जीएसटी- व्यापारियों को दिया गया जवाब देने का पर्याप्त समयःसहायक कमिश्नर

31 दिसंबर तक जवाब देने की स्थिति में पुनः नोटिस जारी करने की तैयारी

नये साल में फिर भेजे जा सकते हैं जीएसटी नोटिस

कोविड महामारी के बीच सूक्ष्म उद्यमियों को नोटिस भेजने का मामला

एक हजार से अधिक व्यापारियों को लाया गया है नोटिस के दायरे में

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून । कोविड महामारी के बीच एक बार फिर कार्यालय अधीक्षक केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर रेंज-5 देहरादून मंडल (जीएसटी) ने व्यापारियों पर कार्यवाही करने का मन बना लिया है। 31 दिसंबर के बाद व्यापारियों को पुनः नोटिस जारी किए जाएंगे।

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दूसरी ओर, व्यापारिक संगठनों का कहना है कि कोविड की वजह से नोटिस की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए गए है। नोटिस यदि सामान्य स्थितियां में जारी होते तो किसी तरह का विरोध नहीं होता। कोविड की वजह से पूरी तरह से तबाह हो चुके व्यापारियों को यह नोटिस चुभ रहा है। व्यापारी वर्ग किसी भी तरह की कर चोरी का पक्षधर नहीं है। देश की प्रगति में स्वरोजगारियों एवं छोटे व्यापारियों की अहम भूमिका रही है।


जीएसटी की सहायक कमिश्नर श्रेया गुप्ता ने बताया कि आयकर विभाग से साल 2015-16 की मिली सूचना के आधार पर एक हजार से अधिक व्यापारियों को विगत 7 अक्टूबर को पत्र जारी किए गए थे। आयकर रिटर्न एवं सेवा कर में मिलान न होने पर व्यापारियों को पत्र हुए। जवाब देने के लिए तीन माह का पर्याप्त समय भी दिया गया। अब जवाब न मिलने की स्थिति में दोबारा पत्र जारी किए जाएंगे। ऐसा नहीं है कि व्यापारियों पर किसी तरह का दबाव बनाया जा रहा है।

सुश्री गुप्ता का कहना है कि कानून के दायरे में रह कर ही कार्यवाही की जाएगी। यदि सरकार के तय मापदण्ड पर कर वसूली नहीं की जाए तो विभाग की उपयोगिता पर सवाल उठ सकते है। इस तरह के कठोर कदम उठाए जाने की यही वजह है। ईमानदार तरीके के कर अदा करने वाले व्यापारियों को किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होगी।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले इसी साल अक्टूबर में  2015-16 के सेवा कर से जुड़े नोटिस एक हजार से अधिक व्यापारियों को भेजे गए। कोविड महामारी में गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे व्यापारियों ने मामले को मुख्यमंत्री दरबार से लेकर कमिशनर कार्यालय तक उठाया।

इसी बीच, व्यापारियों को राहत देने के बजाय विभाग ने एक बार फिर नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली है। सहायक कमिशनर ने बताया कि नोटिस का जवाब देने के लिए 31 दिसंबर तक का समय निर्धारित किया गया है। यदि 31 तक संतोशजनक जवाब नहीं दिए गए तो दोबारा नोटिस जारी होंगे। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नोटिस नहीं मात्र ‘पत्र‘ है।

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