अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। यदि किसी चिकित्सालय द्वारा इलाज में आना-ंकानी की जा रही है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। यह भरोसा राज्य स्वास्थ्य सेवा अभिकरण के सीईओ अरूणेन्द्र सिंह चौहान ने राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमण्डल को दी। प्रतिनिधिमंडल ने सीईओ चौहान से राज्य कर्मियों को कैशलैस चिकित्सा के लिए जारी गोल्डन कार्ड के प्रयोग में आ रही समस्याआंे के समाधान की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने सीईओ चौहान को बताया कि कुछ पंजीकृत चिकित्सालय गोल्डन कार्ड के माध्यम से कैशलैस चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में आना-कानी कर रहे हैं। इस पर सीईओ चौहान ने बताया कि अभी तक कुल 719 कार्मिकों की चिकित्सा गोल्डन कार्ड के अन्तर्गत कैशलैस की जा चुकी है। चौहान ने बताया कि चिकित्सा प्राप्त कर रहे कार्मिकों से अभिकरण फोन के माध्यम से फीडबैक भी प्राप्त कर रहा है। उसी फीडबैक के आधार पर चिकित्सालयों की रेटिंग की जाएगी।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि दृष्टि आई केयर सैन्टर देहरादून द्वारा मात्र सात हजार रुपये तक के ही व्यय पर मोतियाबिन्द की चिकित्सा करने की सूचना प्राप्त हुई है। चौहान ने बताया कि इस समस्या के निराकरण के लिए कार्यवाही चल रही है। शीघ्र ही मंत्रिमण्डल से अनुमोदन प्राप्त कर समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कुछ चिकित्सालयों में मात्र कुछ ही रोगों की चिकित्सा की जा रही है। इस पर सीईओ चौहान ने बताया कि वर्तमान में मात्र सीएमआई चिकित्सालय में ही कुछ रोगों का पंजीकरण किया गया है, जबकि अन्य पंजीकृत चिकित्सालयों में इस प्रकार की कठिनाई नहीं है।
परिषद ने देहरादून के बडे़ चिकित्सालय जैसे-मैक्स, कैलाश इत्यादि पंजीकरण में शामिल नहीं होने की बता भी उठाई। इस पर चौहान ने प्रतिनिधिमण्डल को बताया कि इन चिकित्सालयों के साथ ही प्रदेश के कार्मिकों को सीजीएचएस के अन्तर्गत लगभग 13500 पंजीकृत चिकित्सालयों में भी चिकित्सा की सुविधा प्रदान करने कार्रवाई चल रही है।
प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश अध्यक्ष ठा. प्रहलाद सिंह, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री अरूण पाण्डे और गुड्डी मटुडा आदि कर्मचारी नेता शामिल थे।
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