अविकल उत्तराखंड/लाइव लॉ हिंदी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को हुआ। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने न्यायालय के एडिशनल बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स के ऑडिटोरियम में नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। दो जजों के जुड़ने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हो गई।
केंद्र ने शनिवार को गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जमशेद बुर्जोर परदीवाला को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की थी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कॉलेजियम ने ये सिफारिशें की थी। जस्टिस धूलिया के बारे में जस्टिस धूलिया का जन्म 10 अगस्त, 1960 को मदनपुर गांव लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल में हुआ था और उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और इलाहाबाद में हुई थी। वह सैनिक स्कूल, लखनऊ के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली है। जस्टिस धूलिया 1986 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में बार में शामिल हुए और 2000 में इसके गठन पर अपने गृह राज्य उत्तराखंड में स्थानांतरित हो गए।
वह उत्तराखंड हाईकोर्ट में पहले मुख्य सरकारी वकील थे और बाद में उत्तराखंड राज्य के लिए एक अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे। उन्हें 2004 में एक सीनियर एडवोकेट के रूप में नॉमिनेट किया गया। उन्हें नवंबर 2008 में उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और बाद में 10 जनवरी 2021 को असम, मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
जस्टिस धूलिया गढ़वाल के पहले व्यक्ति हैं जो सुप्रीम कोर्ट में जज बने। उनके पिता केशव चन्द्र धूलिया इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज थे।
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