देहरादून के ओल्ड मसूरी रोड पर फर्जी कागजात व मृत व्यक्ति को जिंदा दिखा वन विभाग की जमीन कब्जाने व अवैध कटान के मामले में पूर्व डीजीपी समेत आठ पर मुकदमा दर्ज
खरीदी गई 1.5 हेक्टेयर भूमि पर खड़े 25 पेड़ काटने का आरोप
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। फर्जी दस्तावेज से रिज़र्व फारेस्ट की जमीन कब्जाने व अवैध पेड़ कटान के हाईप्रोफाइल मामले में सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्दू समेत आठ लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।
दस साल पुराने मामले में वन विभाग की जांच व शिकायत के बाद राजपुर थाने में पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू, तत्कालीन अपर तहसीलदार शूजाउद्दीन, महेंद्र सिंह, नकली नाथूराम, दीपक शर्मा, स्मिता दीक्षित, सुभाष शर्मा व कृष्ण के खिलाफ IPC की धारा 166, 167, 419, 420, 467, 468, 471, 120B व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। ex dgp, corruption case
पूर्व डीजीपी पर राजपुर इलाके में वन विभाग की जमीन कब्जाने व अवैध पेड़ काटने का गंभीर आरोप की जांच के बाद वन विभाग ने शासन से अनुमति मांगी थी। शासन की हां के बाद इस हाईप्रोफाइल मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। मई 2012 में रिज़र्व फारेस्ट की जमीन की रजिस्ट्री की गई थी। reserve forest
डीएफओ आशुतोष सिंह ने बताया कि इस मामले में वन विभाग के सचिव विजय यादव व वरिष्ठ अधिकारी विनोद सिंघल ने सरकार से पूर्व डीजीपी बीएस सिद्दू पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी । सरकार की ओर से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
हाईप्रोफाइल मामले से जुड़े तथ्य
2012 के ग्राम गिरवाली ओल्ड मसूरी रोड के इस चर्चित मामले में प्रभागीय वन अधिकारी ( मसूरी वन प्रभाग) आशुतोष सिंह ने अपनी तहरीर में कहा है कि तत्कालीन डीजीपी बीएस सिद्धू आरक्षित वन क्षेत्र में पेड़ कटान व कब्जा कर मृत व्यक्ति नाथूराम को जिंदा दिखा जमीन की रजिस्ट्री करवाई।
इस रजिस्ट्री के मामले में तत्कालीन अपर तहसीलदार शूजाउद्दीन व मेरठ के दो अधिवक्ता दीपक शर्मा व स्मिता दीक्षित ने फर्जी दस्तावेज बनाए। और जमीन पर कब्जा कर लिया।
इन मास्टरमाइंड लोगों ने नकली नाथूराम और कुछ गवाहों को दिखा कर 21 मई 2012 को जमीन अपने नाम रजिस्टर्ड करवा दी। जबकि असली नाथूराम की मृत्यु वन 1983 में हो चुकी थी।
इसके अलावा खरीदी गई 1.5 हेक्टेयर वन भूमि पर खड़े 25 पेड़ों का अवैध कटान किया गया। मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद तत्कालीन डीजीपी बीएस सिद्धू ने वन अधिकारियों व कर्मचारियों पर मुकदमे ठुकवा दिए थे।
अब 10 साल बाद जमीन कब्जाने व अवैध पेड़ कटान के मामले में नया मोड़ आया है।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा- IPC की धारा 166, 167, 419, 420, 467, 468, 471, 120B के तहत देहरादून के राजपुर थाने में दर्ज हुआ मुकदमा
- बीएस सिद्धू (पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड) पुत्र स्व. जगदेव सिंह निवासी 11 उषा कालोनी, सहस्त्रधारा रोड, थाना राजपुर देहरादून
- कर्ता महेन्द्र सिंह, एचयूएफ निवासी 11 उषा कालोनी, सहस्त्रधारा रोड, थाना राजपुर देहरादून
- नत्थूराम पुत्र महकूमल निवासी 61 डिस्पेन्सरी रोड, काशीराम क्वार्टर, थाना कोतवाली नगर, देहरादून उत्तराखण्ड, हाल निवासी रोहटा रसूलपुर, तहसील सदर थाना सरूरपुर, जनपद मेरठ उत्तर प्रदेश
- दीपक शर्मा पुत्र एमपी शर्मा, निवासी 06 जेल चुंगी विक्टोरिया पार्क, मेरठ उत्तर प्रदेश
- स्मिता दीक्षित निवासी 227 आरए बाजार तोपखाना, थाना लालकुर्ती, मेरठ, उत्तर प्रदेश
- सुभाष शर्मा, पुत्र खुशीरा शर्मा, निवासी सी-20 लोहियानगर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश
- श्रीकृष्ण पुत्र लाल सिह, निवासी शिवपुरम, मेरठ, उत्तर प्रदेश
- शुजाउद्दीन, तत्कालीन तहसीलदार, तहसील सदर देहरादून
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