पौड़ी के चौबट्टाखाल विधानसभा के स्कूलों में ई लर्निंग स्मार्ट क्लास की सामग्री खरीद में मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी हरेराम यादव व अशासकीय विद्यालय पटल सहायक दिनेश गैरोला वित्तीय अनियमितता के दोषी पाए गए। तीनों पर प्राथमिकी दर्ज करने का मामला शासन में लंबित है।
विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक मीनाक्षी सुंदरम ने विभागीय सचिव से आवश्यक कार्यवाही का अनुरोध किया
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। शिक्षा विभाग की स्मार्ट क्लास (ई लर्निंग ) में सामग्री खरीद में घोटाला पकड़ में आया है। इस मामले में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक मीनाक्षी सुंदरम ने पौड़ी के मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत को पद से कार्यमुक्त कर अन्यत्र स्थानांतरित व सम्बद्ध करने की सिफारिश की है। शिक्षा विभाग में भ्र्ष्टाचार के इस मामले में महानिदेशक ने 29 जनवरी को विद्यालयी शिक्षा सचिव को लिखे पत्र में आवश्यक कार्यवाही का अनुरोध किया है।
महानिदेशक ने अपने पत्र में कहा है ही भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी हरेराम यादव व दिनेश गैरोला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का कार्यवाही शासन में लंबित है। लिहाजा, मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन रावत को कार्यमुक्त कर अन्यत्र स्थानांतरण व सम्बद्ध कर दिया जाय।
महानिदेशक मीनाक्षी सुन्दरम ने सचिव को लिखे पत्र में यह भी लिखा है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत प्रशासनिक संवर्ग के समूह क के अधिकारी है । और विद्यालयी शिक्षा सचिव को ही उनकी नियुक्ति का अधिकार है। और विभागीय मंत्री जी ने भी आवश्यक कारवाही की अपेक्षा की है।
गौरतलब है कि पौड़ी गढ़वाल की चौबट्टाखाल विधानसभा भाजपा विधायक सतपाल महाराज की है। महाराज मौजूदा समय में पर्यटन मंत्री हैं।
गौरतलब है कि अशासकीय विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन ने 8 जनवरी को स्मार्ट क्लास की सामग्री खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पौड़ी के मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत व जिला शिक्षा अधिकारी हरेराम यादव के खिलाफ शिक्षा विभाग को एक प्रतिवेदन सौंपा था ।
इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने विद्यालय शिक्षा महानिदेशक मीनाक्षीसुंदरम को आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा था । जांच के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी हरेराम यादव व अशासकीय विद्यालय पटल सहायक दिनेश गैरोला को दोषी पाया गया था।
अब विद्यालयी शिक्षा सचिव के फैसले का ही सभी को इंतजार है। शिक्षा विभाग की स्मार्ट क्लास योजना में वित्तीय अनियमितता में बड़े अधिकारियों की लिप्तता से शासन में भारी हलचल देखी जा रही है।
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