोड किया गया है । साइबर थाने एवं एसटीएफ की संयुक्त पुलिस टीम का गठन किया गया। अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु उ0प्र0, दिल्ली एनसीआर हेतु रवाना किया गया। STF/साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन की टीम द्वारा अथक मेहनत व लगन से देश भर में धनराशि दोगुना करने से सम्बन्धित संचालित ऐप के नाम पर लोगो का विश्वास जीतकर उनकी मेहनत की कमाई की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सदस्य को नोयडा सैक्टर 99 से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की ।

अभियोग में अभियुक्त द्वारा पावर बैंक एप के माध्यम से धनराशि निवेश करने तथा एक सदस्य से अन्य सदस्यो को जोड़ने पर अधिकतम लाभ का लालच देकर बहुत बड़ी धनराशि एकत्र की गयी जिस पर अभियुक्त के विरुद्ध धारा 3/21, 4/22 Banning of unregulated deposit Scheme act 2019 का अपराध करना भी पाया गया ।

अपराध का तरीकाः-
अभियोग में प्रकाश मे आया है कि कुछ विदेशी Businessman भारत में कुछ निवेशको से दोस्ती कर उनको भारत में विभिन्न व्यापार के नाम पर अपने साथ कमीशन देने के नाम पर जोड़ते है। इसी क्रम में इस अभियोग में प्रकाश मे आया कि इस प्रकार विभिन्न ऑनलाईन एप पूर्व में लोन प्रदान करती थी। अब अपराध के तरीके मे बदलाव कर ये लोगो का विश्वास जीतकर रिचार्ज एवं पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर धनराशि निवेश करवाते है । भारत के नागरिको के ही बैंक खाते और उनके मोबाईल नम्बर का प्रयोग किया जाता है। प्रारम्भ मे कुछ व्यक्तियों को पैसे वापस भी किये जाते है जिससे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार से इनका यह अन्तराष्ट्रीय संगठित अपराध पूरे देश मे पैर पसार सके । प्रतिदिन करोड़ो धनराशि एक खाते से दूसरे खाते और उसके आगे विभिन्न खातो में स्थानान्तरित कराकर पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास करते है । अपराध में प्रयोग बैंक खाते विभिन्न फर्जी कम्पनियों के नाम से Registrar of Companies (ROC) में पंजीकृत है। इसी प्रकार 25 एप जो संदिग्ध कार्य मे लगी है उनकी सूची प्राप्त हुयी है। यह भी पाया गया कि इस धनराशि को क्रिप्टो करेंसी मे बदलकर यह विदेश राष्ट्रो मे भेजी जा रही है, जहा इसको स्थानीय मुद्रा में परिवर्तित कर दिया जाता है । इस प्रकार भारत के पैसे को अन्य राष्ट्र की मुद्रा मे परिवर्तित करने का एक बहुत बड़ा संगठित अन्तराष्ट्रीय गिरोह चल रहा है, और इस प्रकार इसके अपराध का तरीका प्रकाश मे आ चुका है । इस तरह के प्रकरण में 20 अन्य शिकायते भी प्राप्त हुयी है जिनका परीक्षण किया जा रहा है ।

गिरफ्तार अभियुक्तः-

  1. पवन कुमार पाण्डेय पुत्र बनवारी पाण्डये निवासी सी-7 एचआईजी फ्लैट, ग्रीन व्यू अपार्डमेंट सैक्टर 99 नोयडा उ0प्र0।

बरामदगीः-
1- 19 लैपटॉप ।
2- 592 सिम कार्ड ।
3- 05 मोबाइल फोन विभिन्न कम्पनियों के
4- 04 ए0टी0एम0 कार्ड ।
5- 01 पासपोर्ट

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