इगास बग्वाल पर 4 नवंबर को सरकारी छुट्टी का आदेश जारी,देखें आदेश
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। श्री नंदा देवी राजजात पूर्व पीठिका समिति की ओर से मां नंदा देवी सम्मान समारोह आज विधानसभा भवन में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर उत्तराखंड के दो वीर शहीदों की माताओं सहित पर्वतीय क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में समाज सेवा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने वाली 13 वीरांगनाओ को मां नंदा देवी सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने महिलाओं से समाज परिवर्तन में आगे आने का आह्वान करते हुए कहा की हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना है और अपनी शिक्षा व लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ कार्य करना है। Maa Nanda Devi
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सम्मानित होने वाली महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड मां सती और मां पार्वती का क्षेत्र है तो यहीं मां नंदा भी है, यहां के हर क्षेत्र में मातृ शक्ति ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
कैबिनेट मंत्री चंदनराम दास ने कहा कि मौजूदा दौर में महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अग्रिम पंक्ति में स्थान मिल रहा है तथा उनके लिए तरक्की के रास्ते प्रशस्त हो रहे हैं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रदेश की महिलाएं आज किसी क्षेत्र से अछूती न रहकर हर क्षेत्र में बेहतर कर रही हैं।
पूर्व सांसद एवं श्री नंदा देवी जात पूर्व पीठिका समिति के अध्यक्ष तरुण विजय ने कहा कि गत सात वर्षों से विभिन्न क्षेत्रों में नवीन अग्रणी भूमिका निभाने वाली उत्तराखंडी महिलाओं को दिया जाने वाला मां नंदा देवी सम्मान इस वर्ष वीरता और पराक्रम के क्षेत्र में अग्रणीय भूमिका निभाने वाली उत्तराखंड राज्य की महिलाओं को दिया गया है।
ये वीरांगना हुई नंदा देवी वीरता सम्मान से सम्मानित
शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट की माता रेखा बिष्ट
शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की माता सरोज ढौंडियाल
फ्लाइंग ऑफिसर निधि बिष्ट– सेना की जांबाजी के किस्से से प्रेरित होकर पौड़ी की इस बेटी ने देश की सेवा में जाने का कदम उठाया।
अनीता टमटा– गंगनाथ स्वयं सहायता समूह के माध्यम से (देवलधार) बागेश्वर की रहने वाली इस वीरांगना ने कोरोना काल में मास्क बना कर, इंद्रा अम्मा भोजनालय संचालित करने सहित हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में कार्य कर क्षेत्र की कई महिलाओं को स्वरोजगार के साथ जोड़ा।
कलावती बडाल– क्लाइंबिंग बियोंड द समिट्स (सीबीटीएस) की सक्रिय सदस्य हैं
धारचुला की रहने वाली इस पर्वतारोही ने 2021 की आपदा में भारत चीन सीमा पर बंद रास्तों के बीच अपनी टीम के माध्यम से हजारों लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य किया।
तारा जोशी– स्थानीय उत्पादों एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर टनकपुर चंपावत में ग्रामीण महिलाओं व पुरुषों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार पैदा किया वहीं विभिन्न सहायता समूह का गठन कर आजीविका के संसाधन उत्पन्न किए।
तारा टाकुली– कपकोट बागेश्वर में विभिन्न समाज सेवा के कार्यों से महिलाओं को जागरूक करने की दिशा में कार्य किया।
तारा पांगती -मुंस्यारी, पिथौरागढ़ की रहने वाली तारा पांगती ने समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य, महिला आयोग की सदस्य, जोहार घाटी महिला हथकरघा समिति की अध्यक्ष सहित अन्य पदों पर रहते हुए महिलाओं के उत्थान की दिशा में कार्य किया।
गीता देवी पांगती– महिला जनजाति उत्थान समिति के माध्यम से मुनस्यारी में स्वयं सहायता समूह बनाकर हस्तशिल्प के कार्यों को बढ़ावा देते हुए महिलाओं को स्वरोजगार प्रदान किए गए जिसके साथ ही पलायन को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आशा देवी– बागेश्वर की रहने वाली इस वीरांगना ने सैकड़ों स्वयं सहायता समूह एवं ग्राम संगठन बना कर क्षेत्र की महिलाओं के लिए स्वरोजगार पैदा किया।
निवेदिता पंवार– चंबा टिहरी में ग्राम प्रधान के पद पर रहते हुए कोरोना जैसी महामारी एवं विभिन्न आपदाओं के समय क्षेत्र के लोगों की सेवा एवं समाज कार्य किया।
सीता देवी बरफाल- पिथौरागढ़ निवासी 80 वर्षीय इस वीरांगना ने विगत कई सालों से समाज की सेवा में अद्वितीय योगदान दिया साथ ही पलायन को रोकने जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अपनी भूमिका अदा की।
बीना बेंजवाल– लेखिका, कवि एवं कई सामानों से सम्मानित बीना बेंजवाल ने समय-समय पर विभिन्न पुस्तकों, पत्र पत्रिकाओं में समसामयिक महिला विमर्श एवं लोक भाषा पर लेखों के माध्यम से अपना योगदान दिया है।
अशिता डोभाल– नौगांव उत्तरकाशी की रहने वाली इस वीरांगना ने शिक्षा स्वास्थ्य और स्वावलंबन क्षेत्र में कार्य कर गरीब एवं वंचित वर्ग के लोगों को स्थानीय स्वरोजगार से जोड़कर आजीविका उपलब्ध कराई| साथ ही पहाड़ की गौरवमई संस्कृति और परंपराओं को संजोए रखने के लिए पहाड़ी व्यंजन को विशेष पहचान दिलाने में अपना योगदान दिया।
ममता रावत– भटवाडी, उत्तरकाशी निवासी ममता रावत ने होमस्टे एवं ट्रैकिंग के माध्यम से लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा एवं इन्होंने 2013 की आपदा में राहत कार्य में अपना विशेष योगदान दिया।
इनकी रही मौजूदगी
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष गणेश सिंह मार्तोलिया, कुलपति दून विश्व विद्यालय डॉ० सुरेखा डंगवाल, क्षेत्रीय अधिकारी (सीबीएसई) रणवीर सिंह, उपायुक्त केन्द्रीय विद्यालय संगठन मीनाक्षी जैन, राष्ट्र सेविका समिति की भावना त्यागी।
इससे पूर्व, कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक एवं उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इगास बग्वाल पर 4 नवंबर को सरकारी छुट्टी का आदेश जारी
अधिसूचना
श्री राज्यपाल, उत्तराखण्ड राज्य के अधीन प्रदेश के समस्त शासकीय / अशासकीय कार्यालयों/ शैक्षणिक शासकीय / अशासकीय कार्यालयों / शैक्षणिक संस्थानो / प्रतिष्ठानों में इगास बग्वाल हेतु दिनांक 04-11-2022 (शुक्रवार) को सार्वजनिक अवकाश घोषित किये जाने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
उक्त तिथि को निगोशिएबल इन्स्ट्रमेन्ट एक्ट, 1881 (एक्ट संख्या- 26, 1881 ) की धारा 25 द्वारा बैंक / कोषागार तथा उपकोषागार व अन्य सरकारी प्रतिष्ठान भी बन्द रहेंगे।
(विनोद कुमार सुमन) सचिव (प्रभारी)
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