सीएम के सचिव सुंदरम ने जोशीमठ के प्रभावितों से बैठक की. होटल-भवन गिराने पर नहीं बनी सहमति.समाचार लिखे जाने तक सीडीओ से चर्चा जारी थी
भूधंसाव से प्रभावितों को मार्केट दर पर मुआवजा दिया जाएगा यह मुआवजा जनहित में तय होगा। प्रभावितों को 1.5 लाख की अंतरिम राहत
भवनों में लगे लाल निशान तोड़ने के लिए नहीं बल्कि खाली कराने के लिए लगाए गए हैं-सचिव
अविकल उत्तराखण्ड
जोशीमठ। भू धंसाव की वजह से खतरे में आये जोशीमठ के दो होटल व भवनों के मालिकों से सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने नगर पालिका हाल में कई पहलुओं पर चर्चा की। इसके बाद स्टेक होल्डर्स की मुख्य विकास अधिकारी से कई मुद्दों पर चर्चा हुई। शासन व प्रशासन से जुड़े अधिकारी प्रभावितों को मनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
दूसरी ओर, स्थानीय लोग NTPC के खिलाफ भी मोर्चा खोले हुए है। सड़क पर उतरे जोशीमठ के प्रभावित समूची आपदा के लिए NTPC को ही कसूरवार ठहरा रहे हैं।
मंगलवार को होटल मलारी इन व हिमालय व्यू माऊंट के मालिकों ,जनता व व्यापारियों के भारी विरोध के कारण दोनों होटलों को गिराने की कार्रवाई नहीं हो पाई थी। देर रात तक लोगों ने बिना नोटिस,पुनर्वास व सेटलमेंट के होटल गिराने की कार्रवाई नहीं हो सकी। लोगों के आत्मदाह की धमकी से भी प्रशासन को पैर पीछे खींचने पड़े थ्रे।
मंगलवार को मौके पर जेसीबी आदि मशीन पहुंच चुकी थी। SDRF के साथ पुलिस बल भी मौजूद था। लेकिन लोगों के आक्रोश को देखते हुए दोनों होटल को ध्वस्त नहीं किया जा सका।
नतीजतन, बुधवार की सुबह 10 बजे सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बैठक कर उनकी बात सुनी।
इस दौरान, पुलिस- प्रशासन से जुड़े अधिकारी-“कर्मचारियों के अलावा SDRF के मुखिया मणिकांत मिश्रा भी मौजूद रहे।
बाद में मीडिया को बैठक का ब्यौरा देते हुए सीएम के सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सरकार स्टेकहोल्डर्स का पूरा ध्यान रखेगी। आपदा राहत के तक प्रत्येक परिवार को तत्कालिक रूप से 1.50 लाख की अंतरिम सहायता दी जाएगी। जिसमें 50 हजार रूपये घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रूपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है। जो कि बाद में समायोजित किया जाएगा।
हितधारकों एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक में स्पष्ट किया कि भूधंसाव से जो भी घर प्रभावित हुए है उनको मार्केट दर पर मुआवजा दिया जाएगा। मार्केट की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ में अभी तक दो होटल जो भूधंसाव के कारण लटक गए है उनको डिस्मेंटल करने का आदेश किया गया है क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए है। इसके अलावा अभी किसी का भी भवन नही तोडा जा रहा है।
भवनों पर लगे लाल निशान को स्पष्ट करते हुए बताया कि ये तोड़ने के लिए नहीं बलिक खाली कराने के लिए लगाए हैं। सुंदरम ने कहा कि कुछ लोगों ने उनसे अपने मकान ध्वस्त करने को भो कहा है।
भूधंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। असुरक्षित भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है।
सरकार लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा दे रही है। जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते है उनको 6 महीने तक 4 हजार रूपये प्रतिमाह दिए जा रहा है।
जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आयी है। सुरक्षा के दृष्टिगत आजतक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया है।
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जोशीमठ भू धंसाव के शिकार दो होटलों पर नहीं चला बुलडोजर, विरोध में उतरी जनता
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