जोशीमठ संकट पर गृह मंत्री अमित शाह ने वरिष्ठ पार्टी नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी से की चर्चा
उत्तराखण्ड को केंद्र से बड़े पैकेज की दरकार
भौतिक दृष्टि के साथ एक तरफ तो हम अंतरिक्ष में जा रहे हैं लेकिन धरती को बचाने के प्रति गंभीर नहीं हैं। अंधाधुंध शोषण के कारण प्रकृति ने लोगों को काफी कष्ट दिए हैं लेकिन हम अभी भी चेते नहीं हैं-डॉ मुरली मनोहर जोशी
अविकल उत्तराखण्ड
नई दिल्ली। जोशीमठ के हालात को देखते हुए मोदी सरकार विशेष चिंता में है। दिल्ली से जोशीमठ की लगातार मॉनिटरिंग के साथ साथ पीएमओ इस मुद्दे पर कुछ बड़ा फैसला लेने पर मंथन नकर रहा है।
इसी सिलसिले में गृह मन्त्री अमित शाह ने गुरुवार की रात पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी के 6 रायसीना आवास में मुलाकात की। दोनों के बीच जोशीमठ के मुद्दे पर लगभग डेढ़ घण्टे वार्ता हुई।
सूत्रों का कहना है कि डॉ जोशी ने गृह मंत्री को विभिन्न संस्थानों की वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर ही जोशीमठ के उपचार की बात कही। इन रिपोर्ट की स्टडी के बाद ही पुनर्वास व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अमल में लाने की बात भी सामने आई।
सूत्रों के मुताबिक, जोशीमठ के लिए केंद्र सरकार किसी बड़े पैकेज का ऐलान कर सकती है। NTPC के प्रोजेक्ट को लेकर जोशीमठ की जनता में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। और जोशीमठ।की त्रासदी के लिए NTPC की कार्यप्रणाली को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।
लिहाजा, उत्तराखण्ड में निर्माणाधीन बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट की जगह छोटे प्रोजेक्ट की हिमायत भी की गई।
इसके साथ ही केंद्रीय पर्यावरण ,जल संसाधन व जियोलॉजी समेत अन्य विभागों की उच्चस्तरीय बैठक में जोशीमठ की आपदा से जुड़े हल पर भी विभागीय सहमति बनाने पर भी चर्चा हुई।
सूत्रों का कहना है कि जोशीमठ के पुनर्वास व उपचार समेत अन्य मामलों के हल के लिए केंद्र की ओर से बड़े पैकेज दिए जाने पर भी मंथन हुआ।संभावना यही जतायी जा रही है कि केंद्र सरकार कर्ज में डूबे उत्तराखंड के लिए बड़े पैकेज का ऐलान कर सकता है।
बहरहाल, डॉ जोशी व गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई।मुलाकात के बाद दिल्ली में जोशीमठ संकट के हल के लिए उच्चस्तरीय बैठकों का दौर जारी है। राज्य सरकार को विशेष दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि डॉ मुरली मनोहर जोशी के निर्माण कार्यों में पर्यावरण संतुलन व वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की बात कहते रहे है।
डॉ जोशी ने कहा कि भौतिक दृष्टि के साथ एक तरफ तो हम अंतरिक्ष में जा रहे हैं लेकिन धरती को बचाने के प्रति गंभीर नहीं हैं। अंधाधुंध शोषण के कारण प्रकृति ने लोगों को काफी कष्ट दिए हैं लेकिन हम अभी भी चेते नहीं हैं
Pls clik-जोशीमठ संकट
चिंताजनक- इसरो ने कहा, जोशीमठ तेजी से खिसक रहा है, तस्वीरें जारी की
Total Hits/users- 30,52,000
TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245