गणतंत्र दिवस परेड की झांकी का विषय ‘केदारखण्ड’ रखा गया है। झांकी के अग्र भाग में राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग‘, राज्य पक्षी ‘मोनाल’ एवं राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ तथा पार्श्व भाग में केदारनाथ मन्दिर परिसर एवं श्रद्धालुओं को दर्शाया गया है-डॉ मेहरबान बिष्ट, सूचना महानिदेशक
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर राजपथ पर देश विदेश के लोग उत्त्तराखण्ड के “केदारखंड” से रूबरू होंगे। इस बार प्रदेश की झांकी की थीम “केदारखंड” रखी गयी है।
भारत सरकार ने उत्तराखण्ड राज्य की झांकी “केदारखंड” को मंजूरी दे दी है। सूचना महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि रक्षा मंत्रालय में विभिन्न चरणों में पांच बार की बैठक के बाद उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का गणतंत्र दिवस परेड में स्थान मिला है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष राज्य की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय ‘केदारखण्ड’ रखा गया है। झांकी के अग्र भाग में राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग‘, राज्य पक्षी ‘मोनाल’ एवं राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ तथा पार्श्व भाग में केदारनाथ मन्दिर परिसर एवं श्रद्धालुओं को दर्शाया गया है।
झांकी के चयन हेतु रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में आयोजित पांच स्तर की बैठकों में विभाग के उपनिदेशक, के.एस.चौहान ने झांकी की थीम, डिजाइन, मॉडल, संगीत आदि का विवरण दिया।
इस वर्ष 32 राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया जिसमें से अंतिम रुप से केवल 17 राज्यों का चयन किया गया है।
इससे पूर्व उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वर्ष 2003 में ‘फुलदेई’, वर्ष 2005 में ‘नंदाराजजात’, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी’, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क’, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन’, वर्ष 2010 में ‘कुम्भ मेला हरिद्वार’, वर्ष 2014 में ‘जड़ी बूटी’, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ’, वर्ष 2016 में ‘रम्माण’, वर्ष 2018 में ‘ग्रामीण पर्यटन’ तथा वर्ष 2019 में ‘अनाशक्ति आश्रम (कौसानी प्रवास एवं अनाशक्ति)’ विषयों पर आधारित झांकियों का सफल प्रदर्शन राजपथ पर किया जा चुका है।
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