पद्मश्री अवधेश कौशल नहीं रहे, दून में ली अंतिम सांस

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। पद्मश्री अवधेश कौशल का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। दून के मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। 86 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री अवधेश कौशल के निधन पर समाज के कई वर्गों ने दुख प्रकट किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वर्गीय अवधेश जी, जीवटता व संघर्ष के प्रतीक थे।

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की दोपहर 3 बजे नालापानी शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

80 के दशक में दून-मसूरी के बीच लम्बे समय से चल रही चूना भट्टा खदानों को बंद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अवधेश कौशल रुलेक संस्था के जरिये शिक्षा, पर्यावरण आदि सामाजिक कार्य कर रहे थे। 2003 में वीक पत्रिका ने उन्हें मैन आफ द ईयर सम्मान से नवाजा था।

जीवट वाले पद्मश्री अवधेश कौशल सरकारों की कार्यप्रणाली के खिलाफ काफी मुखर रहते थे। नारायण दत्त तिवारी काल में उन्होंने प्रदेश के सबसे करप्ट नौकरशाहों को चिन्हित करने के लिए जनता की राय के बाद बेईमान अधिकारी चिन्हित कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र कुमार ने पद्मश्री अवधेश कौशल के इलाज में कोताही बरतने पर मैक्स अस्पताल प्रबंधन से नाराजगी जताई ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पद्मश्री श्री अवधेश कौशल जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय अवधेश जी, जीवटता व संघर्ष के प्रतीक थे। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

विकिपीडिया से साभार

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