आपदा में मृत दोनों पुलिसकर्मियों के राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
लापता लोगों की पहचान के लिए पुलिस ने बनाया व्हाट्सएप्प ग्रुप
आपदा के चौथे दिन भी तपोवन टनल में मलबा गाद हटाने का काम जारी
बुधवार को श्रीनगर और रुदप्रयाग में नदी किनारे दो और शव मिले, 170 लोग अभी भी लापता
बुधवार तक कुल 34 शव बरामद, 9 शवों को शिनाख्त के बाद परिजनों को सौंपे
लापता लोगों मे से दो सुरक्षित, एक सहारनपुर और दूसरा चमोली अपने घर पर सुरक्षित
अविकल उत्त्तराखण्ड टीम
जोशीमठ/देहरादून। भारी दुख के बीच थोड़ा सुकून देने वाली खबर यह कि लापता लोगों की सूची में दो लोग सुरक्षित मिले। इसके अलावा बुधवार को लाता गांव से एक गर्भवती महिला सहित प्रभावित गांवों से 97 लोगों को हैली से उनके गंतव्य तक भेजा गया। पुल टूटने से लाता गांव का सम्पर्क कटा हुआ है। उधर, तपोवन टनल से मलबा हटाने का काम चौथे दिन भी जारी रहा। परिजन आज भी निराश नजर आए।लगभग 35 लोग टनल में फंसे हैं। अभी तक टनल के अंदर 100 मीटर तक ही मलबा हटाया गया है।
जिला आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार आपदा मे लापता 206 लोगों मे से दो लोग सुरक्षित हैं। इनमे से एक राशिद नाम का व्यक्ति सहारनपुर का रहने वाला है और दूसरा सूरज सिंह चमोली जिले का रहने वाला है। ये दोनो अपने घर पर सुरक्षित हैं।
बुधवार को दो और लापता लोगों के शव नदी किनारे अलग-अलग स्थानो से बरामद किए गए। आपदा में मृत दोनों पुलिसकर्मियों के राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
बुधवार को श्रीनगर व रुद्रप्रयाग नदी किनारे से एक-एक शव बरामद हुए। अभी तक 34 लोगों के शव नदी किनारे विभिन्न स्थानों से बरामद हुए है। जिनमें से 9 शवों को शिनाख्त के बाद परिजनों को सौंपा गया है। इसके अलावा 12 क्षत-विक्षत मानव अंग भी बरामद हुए है। शवों का मौके पर ही पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। क्षत-विक्षत शरीर के अंग डीएनए शिनाख्त के लिए रखे जा रहे हैं। आपदा में 34 लोगो के शव मिलने और दो लोगों के सुरक्षित मिलने के बाद अब 170 लोग लापता चल रहे है।
दूसरी ओर, सात फरवरी को चमोली जिले के रैणी तपोवन क्षेत्र में आयी प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों का खोज अभियान लगातार चौथे दिन भी जारी है।
एनटीपीसी की तपोवन टनल में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने का काम लगातार जारी है। यहां आर्मी, एनएडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात जुटी है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया पिछले चार दिनो से घटनास्थल पर डटी हैं और रेस्क्यू एवं अन्य सभी व्यवस्थाओं की स्वयं मानिटरिंग कर रही हैं।
जिला प्रशासन की टीम आपदा प्रभावित 13 गांवों में राहत पहुंचाने मे जुटी है। बुधवार को 80 परिवारों को राशन किट वितरित किए गए। वहीं, प्रभावित गांवो से गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्तियों एवं इधर-उधर फंसे लोगों को हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर उनके गंतव्यों तक भेजा जा रहा है। बुधवार को लाता गांव से एक गर्भवती महिला सहित प्रभावित गांवों से 97 लोगों को हैली से उनके गंतव्य तक भेजा गया।
वहीं, जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित गांव पैंग, भंग्यूल, लाता , सुराईथोटा तथा रैणी मे मेडिकल कैंप लगाकर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है।
जिला प्रशासन द्वारा लापता लोगों के बारे में उनके परिजनों को जानकारी देने और भोजन व्यवस्था के लिए तपोवन में हेल्प डेस्क काउंटर एवं राहत शिविर भी लगाया गया है।
लापता लोगों की पहचान के लिए पुलिस ने बनाया व्हाट्सएप्प ग्रुप
पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/प्रवक्ता नीलेश आनन्द भरणे ने बताया किलापता लोगों की पहचान के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर उनके परिजनों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें अभी तक 86 परिजनों द्वारा सम्पर्क किया गया है। आपदा में लापता हुए लोगों की सूची एवं बरामद हुए शवों की पहचान हेतु उनका विवरण व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से परिजनों को भेजा जा रहा है, जिसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अभी तक 02 शवों की पहचान भी हो गयी है। आपदा में लापता एवं बरामद शवों की पहचान के लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जा रहा है।बरामद शवों के डीएनए सैम्पलिंग और संरक्षण के लिए राज्य एफएसएल की भी मदद ली जा रही है और सभी मानदंडों का पालन किया जा रहा है। बरामद शवों को मोरचरी कर्णप्रयाग, जोशीमठ और गोपेश्वर में रखा गया है। आपदा में लापता हुए लोगों की सूची एवं बरामद हुए शवों की पहचान हेतु अन्य राज्यों की पुलिस से भी लगातार पत्राचार किया गया है। शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर उन्हें सुरक्षित रखा जा रहा है। जनपद चमोली में स्थापित कन्ट्रोल रूम का नम्बर 01372-251487 एवं मोबाइल नम्बर 9084127503 है।
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