चारधाम में 20 श्रद्धालुओं की मौत के बाद हेल्थ महकमा नींद से जागा

स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने बैठक के हेल्थ एडवाइजरी जारी की। किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी हेतु 104 एवं एम्बुलेंस हेतु 108 हेल्पलाइन नम्बर सम्पर्क करें

सचिव स्वास्थ्य द्वारा चारधाम यात्रा से संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी / रिव्यू के निर्देश दिए

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के शुरुआती चंद दिनों में 20 तीर्थ यात्रियों की मौत के बाद प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया। औऱ बैठकें कर हेल्थ एडवायजरी जारी की गई। इन मौतों से साफ जाहिर हो गया कि तमाम दावों के बावजूद विभाग उचित स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया नहीं करा पाया। चारों धामों में उमड़ रहा तीर्थयात्रियों के सैलाब से व्यवस्थाएं ध्वस्त होती नजर आ रही हस। कांग्रेस अध्यक्ष करण मेहरा ने चंपावत चुनाव के मौके पर अव्यवस्था को मुद्दा बनाते हुए भाजपा सरकार पर प्रहार किए। इधर, 20 मौतों से मचे हड़कंप के बाद स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों ने बैठक कर चारधाम के लिए हेल्थ एडवाइजरी जारी की।

मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण चारधाम को लेकर सचिव स्वास्थ्य श्रीमती राधिका झा ने यात्रा से संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस महत्वपूर्ण बैठक में यात्रा से संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने वीडिया कान्फ्रेसिंग के माध्यम से भाग लिया।

सचिव स्वास्थ्य श्रीमती राधिका झा ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी करें और प्रतिदिन रिव्यू कर यात्रा को सुचारू रूप से संचालित कराए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गयी है और पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ को तैनात किया गया है, लेकिन यात्रा ड्यूटी में शिथिलता एवं अनुपस्थित चिकित्सक एवं कार्मिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

श्रीमती झा ने आपात स्थिति में यात्री को समय पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराए जाने तथा रिस्पॉन्स टाईम को कम करने के लिए जिलाधिकारियों को ऑनरूट मोबाईल एम्बुलेंस की व्यवस्था प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर चारधाम यात्रियों विशेषकर सीनियर सिटीजन, अन्य बीमारियों से ग्रसित अथवा लॉग-कोविड से प्रभावित यात्रियों को यात्रा आरम्भ करने से पूर्व नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने की आवश्यकता एवं यात्रा में स्वास्थ्य देखभाल को लेकर हैल्थ एडवाईजरी जारी की गयी हैल्थ एडवाईजरी में चारधाम पर आने वाले यात्रियों को नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के अनुसार यात्रा पर आने की सलाह दी गयी है, ताकि यात्रा में किसी प्रकार की प्रतिकूल स्वास्थ्य स्थितियों का सामना न करना पड़े। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह पर्यटन विभाग के माध्यम से हैल्थ एडवाईजरी का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराएं।

यात्रा में आपदा एवं आकस्मिक परिस्थितियों के अन्तर्गत मरीजों अथवा प्रभावित तीर्थ यात्रियों को त्वरित राहत के लिए एयर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए। सचिव ने कहा कि संबंधित जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभावित मरीज / तीर्थयात्री को एयर लिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश तक उपचार हेतु तुरन्त ले जाने के लिए एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था करायेगें।

स्वास्थ्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली के अनुरोध पर तुरन्त 01 फिजीशियन को जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में तैनात करने के निर्देश महानिदेशक स्वास्थ्य को दिए तथा मेडिकल कॉलेज दून के प्रधानाचार्य को 15-15 दिनों के लिए रोस्टर के आधार पर चिकित्सकों की तैनाती चारधाम यात्रा के दौरान किए जाने के लिए कहा।

चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए स्वास्थ्य सचिव श्रीमती राधिका झा ने स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात निदेशक डॉ० विनीता शाह को उत्तरकाशी डॉ० सरोज नैथानी को रूद्रप्रयाग तथा डॉ० भारती राणा को चमोली जनपद के लिए नोडल अधिकारी नामित कर यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी हेतु निर्देशित किया गया है।

समीक्षा बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य श्रीमती सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ० शैलजा भट्ट, प्रधानाचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ० आर०सी०एस० सयाना, उप सचिव डॉ० मुकेश कुमार राय, अपर निदेशक डॉ० उमाशंकर कण्डवाल, डॉ० राजन अरोड़ा, श्री जे०सी० पाण्डेय एवं एस०डी०आर०एफ० के प्रतिनिधि उपस्थित हुए।

चारुयाम यात्रा- 2022 हेतु यात्रियों के स्वास्थ्य हेतु दिशा निर्देश (Health Advisory)

चारधाम यात्रा में समस्त तीर्थ स्थल उच्च हिमाली क्षेत्र में स्थित है, जिनकी ऊई समुद्र तल से 2700 मी० से अधिक है। उन स्थानों में यात्रीगण अत्यधिक कम आदता, आत्यधिक अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित है। सभी तीर्थ यात्रियों के सुगम एवं सुरक्षित यात्रा हेतु निम्न दिशा-निर्देश (Health Advisory) किये जा रहे हैं।

• स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत ही यात्रा के लिए प्रस्थान करें।

पूर्व से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का फर्क नम्बर एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाईयां अपने साथ रखें। • अति वृद्ध एवं बीमार व्यक्तियों एवं पूर्व में कोविक से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यात्रा पर न

जाना या कुछ समय के लिए स्थगित करना उचित होगा। • तीर्थस्थल पर पहुंचने से पूर्व मार्ग में एक दिन का विश्राम करना उचित होगा।

• गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें।

• हृदय रोग, श्वास रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप मस्त रोगी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतें।

• लक्षण जैसे- सिर दर्द होगाकर आना, घबराहट का होना दिल की होना उल्टी आना, हाथ-पत्र होठों का नीला पड़ना थकान होना, सास फूलना, खाँसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पहुॅचे एवं 104 हेल्पलाईन नम्बर पर सम्पर्क करें।

• धूम्रपान व अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें। ● सनस्कीन एस०पी०एफ0 50 का उपयोग अपनी त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए करे।

● पृथ्वी किरणों से अपनी आखों के बचाव हेतु सन ग्लासेस का उपयोग करें।

● यात्रा के दौरान पानी पीते रहे और भूखे पेट ना रहे।

● लम्बी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें।

• ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम से बचें।

● किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी हेतु 104 एवं एम्बुलैस हेतु 108 हेल्पलाईन नम्बर सम्पर्क करेगे।

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