बाबा केदार धाम में काम करने वाले राकेश रावत को चमकदार अंगूठी मिलती है। वह उलट पुलट कर देखता है। 25 लाख कीमत की अंगूठी। किसी को भी लालच आ सकता है लेकिन राकेश रावत असली मलिक की तलाश करता है और फिर… पढ़िये पूरी कहानी राजन रावत की कलम से। ”पहाड़ की भूली बिसरी यादें ‘ में-
केदारनाथ।
राकेश को 25लाख की अंगूठी मिली । जब तक अंगूठी को उसके मालिक तक पहुंचाया नही तब तक चैन से सो नही पाया, उत्तराखंड का ये लाल ।कहते है बाबा केदार की नगरी में एक असीम शक्ति है।
गांव रामपुर न्यालसू के राकेश रावत जो केदारनाथ में काम कर रहे थे । विगत कुछ दिन पहले राजस्थान से यात्रा करने आये श्रद्धालु की केदारनाथ में खोयी अंगूठी मिली। अंगूठी की कीमत लगभग 25 लाख थी। वह अंगूठी राकेश रावत को मिली ।
उन्होंने यात्री से सम्पर्क कर उनकी बहुमूल्य अंगूठी उन्हें वापस कर दी। राकेश रावत की ईमानदारी से प्रभावित होकर उक्त श्रद्धालु ने राकेश रावत को नकद 51000रू ईनाम में दिये। देवभूमि के ऐंसे लाल को प्रणाम। यही है असली उत्तराखंड यही है यहाँ की मिट्टी की खुशबू । देश के कोने कोने आज देवभूमि सिर्फ एक चीज़ के लिये जानी जाती है वो है ईमानदारी । गर्व है इस धरती पर ऐसे लाल पैदा होते है ।
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