Uksssc भर्ती घोटाले में 22अपराधियों की जमानत होने पर पुलिस की लचर पैरवी बना एक बड़ा मुद्दा . जमानत पाए सात अपराधी गैंगेस्टर में थे निरुद्ध.सीएम साहब कौन लेगा जिम्मेदारी
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। उत्तराखण्ड की पुलिस खुलकर अपनी पीठ ठोक रही है। वजह यह कि ठोस पैरवी के चलते uksssc भर्ती घोटाले में जेल में बंद पूर्व फारेस्ट मुखिया व तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत , सचिव मनोहर सिंह कन्याल की 7 नवंबर को कोर्ट ने जमानत अर्जी निरस्त कर दी गयी। 2016 की ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भर्ती मामले में आरबीएस रावत समेत 12 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई थी।
सात नवंबर को उत्तराखण्ड पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में साफ कहा गया है कि UKSSSC परीक्षा घोटाले से सम्बन्धित प्रकरणों में एसटीएफ की प्रभावी पैरवी के चलते uksssc आयोग के पूर्वअधिकारियों की जमानत खारिज हो गयी।
आज 7 नवंबर को विशेष न्यायाधीश सतर्कता/अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय देहरादून के न्यायालय में सुनवाई हुयी। अभियुक्तो द्वारा माननीय न्यायालय में प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्रो के विरोध में एसटीएफ देहरादून द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष अभियुक्तगणो के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य व प्रभावी पैरवी की गयी। माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्तो की जमानत निरस्त की गयी है।
बेशक, उत्तराखण्ड पुलिस प्रेस नोट जारी कर इस मामले में वाहवाही बटोरने की कोशिश कर ले। लेकिन uksssc भर्ती घोटाले में पकड़े गए 42 अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद अभी तक 22 आरोपी जेल की सलाखों से बाहर आ चुके हैं। और इनमें 7 आरोपी गैंगेस्टर में निरुद्ध किये गए थे। यह सब जमानत गिरफ्तारी के लगभग दो महीने के अंदर हो गयी।
इससे साफ जाहिर है कि कोर्ट में लचर पैरवी के चलते कई आरोपी जेल से बाहर आ चुके हैं। जबकि uksssc पेपर लीक मामले में गिरफ्तार लखनऊ की एजेंसी से जुड़े व जेल में बंद चौहान और कानपुर विवि के कुलपति विनय पाठक की नजदीकियां भी सामने आ रही हैं।
उत्तर प्रदेश के कानपुर विवि के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ भुगतान के बदले कमीशन लेने के मामले की जांच चल रही है।विनय पाठक के करीबी अजय मिश्रा गिरफ्तार हो चुके है। विनय पाठक उत्तराखण्ड मुक्त विवि के कुलपति रह चुके हैं।
इधर, uksssc भर्ती घोटाले में जमानत पर छूटे 22 आरोपियों को लेकर पुलिस की खासी किरकिरी हो रही है। विपक्षी नेताओं का साफ कहना है कि ठोस पैरवी केअभाव में गैंगेस्टर में निरुद्ध अपराधी भी आराम से जमानत पर छूट रहे है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जब uksssc के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत व सचिव कन्याल की जमानत अर्जी खारिज होने पर पुलिसमुख्यालय की ओर से बल्ले बल्ले टाइप प्रेस नोट जारी हो ता हो तो जिस शर्मनाक भर्ती मामले में सात गैंगेस्टर समेत 22 आरोपी दो महीने बाद ही हो जैसे रिहा हो गए। इस लचर पैरवी के8 जिम्मेदारी अब कौन लेगा।
सीएम धामी को सबसे पहले अदालत में ठोस पैरवी करने वाले एक्सपर्ट्स की टीम को मोर्चे पर उतारना होगा। नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब हाकम सिंह समेत अन्य मास्टरमाइंड सड़कों पर चहल कदमी करते मिलें..
STF से प्राप्त प्रेस नोट की हूबहू नकल
UKSSSC परीक्षा घोटाले से सम्बन्धित प्रकरणों में एसटीएफ की प्रभावी पैरवी के चलते आयोग के अधिकारियों की जमानत खारिज
ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा वर्ष 2016 में हुई धाधंली के संबंध में सर्तकता अधिष्ठान सैक्टर देहरादून में पंजीकृत मु0अ0सं0 संख्या-1/2020 धारा 420, 465, 467, 468, 471, 409, 201, 120 बी, भा0द0वि एवं धारा 13(1)डी सपठित धारा 13(2) भ्र0नि0अधि0 जिसकी विवेचना उत्तराखण्ड शासन के आदेश से वर्तमान में एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा की जा रही है। उक्त अभियोग में श्रीमान SSP एसटीएफ़ के निर्देशन में एसटीएफ द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डा0 रघुवीर सिंह रावत, तत्कालीन सचिव डा0 मनोहर सिंह कन्याल सहित 12 अभियुक्तो की गिरफ्तारी की गयी है।
उक्त अभियोग में अभियुक्त डा0 रघुवीर सिंह रावत, डा0 मनोहर सिंह कन्याल द्वारा अपनी जमानत हेतु माननीय न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था जिसमें आज दिनांक 07-11-2022 को विशेष न्यायाधीश सतर्कता/अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय देहरादून के न्यायालय में सुनवाई हुयी। अभियुक्तो द्वारा माननीय न्यायालय में प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्रो के विरोध में एसटीएफ देहरादून द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष अभियुक्तगणो के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य व प्रभावी पैरवी की गयी। माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्तो की जमानत निरस्त की गयी है।
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Uksssc पेपर लीक व अंकिता हत्याकांड एक नये मोड़ पर
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