राज्यपाल को देख टूटा सब्र का बांध, फूट-फूट कर रोये परिजन, देखें वीडियो

महाराष्ट्र के राज्यपाल मिले सीएम त्रिवेंद्र से

गवर्नर-स्पीकर ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया, लापता लोगों के परिजनों को ढांढस बंधाया

कर्णप्रयाग संगम में आज 4 और चमोली घाट पर 3 शवों का किया गया अंतिम संस्कार

अब तक 36 शव बरामद, 168 लापता, रेस्क्यू आपरेशन में मैरिन कमांडो को भी उतारा

आपदा से प्रभावित सभी 13 गांवों में हैली से पहुंचाई जा रही राहत सामग्री
बीमार और गर्भवती महिलाओं को भी हैली सुविधा कराई जा रही मुहैया

अविकल उत्त्तराखण्ड

तपोवन जोशीमठ। अब ऊपर वाले का ही सहारा। गुरुवार को तपोवन में गम और गुस्से की दर्दनाक तस्वीर दिखी। सात फरवरी से जारी टनल खुदाई का कोई परिणाम नहीँ निकलने से परिजन बहुत हताश व नाखुश नजर आए। टनल में फंसे लोगों के परिजन राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के सामने फूट फूट कर रोये। कहा,प्रयास पूरा नहीं चल रहा। एक ही लोडर से काम हो रहा…गुरुवार को आपदा प्रभावित इलाके में आयी राज्यपाल ने परिजनों को तसल्ली दी। गुस्से में दिख रहे परिजन रेस्क्यू आपरेशन से बहुत ही मायूस नजर आए।

राज्यपाल ने लापता लोगों के परिजनों का ढांढस बंधाते हुए कहा कि रेस्क्यू टीमें लगातार खोजबीन में जुटी हुई हैं। रेस्क्ूय टीमें टनल में छेद करके अंदर जाने का प्रयास कर रही हैं और भी मशीनें लगाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि टनल में जमी सिल्ट को निकालने में बहुत दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि वे फिर जल्दी आएंगी।

परिजन की राज्यपाल से गुहार

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरुवार को चमोली के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। टनल में फंसे लोगों के परिजन राज्यपाल के सामने फूट-फूटकर रो पड़े। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों में असंतोष जताते हुए राज्यपाल से राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने की गुहार लगाई।

उधर, उत्त्तराखण्ड के पूर्व सीएम व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी सीएम त्रिवेंद्र से मिले और राहत कार्यों की जानकारी ली।

इसके अलावा चमोली के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में गुरुवार को पांचवें दिन भी सेना, एनएडीआरएफ और एसडीआरएफ लापता लोगों को खोजने और टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए जुटी रही। आज अलकनंदा के किनारे दो और शव मिलने के बाद अब तक कुल 36 शव बरामद हो चुके हैं। जबकि, 168 लोग अभी भी लापता हैं। आज कर्णप्रयाग संगम 4 शवों तथा 7 मानव अंग और चमोली घाट पर 3 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देश पर जिला प्रशासन ने आपदा में रैणी और तपोवन के मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की सहायता राशि का वितरण शुरू कर दिया। आपदा में मृत गाडी गांव निवासी बलवीर सिंह, बैनोली निवासी मनोज चैधरी और तपोवन निवासी नरेन्द्र लाल के परिजनों के खाते में आज राहत राशि भेजी गई।

मंडलायुक्त रविनाथ रमन एवं जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने आज तपोवन मे प्रेस कान्फ्रेंस कर राहत एवं बचाव कार्यो के बारे मीडिया को जानकारी दी। गढ़वाल आयुक्त ने तपोवन टनल मे रेस्क्यू कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद टनल के अंदर से मलबा निकालने का काम लगातार जारी है।
जिलाधिकारी ने बताया लापता लोगों की सूची पहले ही जारी कर दी गई है। अब तक 36 लोगो के शव मिले हैं। नियमानुसार 72 घंटे के बाद शवों का अंतिम संस्कार आज से शुरू किया गया है।

आपदा से प्रभावित सभी 13 गांवों में पहले दिन से ही हैली से राहत सामग्री पहुंचायी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र मे चार मेडिकल टीम की तैनाती की गई है, जो अलग-अलग जगहों पर कैंप लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे है। बीमार और गर्भवती महिलाओं को भी हैली सुविधा मुहैया कराई जा रही है। मृतकों के परिजनों को सहायता राशि वितरण भी आज से शुरू कर दिया गया है। लापता लोगों के बारे में उनके परिजनों को जानकारी देने के साथ भोजन व आवास व्यवस्था के लिए तपोवन में हेल्प डेस्क काउंटर एवं राहत शिविर लगाया गया है।

जिलाधिकारी ने बताया कि मैरिन कमांडो की एक टुकडी के माध्यम से श्रीनगर डैम के आसपास खोजबीन करायी जा रही है। एसडीआरएफ को रैणी तपोवन के अतिरिक्त अलकनंदा व धौलीगंगा किनारे सर्च आपरेशन मे लगाया गया है।

तपोवन पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन में युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। टनल में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अग्रवाल ने कहा कि जल्द इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। उन्होंने भगवान से भी प्रार्थना की कि टनल में फंसे लोग सुरक्षित बाहर निकल जाएं।

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