इंजीनियर दम्पत्ति के अलावा चार असिस्टेंट इंजीनियर भी एसटीएफ के रडार पर
उत्तरकाशी के अंकित रमोला की हुई ताजा गिरफ्तारी । अंकित रमोला पुत्र दीपक सिंह रमोला निवासी ग्राम सुनहरा पोस्ट ऑफिस नौगांव तहसील बड़कोट जिला उत्तरकाशी उम्र करीब 32 वर्ष
ED के हवाले की हाकम व अन्य अभियुक्तों से जुड़ी जानकारी
सफेदपोश लोगों को विशेष “हथियारों” से करता था वश में, कई को जमीन भी दिलवाई
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। जिला पंचायत सदस्य व धंधेबाज हाकम सिंह रावत लगभग 15 साल से सरकारी नौकरी दिलाने वाले सिंडिकेट की खास चाबी बन गया था। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ही नहीं कई अन्य भर्ती एजेंसियों में भी हाकम सिंह ने करोड़ों के वारे न्यारे कर नौकरियां बांटी। यही नहीं, कई नेताओं व अधिकारियों के रिश्तेदारों को भी सरकारी नौकरी दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
इधर, STF ने पेपर लीक मामले में उत्तरकाशी के नौगांव इलाके के अंकित रमोला को गिरफ्तार किया है। एसएसपी STF अजय सिंह ने यह जानकारी दी। यह इस प्रकरण की 19 वीं गिरफ्तारी है। अंकित रमोला उत्तरकाशी जिले के एक विधायक के भाई के काम धंधे में हाथ बंटाता है।
रमोला ने पेपर लीक मामले के अलावा पोस्ट आफिस भर्ती के नाम पर पलेठा, खान्सी और भंकोली आदि गांवों के बेरोजगारों से पैसे हजम कर गया। बेरोजगारों के पैसे मांगने पर अंकित साफ मुकर गया।
दूसरी ओर, STF जांच में हाकम की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य मामले सामने आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि हाकम सिंह अपने खास “हथियारों” के बल पर नेताओं , अधिकारियों व कोचिंग सेंटर मालिकों को अपने ‘ वश’ में कर लेता था। विदेशों तक मौजमस्ती का पूरा इंतजाम जोड़ा हुआ था।
पुष्ट सूत्रों का कहना है कि हाकम सिंह लोक सेवा आयोग समेत अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी कई लोगों से लाखों ऐंठ कर नौकरी दिलवा चुका है। इस बाबत पीड़ित लोगों ने STF को सबूतों के साथ शिकायत भी भेजी है।
सूत्रों के अनुसार एसटीएफ को अलग-अलग माध्यमों से ऐसे कई संदिग्ध युवकों की सूची मिली है जो वर्तमान में सचिवालय, शिक्षा विभाग, वन विभाग, उर्जा निगम सहित कई अन्य विभागों में नौकरी कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार यूपीसीएल में चार असिस्टेंट इंजीनियर भी एसटीएफ के राॅडार पर हैं। पंतनगर विवि ने 29 अगस्त 2021 को यूपीसीएल के लिए सहायक अभियंता की परीक्षा कराई थी। चर्चा है कि हाकम सिंह ने 28 अगस्त की रात को इन चारों अभ्यर्थियों को होटल में प्रन पत्र साल्व कराया था। खास बात यह है कि ये चारों अभ्यर्थी उत्तरकाशी जिले के ही हैं और वर्तमान में यूपीसीएल की अलग-अलग डिवीजनों में तैनात हैं।
इसके अलावा सिंचाई व बिजली विभाग में कार्यरत पति- पत्नी भी हाकम सिंह के रैकेट की अहम कड़ी हैं। फिलहाल, यह इंजीनियर दम्पत्ति उत्तरकाशी जिले में ही तैनात हैं।
यूकेएसएसएससी की स्नातकीय परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, अन्य भर्ती आयोगों, विश्वविद्यालयों और बोर्डों द्वारा पिछले सात-आठ वर्षों में की गई विभिन्न भर्तियां भी संदेह के दायरे में आ रही हैं।
यूकेएसएसएससी की स्नातकीय परीक्षा में तो हाकम सिंह के इलाके के 80 लोगों का चयन हो गया था।
ED के हवाले की हाकम व अन्य अभियुकों की सम्पत्ति से जुड़ी जानकारी
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की एफआईआर के साथ प्रारंभिक रिपोर्ट एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट को भेजी जा रही है। इसमामले से जुड़े सभी अभियुक्तों की अवैध संपति को लेकर विवेचना में आयेगी वो भी केंद्रीय एजेंसी से साझा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मजबूत कानूनी शिकंजा कसने के लिए एसटीएफ ने न्यायालय में अब तक पंद्रह अहम गवाहों के बयान कलमबंद कराए हैं। साथ हो
गवाहों के बारे में जानकारी गोपनीय रखी जा रही है। मामले की जांच कर रहे STF के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किये गए कुछ अभियुक्तों के पेपर लीक करा कर काफी संपति अर्जित की है। इस मामले में अभी तक 83 लाख नकद बरामद भी किये गए।
उत्तरकाशी में दिलाई जमीन
खबरें यह भी आ रही है कि हाकम सिंह ने कई नेताओं, अधिकारियों को उत्तरकाशी जिले के विभिन्न इलाकों में जमीनें दिलाई। अगर जांच की दिशा सही रहे तो इन सफेदपोश लोगों की जमीन का साफ पता चल जाएगा।
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एक है हाकम सिंह- सत्ता के गलियारों से जेल की सलाखों तक
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