पहले नंबर पर छत्तीसगढ़, दूसरे में केरल व कर्नाटक राज्य तीसरे नंबर पर है
गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित cyber safe पोर्टल और NCRP पोर्टल के अंतर्गत TIPLINE इन्फॉर्मेशन में स्पेशल टास्क फोर्स के अंतर्गत कार्यरत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की टीम के प्रयासों से उत्तराखंड पुलिस देश में चौथे स्थान पर पहुंची है।
अविकल उत्त्तराखण्ड
एसएसपी, एसटीएफ अजय सिंह ने बताया
बढ़ते साईबर धोखाधड़ी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से Cybersafe पोर्टल गृह मंत्रालय भारत सरकार की एक पहल है । पोर्टल को भविष्य में साईबर क्राईम की रिपोर्ट करने हेतु भी प्रयोग किया जाना प्रस्तावित है । उक्त पोर्टल पर पुलिस (LAW ENFORCEMENT AGENCIES) द्वारा बैंकिंग धोखाधड़ी से सम्बन्धित मोबाईल नम्बर, बैंक एकाउन्ट नम्बर, वॉलेट आदि सूचनायें Cybersafe पोर्टल दर्ज की जाती है ।
राज्य के समस्त थानो, साईबर सैल हेतु Cybersafe पोर्टल आईडी साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा बनायी जा चुकी है, जिनके द्वारा भी धोखाधड़ी में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, एकाउन्ट नम्बरो को उक्त पोर्टल पर दर्ज किये जा रहे है। वर्तमान तक उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा उक्त पोर्टल पर 3400 शिकायते दर्ज की जा चुकी है, जिसमे से 2600 शिकायते साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज की गयी है ।
शिकायते दर्ज करने में स्पेशल टास्क फ़ोर्स के अन्तर्गत कार्यरत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के अथक प्रयासो से उत्तराखण्ड पुलिस सम्पूर्ण *भारत में चौथे स्थान पर है। देश के बड़े राज्यो व अन्य छोटे राज्यो के बीच उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य का चौथा स्थान प्राप्त करने में साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन की पुलिस टीम का विशेष योगदान रहा है।
साथ ही गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित *NCRP पोर्टल के अन्तर्गत TIPLINE* से प्राप्त शिकायतो पर केस रजिस्टर करने पर भी उत्तराखण्ड पुलिस सम्पूर्ण भारत में चौथे स्थान पर है।
National Cyber Crime Reporting Portal “NCRP” के अन्तर्गत *CYBER TIPLINE के माध्यम से सोशल मीडिया पर पोस्ट की गयी आपत्तिजनक/अश्लील (Child Pornography) सामग्री को पोस्ट (Browse, Download, शेयर, अपलोड) करने वाले यूजर की जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) भारत सरकार, गृह मंत्रालय के द्वारा समस्त राज्यो के नोडल अधिकारियों को प्रदान की जा रही है । उत्तराखण्ड राज्य से सम्बन्धित शिकायते राज्य के नोडल अधिकारी प्रभारी, स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड को प्राप्त हो रही है |
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया (फेसबुक, इन्स्टाग्राम, वॉट्सअप आदि) की भारत सरकार, गृह मंत्रालय स्तर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है तथा उक्त प्लेटफार्म पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक/अश्लील (Child Pornography) सामग्री को पोस्ट (*Browse, Download, शेयर, अपलोड*) न करें यह “सूचना एवं प्रोद्योगिकी अधिनियम-2000” की धारा 67, 67A, 67(B) के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है जिसमे 05 वर्ष तक की सजा, 10 लाख तक का जुर्माना व गैर जमानतीय अपराधहै । दोनों पोर्टल में उत्तराखंड साइबर पुलिस सतर्क नजर रखे हुए है और लगातार कड़ी मेहनत कर रही है |
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