चार साल से योग्य शिक्षित बेरोजगारों से हो रहा खिलवाड़
विशेष रिपोर्ट/घोर लापरवाही- उत्त्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग 2016 से 2020 तक सहायक निदेशक के दो पदों टेक्निकल/कॉस्टिंग/लाइसेंसिंग) के लिये तीन बार विज्ञप्ति निकाल चुका है। शैक्षिक योग्यताओं में बार- बार बदलाव व नये कोर्सेज जोड़े जाने से अभ्यर्थी खासे परेशान व नाराज हैं। चार साल में दो बार विज्ञप्ति भी रद्द हो चुकी है। पूर्व में आवेदन कर चुके योग्य अभ्यर्थी बार बार विज्ञप्ति निरस्त होने व नये – नये मानकों के जोड़े जाने से मानसिक तौर पर परेशान हो चुके युवाओं ने आयोग के अध्यक्ष को भी पत्र भेजा है।Uttarakhand electricity regulatory commission)
अविकल उत्त्तराखण्ड/विशेष रिपोर्ट
देहरादून।
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की सहायक निदेशक पद के लिए शैक्षिक योग्यताओं में नयी नयी शर्त जोड़ी जा रही है। चार साल में तीन विज्ञप्ति निकली। जबकि योग्य अभ्यर्थी नही मिलने पर 2016 व 2019 की दो विज्ञप्ति रद्द भी करनी पड़ी।मानकों में बदलाव को लेकर आयोग के नीति नियन्ताओं पर भी सवाल उठ रहे हैं।
हर साल बदलाव देखने को मिल रहा है। 2020 में सहायक निदेशक के दो पद (टेक्निकल/कॉस्टिंग/लाइसेंसिंग)के लिए निकाली गई विज्ञप्ति में कुछ नए कोर्सेज को भी शामिल किया गया है। जबकि एमबीए और एमटेक को एक ही तराजू में रखा गया है। आयोग के इस नए मानकों से अभ्यर्थियों में गहरी नाराजगी है।
सहायक निदेशक के पद पर आयोग की निकाली गई विज्ञप्ति से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इस पद के लिए 2016 व 2019 में भी विज्ञप्ति निकाली गई थी । लेकिन विद्युत नियामक आयोग को सहायक निदेशक के पद के लिए उपयुक्त प्रार्थी ही नही मिले। नतीजतन, उक्त विज्ञप्ति को निरस्त करना पड़ा।
बीते सालों में आयोग ने सहायक निदेशक पद के लिए जो विज्ञप्ति निकाली। उसकी एक बानगी पेश है।
वर्ष 2016- शैक्षिक योग्यता के मानक
2016 में सहायक निदेशक के पद हेतु मांगी गई अनिवार्य शैक्षिक योग्यता graduate degree in electrical/mechanical engineering निर्धारित की गई थी।
वर्ष 2019- शैक्षिक योग्यता के मानक
2019 में उक्त पद हेतु graduate degree in electrical/mechanical engineering एवं MBA (power management)निर्धारित की गई । इस साल शैक्षिक योग्यता में पावर मैनेजमेंट में MBA की डिग्री अतिरिक्त जोड़ दी।
वर्ष 2020- शैक्षिक योग्यता के मानक
2020 में graduate degree in electrical/electronic/electrical & electronic/power system/mechanical engineering एवं Mtech/MBA (power management)/2 year pg diploma in power management निर्धारित की गई है।
2020 की विज्ञप्ति में पावर सिस्टम/इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग /एमटेक एमबीए(पावर मैनेजमेंट) डिग्री के अलावा पावर मैनेजमेंट में 2 साल के पीजी डिप्लोमा की शर्त भी जोड़ दी गयी।
2016 व 2019 में आयोग द्वारा केवल electrical /mechanical engineering के अभ्यर्थियों से ही उक्त पदों के सापेक्ष आवेदन स्वीकार्य किये गये थे परन्तु 2020 की विज्ञप्ति में electrical व mechanical degree के साथ साथ electronics से भी आवेदन मांगे गए ।
इसी के साथ ही एमटेक mtech को एमबीए mba(power mangemnt) के समतुल्य रखा जाना भी समझ के परे है। यही नही PG diploma in power management को 2 वर्ष की अवधि का मांगा जाना काफी संदेह पैदा करता है। जबकि आयोग को पता होना चाहिए कि PG diploma in power management किसी भी मान्यता प्राप्त विवि द्वारा केवल 10 माह की अवधि का ही कराया जाता है।
2016 से 2020 तक उत्त्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग में सहायक निदेशक के पद के लिये तीन बार विज्ञप्ति निकाल चुका है। शैक्षिक योग्यताओं में बार- बार बदलाव से अभ्यर्थी खासे परेशान व नाराज हैं। चार साल में दो बार विज्ञप्ति भी रद्द हो चुकी है। (Uttarakhand electricity regulatory commission)
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