शिक्षा विभाग पर पड़े राजनीतिक दबाव की वजह से कई बाहरी लोग कार्यकारिणी में हुए शामिल। अनुमोदन के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय भेजी गई सूची
इंटर कालेज जखेटी की प्रबन्ध कार्यकारिणी के 37 सदस्यों में केवल 4 सदस्य कफोलस्यूं पट्टी के, बाकी सब बाहरी
पौड़ी में प्रबंधन वाले एक स्कूल पर हो रही है राजनीति कृपा
पूर्व मुख्य शिक्षाअधिकारी ने माना था सदस्यता हेतु प्रकाशन को गलत
पिछले कई सालों से विवादों में रहा है प्रबंधन
अविकल उत्तराखंड
पौड़ी। जनपद में हमेशा से ही चर्चा में रहे इंटर कालेज जखेटी के नये प्रबंधन के चुनाव फिर से विवाद में आ गये हैं। इन चुनावों को लेकर पड़ रहे राजनीतिक दबाव के कारण शिक्षा अधिकारी को हर 12 घण्टे में अपने आदेशों को बदलने पर मजबूर होना पड़ रहा है। राजनीतिक दबाव का यह आलम रहा कि इस कॉलेज के प्रबंधन सदस्यों की सूची और उसके प्रकाशन को ले कर नए सीईओ को पुराने सीईओ के आदेशों को उलटना पड़ गया।
राजनीतिक और शिक्षा मंत्रालय का इतना दवाव था कि सीईओ को 12 घण्टे के अंदर ही चुनाव कराने के आदेश जारी करने पड़ गये। अब कुछ सदस्यों के बीच ही चुपचाप चुनाव निपटा कर सीईओ के कार्यालय अनुमोदन के लिए भी भेज दी गई है। जिस तेजी से अनुमोदन के लिये पत्रावली भेजी गई उससे इस सारे प्रकरण पर सन्देह होना लाज़मी है। कार्यकारिणी में बाहरी लोगों के चयन को लेकर स्थानीय स्तर पर भी नाराजगी देखी जा रही है।
इंटर कालेज जखेटी के हालिया सम्पन्न चुनाव के बारे में चर्चा है कि कार्यकारिणी चुनाव में कफोलस्यूं पट्टी के केवल चार ही लोग इसमें शामिल हैं।
37 लोगों की कार्यकारिणी सूची में चार लोग ही ऐसे हैं जो कफोलस्यूं पट्टी से ताल्लुक रखते हैं। जिनमें विमल नेगी, ग्राम डांग, देवेंद्र सिह, ग्राम तोली, उत्तम सिंह व शकंुतला देवी, ग्राम पीपलपानी के निवासी है। इसके अलावा विकासखंड कल्जीखाल के चार लोगों के नाम इस लिस्ट में हैं। इस कार्यकारिणी के बाकी सब लोग कफोलस्यूं पट्टी के बाहर के हैं।
इसके अलावा इस स्कूल के संस्थापक सदस्यों के नाम इस लिस्ट में से गायब हैं उनमें एक नाम मेजर जनरल शेरू थपलियाल का भी है जो कि ग्राम थापली से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने इस स्कूल के लिए अपनी जमीन दे दी थी अभी वह गुडगांव में रहते हैं और लगातार अपने पैतृक भूमि से जुड़े हुए हैं। मेजर जनरल शेरू थपलियाल ने बताया कि मुझे इन चुनावों के बारे में पता नहीं है और न ही मुझे इस बारे में किसी ने सूचित किया है।
गौरतलब है कि पहले 18 अप्रैल को कार्यकारिणी का चुनाव स्थगित करने की प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है और अगले ही दिन 19 अप्रैल को शिक्षा विभाग द्वारा इंटर कालेज जखेटी के नवीन प्रबंधन समिति के चुनाव कराने के लिए पत्र जारी हो जाता है। सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक दबाव के कारण शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हाथ पाँव बांध दिए गए हैं।
विभागीय पत्रों से साफ जाहिर है कि जल्द चुनाव कराने के लिए ऊपर से दबाव बनाया गया । जब एक बार चुनाव स्थगित होता है तो उसे दोबारा से कराने के लिए कम से कम 15 दिन लग जाते हैं लेकिन यहां ऊपर के इशारे पर अगले दिन ही चुनाव कराने के लिए पत्र जारी हो जाता है। इस बारे में शिक्षा विभाग को भी अपने स्तर पर जांच करने की जरूरत है । ऐसी क्या मजबूरी हो गई थी कि स्थगन के अगले दिन ही नये चुनाव को लेकर पत्र जारी हो गया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि 37 सदस्यीय मैनेजमेंट कमेटी में से केवल 4 लोग ही कफोलस्यूं से हैं और बाकी लोग बाहर के स्थानों से है । अब सवाल यह उठता है कि अगर हम इस मैंनेजमेंट कमेटी में आसपास के लोगों को नहीं रखेंगे तो स्कूल के सुधार के लिए जो काम किये जाने है उससे बाहरी लोगों को कोई खास मतलब नहीं होगा।
जिन आसपास के गांवों के बच्चें इस स्कूल में पढ़ेंगे या पढ़ रहे हैं उन गांवों के लोग इस स्कूल के भविष्य के बारे में अच्छे से सोच सकते हैं कि बच्चों को स्कूल में किस चीज की कमी है और उस कमी को पूरा करने की कोशिश करें लेकिन जो लोग बाहर के होंगे उनको स्कूल से भावनात्मक लगाव भी नहीं होगा और वह स्कूल के अच्छे भविष्य के बारे में ज्यादा नहीं सोचेंगे।
जखेटी इंटर कालेज प्रबंध कार्यकारिणी चुनाव से सम्बंधित आवश्यक पत्राचार से जुड़े तथ्य
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