सोमवार सांय 5 बजे तक 20 शव मिल गए हैं जबकि 197 लोग लापता हैं। इनमें आसपास के गांवों के 12 लोग लापता हैं
सीएम रावत ने सोमवार सांय आपदा प्रभावित इलाके का दौर किया। सीएम सोमवार की रात चमोली जिले में ही रात्रि विश्राम करेंगे। इसके अलावा नेताओं का भी दिञ भर दौरा होता रहा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, रमेश पोखरियाल,सांसद तीरथ सिंह रावत, उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा मंत्री व चमोली जिले के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी तपोवन आदि क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रूपये जारी
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। उत्त्तराखण्ड के चमोली जनपद में आयी कुदरती आपदा के बाद लापता लोगों की संख्या 200 पार बतायी जा रही है। इस आपदा में ऋषिगंगा व NTPC प्रोजेक्ट में काम करने वाले व उत्त्तराखण्ड के कई निवासी लापता हैं। इसके अलावा अन्य प्रदेशों के लोग भी लापता है। प्रोजेक्ट में काम करने वाले 119 लोगों की एक सूची में अन्य प्रदेशों के लोग भी शामिल हैं। हालांकि, सरकारी स्तर पर अभी तक लापता लोगों की सूची जारी नहीं हुई है। तपोवन-विष्णुगाड परियोजना में उत्त्तराखण्ड 42,उत्तरप्रदेश के 46,झारखंड 13,पंजाब 4,बिहार 3,नेपाल 3,पश्चिमी बंगाल 2,उड़ीसा 1 व जम्मू कश्मीर के 1 व्यक्ति लापता हैं।
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119 लापता लोगों की एक सूची से यह साफ हो रहा है कि ये लोग पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। इस सूची में कई लोगों के पते नही दिए गए हैं। जबकि एक कॉलम में कंपनी के ठेकेदार का नाम लिखा है।
joshimath disasterइस बीच, सोमवार को दोपहर के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।
अधिकारियों के साथ बैठक में राहत कार्यों की समीक्षा भी करेंगे। उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी भी दी।
सांय 5 बजे तक update
वीडियो, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपदा राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की
गांवों में हेलीकाप्टर से पहुंचाई गई राशन व राहत सामग्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों, आपदा प्रबंधन, पुलिस, सेना एवं आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ के रेणी क्षेत्र में आई आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि क्षेत्र में खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। राहत एवं बचाव कार्यों में लगे कार्मिकों को भी सभी आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध हो। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है।
वीडियो केंद्रीय मंत्री आर के सिंह
संवेदनशील स्थानों का समय-समय पर सर्वे के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का समय-समय पर सर्वे कराया जाय। एसडीआरएफ की टीमें भी संवेदनशील स्थानों के निकट तैनात की जाय। आईआरएस के निदेशक डाॅ. प्रकाश चौहान ने जानकारी दी कि ताजी बर्फ के स्खलन से आपदा की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह से नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई। अब स्थिति सामान्य है।
प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी की सुचारू आपूर्ति
बैठक में जानकारी दी गई प्रभावित क्षेत्र के आस-पास बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुचारू हैं। तत्काल राहत के लिए एक हजार राशन के पैकेट एवं अन्य सामग्री भेजी गई है। रैस्क्यू का कार्य जारी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सैन्य सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जे.एस.नेगी, मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, शैलेष बगोली, दिलीप जावलकर, एस.ए. मुरूगेशन, सुशील कुमार, दीपेन्द्र चौधरी, कर्नल एस. शंकर, आईटीबीपी के कमाडेंट शेंदिल कुमार, आईजी संजय गुंज्याल, डीआईजी श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
लापता लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए जारी होगी एसओपी
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि सरकार की मंशा है कि लापता लोगों के परिजनों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इसकी प्रक्रिया तय करने के लिए जल्द ही एक एसओपी जारी की जाएगी।
सर्च व रेस्क्यू आपरेशन तेजी से जारी
चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के दूसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन पूरे दिनभर जारी रहा। आपदा मे सडक पुल बह जाने के कारण नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है उन गांवों में जिला प्रशासन चमोली द्वारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचायी जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि जब तक यहां पर वैकल्पिक व्यवस्था या पुल तैयार नही हो जाता तब तक हैली से यहां पर रसद पहुंचाने का काम जारी रहेगा और जल्द से जल्द क्षेत्र के लोगो की परेशानियां दूर करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री हैली से भेजी जा रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 70, एनडीआरएफ के 129, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 02 मेडिकल टीमें लगी हुई हैं। ।
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