हरिद्वार,हल्द्वानी, टिहरी व अल्मोड़ा जेल में बंद कैदियों की जांच की गई
स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के कारागारों में बंद कैदियों की हेपेटाइटिस बी, सी की नि:शुल्क जांच का सघन अभियान 4 अगस्त तक चलाएगा
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। विश्व हैपेटाइटिस दिवस के मौके पर राज्य की विभिन्न जेलों में बन्द लगभग 550 कैदियों की हेपेटाइटिस बी एवं सी की नि:शुल्क जांच की जा रही है।
अभी तक जिला कारागार हरिद्वार में 247, हल्द्वानी में 132, टिहरी में 120 एवं अल्मोड़ा में 50 बंदियों की हैपेटाइटिस बी एवं सी की नि:शुल्क जांच की गयी है। 28 जुलाई से शुरू हुआ जांच का सिलसिला 4 अगस्त तक चलेगा।
इस अवसर पर सचिव राधिका झा ने कहा कि भारत सरकार की इस मुहिम को जिला व गाँव स्तर तक पहुंचाया जाएगा। जनजागरूकता के विभिन्न आयोजन व प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिये बीमारी से बचाव किया जाएगा।
डॉ. आर राजेश कुमार, प्रभारी सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बताया कि कैम्पेन मोड में चल रहा यह अभियान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के राष्ट्रीय वायरल हैपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीएचसीपी) के अंतर्गत संचालित हो रहा है। इस अभियान में मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेशित कर सभी जिला कारागार, उप-कारागार, केन्द्रीय कारागार में हेपैटाईटिस बी एवं सी के संक्रमित बंदियों का उपचार सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।
प्रभारी सचिव ने बताया कि इस अभियान में प्रीजन इंटरवेंशन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है जहां कारागारों में एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र की सुविधा एवं निरूद्ध बंदियों को एच.आई.वी. जांच एवं परामर्श प्रदान किया जा रहा है।
डा. सरोज नैथानी, निदेशक, एनएचएम ने बताया कि इस अभियान के सफल संचालन हेतु प्रत्येक जनपद स्तर पर गठित टीम को कारागारों में वांछित सहयोग प्रदान किया जाता है एवं कारागारों के मेडिकल, पैरामेडिकल स्टाफ एवं प्रिज़न पीयर वॉलेन्टीयर की ट्रेनिंग भी करायी जाती है।
डा. नैथानी ने बताया कि एच.आई.वी./एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु भारत में एचआईवी संक्रमण के खिलाफ एकजुटता और कार्रवाई (साथी) प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से अलग-अलग कार्यक्रम किये जाते हैं। जिनमें संवेदना कार्यक्रम के अन्तर्गत माँ से बच्चे में संचरण का उन्मूलन को सुदृढ़ किया जाता है। वहीं, मिश्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत चिकित्साधिकारियों, नर्स, लैब पर्सनल, फार्मासिस्ट, डाटा मैनेजर आदि कार्मिकों का क्षमता विकास किया जाता है। जिसके क्रम में शुभ शिक्षा के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न कारागारों में एच.आई.वी., टी.बी., एस.टी.आई. एवं हैपेटाइटिस आदि सेवायें प्रदान किये जाने हेतु टीम का गठन किया गया है।
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