गैब्रिएला सबातीनी. मुग्ध कर देने वाली सुंदरता. गजब का आकर्षण. जबरदस्त सेक्स अपील. बेपनाह दौलत. महज 26 साल की उम्र में उन्होंने टेनिस जगत को अलविदा कह दिया. 1998 में आखिरी टेनिस मैच खेला था. इस हिसाब से देखें तो 16 साल हो गए टेनिस छोड़े हुए. आज भी जब टेनिस की सबसे हसीन और सुंदर महिला खिलाडिय़ों का जिक्र होता है तो सबातीनी का नाम जरूर होता है. वह अर्जेंटीना की राजधानी में शांत जीवन बिता रही हैं.
बिजनेसवूमन के तौर पर व्यावसाय को बढ़ा रही हैं. अब उनके बारे में कोई गॉसिप सुनने को नहीं मिलता. न ही कोई खबर मीडिया में आती है. हालांकि ये उत्सुकता बनी रहती है कि लातीनी ब्यूटी का जीवन किन राहों पर चल रहा है. आखिर उन्हें अपने सपनों का राजकुमार मिला कि नहीं..वह आखिर कब शादी करेंगी. कहीं एेसा तो नहीं कि गुपचुप ऐसा कर ही लिया हो.
एेसे ही एक उत्साही ने विकी एन्सर डॉट कॉम पर करीब दो साल पहले एक सवाल पूछा -क्या सबातीनी विवाहित हैं.
माना जाता है कि ये साइट आपके सवाल के जवाब को तलाश ही लाती है.
जवाब सीधा और संक्षिप्त था. आमतौर पर ये साइट सनसनीखेज और मसालेदार जवाब नहीं देती. जवाब था- वह लुजेन गैरीसोलिया के साथ ब्यूनेस आर्यस में रहती हैं.
ये लूजेन गैरोसोलिया कौन हैं- वह पेशेवर मनोवैज्ञानिक हैं. एक जमाने में महिला टेनिस सर्किट में मनोवैज्ञानिक के तौर काम करती थीं. कई टेनिस खिलाडिय़ों से जुड़ी रहीं. बाद में सबातीनी के स्टाफ में शामिल हो गईं. उसी दौरान सबातीनी से निकटता होती गई. दोनों की दोस्ती और समझबूझ बेहतर हुई. यही लूूजेन अब सबातीनी की सबसे बेहतरीन साथी है और जीवन में खासी अहम. सबातीनी के बिजनेस में हाथ बंटाती हैं. साथ रहती हैं. इस जुड़ाव को 18 साल से ऊपर हो चले हैं. लिहाजा इसकी गंभीरता का अंदाज लगाया जा सकता है.
अगर गॉसिप को छोड़ दिया जाए तो टेनिस सर्किट में सबातीनी को हमेशा एक शख्स के तौर पर हमेशा तारीफ मिली. उनकी इमेज समझदार, संवेदनशील महिला की रही. कभी ऐसा कुछ नहीं किया कि किसी को ठेस लगे. कभी कोई ऐसी बात नहीं की, जिसपर कोई बुरा मान जाए. मीडिया ने लगातार उनकी निजी जिंदगी में झांकने की कोशिश की लेकिन शायद ही कभी उन्होंने किसी से बुरा बर्ताव भी किया हो. जब 90 के दशक में तत्कालीन नंबर वन खिलाड़ी मोनिका सेलेस को जर्मनी के एक टेनिस टूर्नामेंट में किसी ने पीठ में छूरा मारकर घायल कर दिया था, तब उन्हें करीब छह महीने तक टेनिस सर्किट से बाहर रहना पड़ा था. तब ये सबातीनी ही थीं, जिन्होंने सेलेस को फिर से नंबर वन की पोजिशन देने की मांग की थी.
सबातीनी जब तक टेनिस खेलती रहीं, पूरी दुनिया उनकी दीवानी रही. बहुत बड़ा वर्ग था उनके प्रशंसकों का. कहा जा सकता है कि ढेर सारे लोगों ने तो महज उन्हें कोर्ट पर खेलते देखने के चलते टेनिस में दिलचस्पी लेनी शुरू की. समीक्षक आज भी उन्हें बेहतरीन खिलाड़ी मानते हैं. ये उनका दुर्भाग्य था कि जिस दौर में वह टेनिस सर्किट में आईं, उस दौर में स्टेफी ग्राफ, अरांता सांचेज विकारियो और मोनिका सेलेस जैसी महान और धुरंधर खिलाड़ी भी थीं.
अफसानों की बात करें तो कहा जाना चाहिए कि सबातीनी का नाम कई लोगों से जुड़ा. कई के साथ उनके रोमांस के किस्से हवा में तैरे. हर कोई उनके करीब आना चाहता था. हालांकि दबी जुबान में ये भी कहा जाता था कि पुरुषों के साथ रोमांस के बावजूद उनका झुकाव महिलाओं की ओर भी है. हर जीवन की अपनी एक निजता होती है. सबातीनी ने इस निजता का वैसा प्रदर्शन कभी नहीं किया, जैसा मार्टिना नवरातिलोवा करती रही हैं. मार्टिना ने जीवन और सिस्टम के हर पहलू पर विद्रोही, मनमौजी, आत्मकेंद्रीत और काफी हद तक स्वार्थी भाव का प्रदर्शन किया. सबातीनी बिल्कुल इसके उलट रहीं. वह घर-परिवार, समाज और अभिभावकों के प्रति सम्मानभाव रखती हैं. लूजेन के साथ उनके बारे में कही जाने वाली तमाम बातों के बावजूद उन्होंने अपनी जिंदगी के बारे में कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया, क्योंकि उनके पेरेंट्स नहीं चाहते कि वह ऐसा करें. कहा जाता है कि लूजेन के साथ वह दोस्त से ज्यादा एक दंपति हैं. पेरेंट्स इस शर्त के साथ इन संबंधों को स्वीकार्यता दी हुई है कि वह इसे सार्वजनिक तौर पर जाहिर नहीं करें.
सार्वजनिक तौर पर वह अर्जेंटीना में भी पार्टनर के साथ बहुत कम नजर आती हैं, क्योंकि न तो उन्हें ये रुचिकर लगता है और न ही ये चाहती हैं कि उनके बारे में मीडिया को तमाम कयासबाजियों का मौका मिले. बल्कि उन्होंने अर्जेंटीना प्रेस से समय- समय पर अनुरोध भी किया कि उनकी निजता को बनाकर रखा जाए. देर रात जरूर उन्हें लूजेन के साथ ब्यूनेस आर्यस के रेस्तरां या होटल देखा गया. जब फोटोग्राफर्स ने दोनों की साथ तस्वीरें खींचने की कोशिश की तो सबातीनी ने विरोध करने के साथ बचने का प्रयास भी किया. ब्यूनेस आर्यस में वह सबातीनी ब्रांड के नाम से परफ्यूम लाइन का बड़ा बिजनेस अंपायर चलाती हैं. साथ ही रियल एस्टेट की सफल व्यवसायी भी. लगातार यूरोप और अमरीका के बिजनेस ट्रिप पर होती हैं. सबातीनी परफ्यूम लाइन यूरोप और अमरीका में खासी लोकप्रिय है. उनके नाम पर गैबी डॉल भी बाजार में उतारी गई, जिसने बिक्री के सारे रेकार्ड तोड़ दिए. एक मॉडल के तौर पर कंपनियों ने जितना उन्हें हाथों हाथ लिया, उतना शायद ही किसी और खिलाड़ी को.
हर लडक़ी की तरह उनके भी सपने थे. सपनों में राजकुमार के अक्स थे. पुरुषों की नजदीकियां उन्हें मिलीं. आखिर क्यों नहीं मिलती, आखिर वह टेनिस सर्किट की सबसे खूबसूरत और स्टायलिश युवती जो ठहरीं. 90 के दशक के शुरू में उनके जीवन में जर्मनी के हैम्बर्ग का एक बांका जवान आया. सुंदर, लंबा और सलौना. नाम था फ्रेंक एंकेलबच. स्पोट्र्स प्रोमोशन और टैक्सटाइल्स पेशे से जुड़ा हुआ. वह हैम्बर्ग में ही एक टूर्नामेंट के दौरान सबातीनी से मिला. दोनों में दोस्ती हुई. जो धीरे धीरे प्रगाढ़ता में तब्दील हो गई. दोनों की साथ साथ खींचीं गई तस्वीरें उनकी नजदीकियों को जाहिर करती हैं. चेहरे की खुशी, हाव-भाव ये बताने के लिए काफी था कि सबातीनी को वाकई फ्रेंक से प्यार हो गया है. सिलसिला लंबा चला. दोनों सार्वजनिक तौर पर भी साथ दिखते थे, मैगजीन उनके बारे में आइटम छापती थीं. लगता था कि उनके प्यार की गाड़ी, शादी के स्टेशन पर ही जाकर रुकेगी.
दुनियाभर में सबातीनी जहां खेलने जातीं, फ्रेंक साथ होता. फिर न जाने क्या हुआ. दोनों जुदा हो गए. फिर फ्रेंक ने सबातीनी के बारे में एेसी बातें मीडिया में कहीं, जो नहीं कही जानी चाहिए थी. इससे वह बहुत अपसेट हुईं. प्रतिक्रिया में एक शब्द भी नहीं कहा. अगर किसी ने उनका पक्ष जानना चाहा तो इतना ही बोला-फ्रेंक जो कह रहा हो कहे, मैं कुछ नहीं बोलूंगी। इस झटके ने शायद मनोवैज्ञानिक तौर पर सबातीनी पर असर डाला. खेल की लय भी प्रभावित हुई. हमेशा खुश दिखने वाली खिलाड़ी बुझी बुझी दिखने लगी. बात सही है कि फ्रेंक ने सबातीनी को लेकर जो कुछ कहा, उसमें बहुत कुछ ऐसा था जो शालीनता से परे था, लेकिन टेबलॉयड्स के लिए तो ये एेसा मसाला था, जिसकी उन्हें हमेशा जरूरत रहती है. ये सबातीनी के जीवन का वो मोड़ था, जिसने उन्हें बहुत कुछ बदल दिया. जीवन के प्रति दृष्टिकोण से लेकर खेल तक. वह खुद में सिमटती चली गईं. कोई भी उनके करीब आ नहीं पाता और अगर आता भी तो देर तक ठहर नहीं पाता. वह जल्दी ही किसी के बारे में किसी फैसले तक पहुंच जातीं.
वो दौर उनके लिए एक अजीब दौर था. पत्रकारों से जब भी सामना होता तो वो निजी जीवन के सवाल पूछतेे. जिसके जवाब वह कतई नहीं देना चाहती थीं. टेनिस से संन्यास के बाद पिछले साल जब वह टेनिस के हाल ऑफ फेम में आईं तो उन्होंने खुलासा किया कि युवावय में वह बहुत से जानबूझकर मैच हारती थीं ताकि प्रेस रिपोर्टर से सामना नहीं हो पाए. जब मैं युवा थी तो मुझे लगता था कि मैच जीतने के बाद प्रेस से रू-ब-रू होना होगा. फिर वो तमाम तरह के सवाल पूछेंगे. इसलिए मैं सेमीफाइनल में मैच हार जाया करती थी.
करीब 50 साल की हो रहीं सबातीनी अब पहले से ज्यादा हसीन, खूबसूरत और आत्मविश्वास से भरी लगती हैं. वर्ष 1985 में पहली बार उन्होंने लोगों का ध्यान तब खींचा था, जब 15 वर्ष की उम्र में वह फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में क्रिस एवर्ट का सामना कर रही थीं. मैच में पराजय बेशक मिली लेकिन उनके खेल, लुक और स्टाइल ने ढेरों दीवाने बना दिए. टेनिस में उनका आने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं. बचपन में बड़े भाई के रैकेट से टेनिस खेलने का चस्का लगा. जब उम्र 12 साल हुई तो खेल इतना निखर चुका था कि पिता ने समझ लिया कि उनमें आगे जाने की जबरदस्त प्रतिभा है. बिटिया को आगे बढ़ाने उन्होंने नौकरी छोड़ दी. फिर 14 साल की उम्र तक सबातीनी ने स्कूली पढाई को भी किनारे कर दिया. अब उनके जीवन में केवल टेनिस था. 15 साल की उम्र में वह प्रोफेशनल बन गईं. इसके बाद टेनिस टूर्नामेंट जीतना और बड़ी प्रतियोगिताओं के सेमीफाइनल तक पहुंचना उनका शगल बन गया. जब तक वह टेनिस सर्किट में खेलती रहीं तब तक टॉप टेन टेनिस खिलाडिय़ों में शुमार रहीं.
कहा जाता है कि महज 26 साल की उम्र में टेनिस से संन्यास ले लेने की वजह उनकी अपनी निजी जटिल जिंदगी थी. व्यक्तिगत स्तर पर वह समस्याओं का सामना कर रही थीं और बिल्कुल नहीं चाहती थीं कि मीडिया जिंदगी में झांके. उनके सीक्रेट्स सामने लाए. वह स्थितियों पर नियंत्रण करना थीं. हल निकला कि टेनिस को बॉय कह दिया जाए. अब वह एकदम वैसा ही जीवन गुजार रही हैं, जैसा चाहती थीं.
फ्रेंच अंकेलबेंच के बाद ऐसा नहीं कि उनके जीवन में पुरुष आए नहीं. बिल्कुल आए. वर्ष 1992 में फ्रांस के प्रसिद्ध टेनिस स्टार हेनरी लेकांते से अफेयर की चर्चाओं ने खूब जोर पकड़ा. लेकांते की इमेज दिलफेंक टेनिस खिलाड़ी की थी. व्यक्तित्व सुदर्शन. फ्रेंच ओपन में खेलते वक्त ये नजदीकी परवान चढ़ी. लेकांते ने उनके साथ पेरिस की गलियों, बड़े बड़े प्रासाद गृहों, सुंदर उपवनों और एफिल टावर की सैर की. अक्सर दोनों अपने टूर्नामेंटों के कार्यक्रम इस तरह तय करते कि जहां हेनरी खेल रहे होते, वहीं सबातीनी भी खेल रही होतीं. दो-तीन महीने जबरदस्त रोमांस चला. वह लेकांते के साथ आस्ट्रेलिया और कीबिस्केन सैर-सपाटे के लिए गईं. अटकलों ने जोर पकड़ा कि दोनों शादी रचाने वाले हैं. ऐसा हुआ नहीं. जल्द प्यार का ये सफर अलग अलग दिशाओं में जाने वाले रास्तों में बंट गया. कहा जाता है कि लेकांते तो संबंध बनाए रखने के बहुत इच्छुक थे लेकिन सबातीनी ने जो एक बार कन्नी काटी तो फिर पलट कर नहीं देखा. शायद सबातीनी को लेकांते के दिलफेंक तौरतरीके पसंद नहीं आए.
इसके बाद भी उनके जीवन में कई पुरुष आए. जिसमें पॉप स्टार माइकल बोल्डन, प्युर्तो रिकी के जगप्रसिद्ध गायक रिकी मार्टिन और लातिनी टीवी स्टार जार्ज मार्टिनेज थे. इन सभी को अर्जेंटीनी टेनिस स्टार के साथ देखा गया. वैसे सबातीनी के करीबियों ने कहना कि ये कतई प्यार जैसा नहीं था. बस इसे उनके साथ होटलों में जाने और मिलने के तौर पर ही देखा जाना चाहिए.
सबातीनी को एक और नौजवान भाया, जो इटली का युगेनियो रोसी था. बेहद संपन्न परिवार का खूबसूरत नौजवान. वह टेनिस खिलाड़ी भी था. उम्र 19 साल. इटली की एक महिला खिलाड़ी ने सबातीनी का परिचय उससे कराया था. ब्रिटेन के सन टैबलॉयड ने दोनों के किस्से खूब चटखारे लेकर छापे. एक बार सन की रिपोर्ट में सबातीनी के एक मैच हारने के बाद मोटे मोटे शब्दों में शीर्षक लगाया-प्यार के चलते गैबी ने अपना बड़ा मैच गंवाया. फिर खबर की शुरुआत कुछ यूं हुई, टेनिस की देवी गैब्रिएला सबातीनी विंबलडन से कल बाहर हो गईं. इसकी वजह थी उसका प्रेम ज्वर से ग्रस्त हो जाना. शायद गैबी कोर्ट पर अपने इतालवी प्रेमी यूगेनियो का ख्याल दिमाग से निकाल नहीं पाई है. सन की इस रिपोर्ट ने भी सबातीनी को काफी विचलित किया. प्रेम की ये कड़ी भी समय के साथ टूट गई.
हां, एक और शख्स उनके जीवन में दाखिल हुआ, जिससे भी मायूसी ही हाथ लगी. वह था अर्जेंटीना का ही अरबपति कार्लोस बेलग्रानो. वह ड्रग्स के काले धंधे में सक्रिय था. सबातीनी को इस बारे में नहीं मालूम था. वह दिल खोलकर सबातीनी पर धन लुटाता था. सबातीनी का इतना भव्य सत्कार करता कि वह उसकी कायल हो गईं. जब तक उसका चार्टर विमान सबातीनी के लिए तैयार रहता. अर्जेंटीना में भी कम लोगों को मालूम था कि वह मूलरूप से किसी काले व्यावसाय में सक्रिय है. वह तमाम चैरिटी कामों से लेकर खेलों पर अपनी साख बनाए रखने के लिए जमकर पैसा खर्च करता था. जब ये अरबपति सबातीनी के दिल में पैठ बना चुका था तभी उसकी कलई पुलिस ने खोल दी. वर्ष 1990 में ड्रग्स स्कैंडल का पर्दाफाश हुआ और वह पकड़ा गया. सबातीनी के लिए उसका पकड़ा जाना एक बड़ा झटका था. वह सकते में आ गईं. झटका इसलिए भी था कि वह किस पर विश्वास करें और किस पर नहीं करें. इस कांड ने उन्हें पुरुषों से और दूर ही दिया.
टेनिस करियर के दौरान मीडिया जब भी उनसे शादी के बारे में सवाल पूछता. उनका यही जवाब होता कि उनका भी सपना शादी करके घर बसाना है. वह भी चाहती हैं कि उनके बच्चे हों. बच्चों से उन्हें बहुत प्यार है. एक दिन आएगा जब मैं खेल से संन्यास लूंगी और शादी करके अच्छी वैवाहिक जिंदगी बिताऊंगी. वही सबातीनी करीब 17 सालों से टेनिस से दूर हैं. उन्होंने शादी नहीं की है. बच्चों के नाम पर अब उनकी दो भतीजियां उन्हें दुनिया में सबसे प्यारी हैं. वह अपना प्यार उन्हीं पर लुटाती हैं. हालांकि उनके प्रशंसक और जानने वाले मानते हैं कि अगर वह मां बनती तो गजब की मॉम साबित होतीं. लगता है कि पुरुषों के बारे में उन्होंने एक धारणा बना ली है. अब अगर कभी उनसे शादी के बारे में कोई सवाल होता भी है तो वह हंसकर टाल जाती हैं.
बात सही है कि उनके समलैंगिक होने की चर्चाएं भी होती रही हैं. टेनिस से संन्यास लेने से पहले उनकी अंतरंगता पॉप सिंगर लूसिया गाल्हू से खासी बढी थीं. दोनों को साथ में घंटों समय गुजारना अच्छा लगता था. जब लूसिया ने सबातीनी पर एक गाना लिखा और फिर लगातार उनकी जमकर तारीफ करने लगी तो दोनों की दोस्ती को लेकर गॉसिप्स ने भी जोर पकड़ा. अपने इस गीत में लूसिया ने सबातीनी की सुंदरता के साथ उसकी पुष्ट मांसपेशियों पर भी बलिहारी पेश की. खैर ये सब अब बीती बातें हो चली हैं. लंबे समय से टेनिस से अलग होने के कारण मीडिया की दिलचस्पी के केंद्र में भी वह नहीं रह गईं हैं.
सबातीनी के एक अर्जेंटीनी प्रशंसक ने अपने ब्लाग में लिखा है कि इसमें कोई शक नहीं कि लूजन और सबातीनी बहुत नजदीक हैं. लूजेन तब भी उनके साथ कभी कभार यात्राएं करती थीं जब वह प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी थीं. अब तो दोनों लगातार ही साथ यात्राएं करती हैं. हर कोई अर्जेंटीना में यही जानता है कि दोनों काफी नजदीक हैं. एक बार गैबी ने कहा कि उनकी मां लूजेन को दूसरी बेटी की तरह मानती हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि वह उसको लंबे समय से जानती हैं. सबातीनी की भतीजियों के लिए वह एक प्यारी आंटी है.
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सबातीनी के बारे में
गैब्रिएला बीट्रिज सबातीनी का जन्म 16 मई 1970 में ब्यूनेस आर्यस (अर्जेंटीना) में हुआ। वह अस्सी और नब्बे के दशक की चोटी की महिला टेनिस खिलाड़ी थीं. उन्होंने 1990 में यूएस ओपन का महिला एकल खिताब जीता. वर्ष 1998 में ओलंपिक की रजत पदक विजेता रहीं. उन्होने अपने करियर में 27 टेनिस खिताब जीते. वह अकेली ऐसी खिलाड़ी थीं, जो लगातार चारों ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिताओं के सेमीफाइनल में पहुंचती रहीं. उस दौर में अपनी हर दिग्गज प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ उन्होंने कम से कम दस जीत हासिल की. अपने खेल करियर में उन्होंने करीब 9 मिलियन डॉलर की रकम अर्जित की.
गैब्रिएला अर्जेंटीना के बच्चों की टेनिस प्रतिभा उभारने और उन्हें आगे बढाने के एक प्रोजेक्ट से जुड़ी हैं. इसमें मदद करती हैं. साथ ही स्पेशल ओलंपिक, यूनीसेफ और स्टेफी ग्राफ फाउंडेशन के लिए मदद करने वालों में सबसे आगे रहती हैं.
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