मेघा आ में गोपाल बाबू गोस्वामी के चैती गीत के लिए करने पडे़ खास इंतजाम
विपिन बनियाल/अविकल उत्तराखंड
-पहली कुमाऊंनी फिल्म मेघा आ कई वजहों से खास है। एक वजह मेरे नजरिये से यह है कि इसकी शुरूआत में गोपाल बाबू गोस्वामी का चैती गीत है। न सिर्फ आवाज, बल्कि खुद अभिनय करते हुए गोपाल बाबू नजर आते हैं। 1987 के दौर में, जबकि यह फिल्म रिलीज हुई, तब की आंचजिक फिल्मों में यह अपेक्षा की जा सकती थी कि चैती गीतों की परंपरा को स्क्रीन पर इस अंदाज में जगह मिलेगी।
सबसे सुकून देने वाली बात गोपाल बाबू का गायन और अभिनय है। मगर बहुत कम लोगों को इस चैती गीत के पीछे छिपी रोचक कहानी की जानकारी है। दरअसल, जिस वक्त इस फिल्म के निर्माण का ताना बाना बुना जा रहा था, तब फिल्म के निर्माता जीवन सिंह बिष्ट ने गोपाल बाबू गोस्वामी के साथ एक कमिटमेंट कर लिया था। यह कमिटमेंट था कि फिल्म में गोपाल बाबू की विशेष उपस्थिति जरूर रहेगी। इस बीच, फिल्म का काम शुरू हो गया। जीवन सिंह बिष्ट व्यस्त हो गए।
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गोपाल दा भी व्यस्तता में इधर उधर फंस गए। शूटिंग अल्मोड़ा और आस पास के इलाकों में चल रही थी। फिल्म के संगीतकार हेमंत ठाकुर ने सारे गाने दीवान कनवाल और सरस्वती वर्मा की आवाज में रिकार्ड करा लिए थे। ऐसे में एक दिन गोपाल बाबू और जीवन सिंह बिष्ट की मुलाकात हो गई।
कमिटमेंट पर बात हुई। बिष्ट ने कहा कि गोपाल बाबू का चैती गीत तो फिल्म में जरूर रहेगा। पर इसे रिकार्ड कराने के लिए मुंबई या किसी दूसरे बडे़ शहर जाना इतना आसान नहीं था, क्योंकि रिकार्डिंग तो हो चुकी थी। ऐसे में तय हुआ कि अल्मोड़ा में ही इस तरह के इंतजाम किए जाएंगे कि गाना रिकार्ड हो जाए।
यह गीत फिल्म में भी गोपाल बाबू ही गाते हुए दिखेंगे। इस काम में तकनीकी दिक्कतें भी पेश आईं, लेकिन आखिरकार गाना रिकार्ड कर लिया गया। धुन पहाड़ की यू ट्यूब चैनल के लिए मेरे साथ बातचीत में फिल्म के हीरो मुकेश धस्माना ने यह रोचक किस्सा बयां किया है। गोपाल बाबू की 26 नवंबर को पुण्यतिथि के मौके पर खास तौर पर यह बातचीत की गई है। इसे आप विस्तार से धुन पहाड़ की यू ट्यूब चैनल में देख सकते हैं।
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