सीएम पैदल नहीं जा पाए दूधातोली, सेहत खराब, हवाई मार्ग से पहुंचे दूधातोली
110 करोङ की लागत से गैरसैंण-भराड़ीसैण में बनेगा सचिवालय
गैरसैंण इलाके में अगले 10 वर्ष में 25 हजार करोड़ खर्च कर विकास में निजी निवेशकों को भी शामिल करेंगे
अविकल उत्त्तराखण्ड
दूधातोली/गैरसैंण। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को दूधातोली में पेशावर कांड के अगुवा वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली को नमन किया। गढ़वाली के सपनों के मुख्य केंद्र बिंदु दूधातोली में सीएम को पैदल जाना था। लेकिन सेहत नासाज होने पर हवाई मार्ग से ही दूधातोली उतरे और गढ़वाली की समाधि पर श्रद्धा के फूल चढ़ाए।
राज्य गठन के 20 साल पूरे होने पर सीएम ने इस सुरम्य लेकिन दुर्गम इलाके में पहुंचने के बाद कहा कि आज मुझे वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी के दूधातोली स्थित समाधि स्थल पर पैदल जाना था। परंतु स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से हेलीकाप्टर से जाकर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम ने कहा कि वे जल्द पैदल दूधातोली जाएंगे।
इसके अलावा सीएम ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में उत्तराखण्ड सचिवालय का शिलान्यास किया। इसके निर्माण में 110 करोङ की लागत आएगी। गैरसैंण-भराङीसैण में विधानसभा भवन के बाद अब सचिवालय भी जल्द ही बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सिलकोट टी एस्टेट का हवाई सर्वेक्षण किया। हम ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण परिक्षेत्र में अगले 10 वर्ष में 25 हजार करोङ रूपए खर्च करेंगे। यहां के विकास में निजी निवेशकों को भी शामिल करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण के सुनियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाकर अल्पकालीन व दीर्घकालीन योजनाओं पर काम कर रहे हैं। इसमें विशेषज्ञों की राय ली जाएगी। “
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 240 करोड़ 16 लाख 18 हजार रूपए के अन्य विकास कार्यों का भी लोकार्पण और शिलान्यास किया।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धनसिंह रावत, विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, महेन्द्र भट्ट, जिलाधिकारी श्रीमती स्वाति एस भदौरिया सहित अन्य उपस्थित थे।
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