फर्जी ईपीएफ एकाउंट मामले में सीएम कार्यालय ने दिए जांच के आदेश

ईपीएफ खाते के नाम पर सरकारी खजाने की हुई बन्दरबांट

घोटाला- रुद्रपुर में फर्जी तरीके से ईपीएफ एकाउंट खुलने के मामले में सीएम हेल्पलाइन ने लिया संज्ञान! पुलिस को जांच के आदेश

प्रमुख संवाददाता

रुद्रपुर। रुद्रपुर में कर्मचारी भविष्य निधि के गोलमाल का मामला सामने आया है। फर्जी तरीके से सरकारी धनराशि के गबन के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है। सीएम हेल्पलाइन की तरफ से रुद्रपुर पुलिस को आदेश दिया गया है कि इस मामले का संज्ञान लेते हुए जांच-पड़ताल करें।

गौरतलब है कि इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भी शिकायती पत्र भेजा था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए संबंधित परवर्तन अधिकारी को जांच के लिए भेजने का आश्वासन दिया था। अब इस मामले में सीएम हेल्पलाइन की तरफ से जांच की बात सामने आई है।


उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व एक शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में कहा था कि रुद्रपुर के पुराना खेड़ा निवासी राम प्रकाश गुप्ता वर्तमान समय में कर्मचारी राज्य बीमा निगम में राज्य स्तरीय सदस्य तथा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय स्तरीय सदस्य के पद पर है।

शिकायत में कहा गया कि राम प्रकाश गुप्ता ने दोनों ही विभागों में गलत नियुक्ति व सरकारी धनराशि का गबन किया है। शिकायती पत्र में कहा गया कि राम प्रकाश गुप्ता ने दिसम्बर 2020 से चिराग सर्विस प्रोवइडर के अंतर्गत खुद को और अपने पूरे परिवार सहित मित्रगणों को फर्जी नौकरी पर कार्यरत दिखाकर उनके ईपीएफ एकाउंट खुलवाए हैं । इन खातों में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से सरकारी धनराशि एकत्रित हो रही है।

सीएम कार्यालय में कई गयी शिकायत


शिकायती पत्र में कहा गया है कि राम प्रकाश गुप्ता की पत्नी कुसुमलता स्वयं के विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है। इनकी बड़ी पुत्री प्रियंका गुप्ता गुडगांव में अपने पति के साथ रहती है । वह किसी भी प्रकार की नौकरी नहीं करती। इनका पुत्र लवकेश गुप्ता भी अपने विद्यालय का संचालन करता है। छोटी पुत्री मीनाक्षी कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय काशीपुर में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में कार्यरत है जिसका पद के सापेक्ष किसी भी प्रकार का ईएसआई व ईपीएफ नहीं कटता है।
पत्र में कहा गया है कि मीनाक्षी राज्य बीमा औषधालय काशीपुर में कार्यरत होने के साथ-साथ चिराग सर्विस प्रोवाइडर के अंतर्गत भी अन्य नौकरी पर कार्यरत है और अपने ईपीएफ एकाउंट में सरकारी धनराशि प्राप्त कर रही है।


शिकायतकर्ता की तरफ से मांग की गयी है कि राम प्रकाश गुप्ता तथा उपरोक्त सभी सदस्यों की वर्तमान नौकरी तथा इनके आधार कार्ड के आधार पर यूएन की सख्त जांच की जाए तथा राम प्रकाश गुप्ता और सभी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाये।


अब इस मामले में सीएम हेल्पलाइन ने संज्ञान लेते हुए पुलिस को जांच-पड़ताल के आदेश दिए हैं। बता दें कि जिस राम प्रकाश गुप्ता पर ये आरोप लगे हैं वह एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए बताए जाते हैं, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस मामले की जांच-पड़ताल के बाद आरोपितों के खिलाफ कार्यवाही होती है या फिर यह घोटाला भी दबा दिया जाएगा।

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