देखें सूची- यूपी, बिहार, उड़ीसा, असम,पश्चिमी बंगाल व उत्तराखण्ड के 40 मजदूर टनल में फंसे
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दीवाली की सुबह टनल धंसी,मलबे में फंसे 40 कर्मी
राहत व बचाव कार्य के लिए हेलीकाप्टर की जरूरत
अधिकारियों व कर्मियों की छुट्टी रद्द
चिन्यालीसौड़ हेलीपैड अलर्ट पर, एम्बुलेंस तैनात, मलबा हटाने का काम जारी
अविकल उत्तराखण्ड
उत्तरकाशी। जिले के तहसील डुंडा के तहत सिल्कियारा में दीवाली की सुबह 5.30 बजे निर्माणाधीन टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान जारी है ।
यूपी, बिहार, उड़ीसा, असम,पश्चिमी बंगाल व उत्तराखण्ड के 40 मजदूर टनल में फंसे हुए हैं।
सोमवार की सुबह लगभग 8 बजे ब्रह्मखाल- बड़कोट के बीच सिल्कियारा में सुरंग धंसने के कारण 40 कर्मी फंसे हुए हैं। सिलक्यार की तरफ से टनल के 270 मीटर भाग के पास लगभग 30 मीटर क्षेत्र में मलवा आने के कारण मजदूरों को पानी के पाइप के जरिये आक्सीजन सप्लाई की जा रही है।
जिले के अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर रिपोर्ट करने को कहा गया है। ड्रिल मशीन के जरिये मलबा हटाने की कोशिश हो रही है।
मौके पर NDRF एसडीआरएफ टीम बचाव कार्य में जुटी है।
टी०एच०डी०सी० से ड्रिल मशीन हेतु समन्वय कर चिन्यालीसौड से ड्रिल मशीन मशीनरी भेजी गयी । इसके अतिरिक्त जल स्थान से 1 ड्रिल मशीन भेजी गयी। चिन्यालीसौड हैलीपैड एक्टिव/ चिन्हित किया गया है। स्वास्थ्य टीम एवं 4 एम्बुलेंस तैनाती की गयी है। सेटेलाइट फोन भी भेजा गया है।
चिन्यालीसौड़ हेलीपैड को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है।
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने जिले के सभी अधिकारियों के छुट्टियां रद्द करते हुए उन्हें तत्काल अपने-अपने कार्य स्थल पर रिपोर्ट करने औऱ राहत एवं बचाव कार्यों के लिए चौबीसों घंटे तत्पर रहने के निर्देश दिए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक फंसे हुए मजदूर तक पानी के लिए बिछाए गए पाइप के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। सुरंग से मलवा हटाने और फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एस्केप पैसेज बनाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है ।
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, उप जिलाधिकारी डुंडा बृजेश कुमार तिवारी,उप जिलधिकारी बड़कोट मुकेश चंद रमोला घटना स्थल पर मौजूद हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित किया जा रहा है। प्रशासन के द्वारा विभिन्न राहत और बचाव एजेंसियों और तकनीकी संगठनों तथा एनएचआईडीसीएल का सहयोग लेकर के बचाव अभियान संचालित किया जा रहा है।