छावला गैंगरेप मर्डर केस- अभियुक्तों की रिहाई के फैसले के विरोध में SC में दाखिल होगी रिव्यू पिटीशन

फरवरी 2012 में उत्तराखंड मूल की युवती के रेप व मर्डर के तीन अभियुक्तों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया था.

दिल्ली के LG वी के सक्सेना ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की दी अनुमति . सीएम धामी ने जताया आभा

अविकल उत्तराखण्ड

नई दिल्ली/देहरादून। बारह साल पहले फरवरी 2012 में दिल्ली में हुई किरण नेगी की हत्या के अभियुक्तों की रिहाई के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मंजूरी दे दी है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर दिल्ली के उपराज्यपाल का आभार जताया और कहा कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाया जाएगा। प्रदेश सरकार छावला केस के दोषियों को कठोरतम सजा दिलाने के लिए हरसम्भव कोशिश करेगी। Chhavla Rape and murder case

दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने छावला रेप और मर्डर मामले में आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को मंजूरी देने के बाद पीड़िता के परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद जग गयी है।

रेप और मर्डर के इस मामले में सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी पैरवी करेंगे।

गौरतलब है कि फरवरी, 2012 को द्वारका के छावला में 19 वर्षीय उत्तराखण्ड मूल की युवती के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के मामले में तीन आरोपियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के इस फैसले को हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बीते 7 नवंबर को दिए अपने फैसले में तीनों आरोपियों को बरी कर दिया था।

ट्रायल कोर्ट में मौत की सजा पाने वाले तीन लोगों को सुप्रीम कोर्ट से बरी करने के फैसले में कहा गया था कि अभियोजन पक्ष अभियुक्तों के खिलाफ ठोस, निर्णायक और स्पष्ट सबूत देने में विफल रहा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए थे।

फरवरी 2012 के रेप और मर्डर के इस चर्चित प्रकरण में रवि कुमार, राहुल और विनोद पर युवती के अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और बेरहमी से उसकी हत्या करने का आरोप था। युवती का क्षत-विक्षत शरीर अपहरण के तीन दिन बाद मिला था। युवती का शव हरियाणा के रेवाड़ी के रोधई गांव के खेतों में मिला था।

सुप्रीम कोर्ट के अभियुक्तों की रिहाई सम्बन्धी इस फैसले के बाद दिल्ली, उत्तराखण्ड,लखनऊ आदि शहरों में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग उठने लगी थी। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने पीड़िता के माता-पिता के साथ दिल्ली के लेफ्टिनेंट-गवर्नर सक्सेना से पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का अनुरोध किया था।

इससे पूर्व, रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में छावला केस की पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात कर कहा था कि उत्तराखण्ड की बेटी को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है।

रविवार को पीड़िता के माता -पिता से दिल्ली में मिले थे सीएम.

मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पूर्व उत्तराखण्ड की बेटी के पिताजी से फोन पर बात की थी और कहा था कि वे जल्द ही दिल्ली आकर उनसे मुलाकात करेंगे।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि छावला केस के अभियुक्तों को उनके किये की सजा दिलाई जाएगी।

Pls clik

सीएम धामी ने छावला केस की पीड़िता के माता-पिता को न्याय दिलाने का भरोसा दिया

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *