फर्जी चिकित्सक घोटाला- भारतीय चिकित्सा परिषद के तीन कर्मी गिरफ्तार

फर्जी बीएएमएस डिग्री मामले में अब तक कुल 11 गिरफ्तार

भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड (देहरादून) में नियुक्त तीन कर्मचारियो को फर्जी डॉक्टर प्रकरण में किया गिरफ्तार

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। फर्जी बीएएमएस डिग्री मामले में दून पुलिस ने भरतीय चिकित्सा परिषद के तीन कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया। विमल प्रसाद, विवेक रावत व अंकुर माहेश्वरी को आज गिरफ्तार किया गया। इससे पूर्व, बीएएमएस चिकित्सक की फर्जी डिग्री बांटने के आरोप में मास्टरमाइंड इमलाख को अजमेर से गिरफ्तार किया।

      गौरतलब है कि पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक अपराध के नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल के अधीन वर्तमान में  थाना नेहरू कॉलोनी पर पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 19/23 धारा 420/467/468/ 471/120 बी भादवि की विवेचना के क्रम में गठित विशेष जांच दल द्वारा उक्त मुकदमे में भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड (देहरादून) में नियुक्त तीन कर्मचारियो विवेक रावत, अंकुर महेश्वरी और विमल प्रसाद को पूछताछ हेतु थाना नेहरू कॉलोनी देहरादून में बुलाया गया था।

पूछताछ करने पर अपने-अपने बयानों में बताया कि हम तीनो ने इमलाख के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियां बांटी तथा फर्जी रजिस्ट्रेशन किये। इमलाख किसी को बीएएमएस की डिग्री देने के बाद चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करता था और सम्बंधित इंस्टीट्यूट के प्रमाण पत्र, लिफाफे आदि हमें सीधे उपलब्ध कराता था, जिस पर हम लोग ही पत्राचार, पता इत्यादि का अंकन, पृष्ठांकन स्वयं ही करते थे।

रजिस्ट्रेशन की प्रति स्वयं ही इमलाख को उपलब्ध करा देते थे। यहाँ पर कनिष्ठ सहायक विमल बिजल्वाण, वैयक्तिक सहायक विवेक रावत व अंकुर महेश्वरी के माध्यम से सारे कागज जमा होते थे। फिर वेरिफिकेशन फाइल तैयार कर जिस यूनिवर्सटी की डिग्री होती थी, उस यूनिवर्सिटी के लिए एवं जिस राज्य की डिग्री होती थी, उस बोर्ड में भी वेरीफिकेशन के लिए फाइल डाक से भेजते थे।

हम लोग फाइल में कुछ न कुछ कमी रखते थे, जिससे यूनिवर्सिटी वाले उक्त फाइल को वापस नही करते थे। डाक से भेजने के कुछ दिन बाद इमलाख कर्नाटक, बिहार और राजस्थान आदि स्थानों पर जाता था और फिर इमलाख कूटरचित तरीके से फर्जी एनओसी तैयार करवाता था। जिसे वह उसी यूनिवर्सिटी के बाहर तथा उसी राज्य से वापस चिकित्सा परिषद के लिए डाक से पोस्ट करता था और जब यही फाइल चिकित्सा परिषद देहरादून में पहुंचती थी तो उस फर्जी एनओसी के आधार पर ही हम उनका रजिस्ट्रेशन चिकित्सा परिषद में करवा देते थे। इस काम के प्रति वैरिफिकेशन व एनओसी के हिसाब से 60,000/- रुपये मिलते थे। इस काम में जो भी पैसे हमे मिलते थे, उसे हम लोग आपस में बाँट लेते थे।


विमल प्रसाद के निवास सिद्ध विहार देहरादून से एक अदद मोहर, लिफाफे एवं दस्तावेज बरामद हुए। अंकुर महेश्वरी के घर हरीपुर नवादा से अदद मोहर, लिफाफे एवं दस्तावेज बरामद  हुए व विवेक रावत के आवास 183 ऑफिसर कॉलोनी रेस कोर्स से चार अदद मोहर, लिफाफे एवं दस्तावेज बरामद हुए।


घटना में प्रयुक्त दस्तावेज, सील (मोहरे) आदि सहित अभियुक्तगणों को गिरफ्तार किया गया है। उक्त प्रकरण में अब तक कुल 11 गिरफ्तारियां की जा चुकी है व अन्य संदिग्ध अभियुक्तों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई जा रही है। अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है।



गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण



1- विमल प्रसाद पुत्र स्वर्गीय श्री पद्म दत्त बिजल्वान निवासी   गली नंबर 8 फेस -2 सिद्ध विहार लोअर नेहरूग्राम, मूल निवासी ग्राम बागी पट्टी बमुंडा  जनपद टेहरी गढ़वाल, उम्र 37 वर्ष
2-अंकुर महेश्वरी पुत्र स्वर्गीय श्री प्रदीप कुमार महेश्वरी निवासी हरीपुर नवादा थाना नेहरू कॉलोनी जनपद देहरादून, मूल पता- सिकंदराराऊ थाना-सिकंदराराऊ जिला हाथरस उत्तर प्रदेश  उम्र 43 वर्ष
3-विवेक रावत पुत्र स्वर्गीय श्री रामनारायण रावत निवासी 183 ऑफिसर्स कॉलोनी रेस कोर्स देहरादून  मूल पता- ग्राम अजनर थाना- अजनर जिला महोबा उत्तर प्रदेश, उम्र 43 वर्ष

बरामदगी

01: विभिन्न राज्यों के अलग-अलग कालेजों के लिफाफे
02: अलग-अलग कालेजों की फर्जी मोहरें
03: भारतीय चिकित्सा परिषद के संदिग्ध दस्तावेज

पुलिस टीम

01- श्री सर्वेश पंवार, पुलिस अधीक्षक अपराध
02- श्री अनिल जोशी, क्षेत्राधिकारी नेहरू कॉलोनी
03- उ0नि0 श्री लोकेंद्र बहुगुणा, थानाध्यक्ष नेहरू कॉलोनी
04- उपनिरीक्षक अमित ममगाईं (विवेचक)

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