उत्तराखंड में लाखों की ठगी का आरोपी कोलकाता से गिरफ्तार

रिटायर्ड चिकित्सक से ट्रेजरी अधिकारी बनकर ठग लिये थे साढ़े दस लाख रुपये

साइबर ठग बोला “सोचा नहीं था कि कोई उसे पकड़ सकता है”

उत्तराखण्ड एसटीएफ ने पश्चिमी बंगाल में दबोचा साइबर ठग

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। एसटीएफ ने उत्तराखंड में लाखों की ठगी के आरोपी कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया। इस साइबर ठग ने हल्द्वानी के रिटायर चिकित्सक से साढ़े दस लाख ठग लिए थे। ठग की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की टीम बीते 15 दिन से बिहार व वेस्ट बंगाल में जमी हुई थी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड आयुष अग्रवाल ने बताया कि हल्द्वानी, जनपद नैनीताल निवासी रिटायर्ड चिकित्सक हरीश लाल ने थाना कोतवाली हल्द्वानी में 26 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज कराया था।

मुकदमे में लिखा गया था कि स्वयं को ट्रेजरी अफसर बताकर वादी के पेंशन देयकों के भुगतान के नाम पर कुल 10,50,000 की धोखाधड़ी की गई है।

मामले की विवेचना थाना कोतवाली हल्द्वानी से साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन कुमाऊँ परिक्षेत्र रूद्रपुर को स्थानान्तरित हुयी थी। सीओ एसटीएफ / साइबर क्राइम कुमाऊँ परिक्षेत्र सुमित पाण्डे के निर्देशन में इस केस की विवेचना प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम ललित मोहन जोशी को दी गयी ।

विवेचना से एसटीएफ को जानकारी मिली कि जो धनराशि साइबर ठगों द्वारा ठगी गयी है उसे कोलकता और बिहार में विभिन्न एटीएम से निकाला गया है। इस पर एक टीम को तत्काल कोलकता और बिहार भेजी गई। वहां पर इस टीम द्वारा 15 दिन तक एटीएम कैश विड्रॉल सीसीटीवी फुटेज व अन्य सम्भावित पतों पर छानबीन की गयी और अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु बिहार के हाजीपुर, वैशाली आदि जनपदों में और पश्चिम बंगाल के कोलकता शहर के कई इलाकों में छापे मारी की गयी

इस घटना में अभिषेक शॉ पुत्र अरुण शॉ नि० विदुपुर थाना बिदुपुर जनपद वैशाली बिहार को पश्चिम बंगाल क्षेत्र थाना कस्बा कोलकता क्षेत्र में स्थित उसके फ्लैट से गिरफतार किया गया । उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त सिम कार्ड्स, मोबाईल फोन्स, डेबिट कार्ड्स बरामद किये गये हैं। गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त कर उत्तराखण्ड ले आयी है।

पकड़े गये साइबर ठग को पूर्व में भी कोलकाता पुलिस जेल भेज चुकी है। परन्तु जेल से छूटने के बाद साइबर ठग अभिषेक अपने काम को और भी शांतिर तरीके से करने लगा और पुलिस से बचने के तरह तरह के हथकण्डे प्रयोग करता था।

उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा अपनी गिरप्तारी से साइबर ठग भौंचक रह गया और पूछताछ में बताने लगा कि वो जेल से आने के बाद बहुत ही सावधानी से अपना ठगी का काम कर रहा था ताकि कोई उसे पकड़ न सके। परन्तु उत्तराखण्ड एसटीएफ की साइबर टीम के गहन तकनीकी दक्षता के सामने उसके मंसूबे फेल हो गये ।

गौरतलब है कि उत्तराखण्ड एसटीएफ का साइबर अपराधी को पकड़ने के लिये 15 दिनों का ऑपरेशन काफी चुनौती भरा रहा। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल पूरे ऑपरेशन की स्वयं निगरानी कर रहे थे।

पकड़े गये साईबर ठग द्वारा देश में अन्य लोगों के साथ भी साईबर ठगी को अंजाम दिये जाने की आशंका है जिसकी जानकारी अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर जुटायी जा रही है। इस केस में एएसआई सत्येन्द्र गंगोला व का० मो० उस्मान की उल्लेखनीय भूमिका रही।

मॉडस आपरेण्डी- आरोपी ने पूछताछ पर बताया कि उनके द्वारा रिटायर्ड लोगों को फोन काल कर ट्रेजरी आफीसर के रूप में बातचीत की जाती है और फिर उनके व्हाट्सएप पर पेंशन भुगतान संबंधी फार्मेट भेजे जाते हैं तथा पेंशन के समस्त देयकों का भुगतान करवाने के झांसे में लेकर उनके मोबाईल का एक्सेस लेकर सिम स्वेपिंग कर ली जाती है और इसके बाद उनके इण्टरनेट बैंकिंग का एक्सेस लेकर धनराशि विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा ली जाती है तथा विभिन्न खातों में इण्टरनेट बैंकिंग के जरिये मोबाइल नम्बर बदलकर धनराशि प्राप्त कर ली जाती है। अभियुक्त नेटवर्क मार्केटिंग में काम कर चुका है। जिसकी वजह से बातचीत करने व लोगों को कन्विंस करने में एक्सपर्ट है। जिस कारण से आसानी से लोग उसके झांसे में आ जाते हैं।

गिरफ्तार व्यक्ति का नाम व पता-
अभिषेक शॉ पुत्र श्री अरुण शॉ निवासी 54 हरीश मुखर्जी रोड, भवानीपुर थाना कालीघाट कोलकाता 700025 हाल निवासी 5/1 ए. डॉ० जी०एस० बोस रोड़, पुलिस स्टेशन कस्बा कोलकाता मूल निवासी ग्राम बिदुपुर थाना बिदुपुर जिला वैशाली बिहार उम्र 22 साल ।

बरामदगी–

1- मोबाईल फोन एप्पल 14 प्रो- 01.
2- मोबाईल फोन रियलमी- 01
3-सिम कार्ड्स- 16
4- डेबिट कार्ड्स – 06

गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम–

1-निरीक्षक श्री ललित मोहन जोशी
2- उ0नि0 श्री दिनेश कुमार पंत
3- एएसआई श्री सत्येन्द्र गंगोला
4- हे०कानि0 श्री मनोज कुमार
5- कानि० मो०उस्मान

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