ऊर्जा मंत्री हरक सिंह ने कहा कि एक महीने के अंदर मांगों का निस्तारण किया जाएगा।
ब्रेकिंग न्यूजः ऊर्जा मंत्री हरक सिंह के साथ वार्ता के बाद बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित कर दी। इससे पहले मंगलवार की दोपहर एक सरकारी आदेश में हड़ताल पर छह माह का बैन लगा कर सरकार ने दबाव बढ़ा दिया था।
बैठक में निदेशक ऊर्जा (यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल) दीपक रावत, पूर्व निदेशक नीरज खैरवाल , उत्तराखंड विधुत अधिकारी कर्मचारी सयुक्त संघर्ष मोर्चा के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। प्रदेश सरकार के सख्त रुख व मंत्री हरक से वार्ता के बाद आंदोलित बिजली कर्मियों ने मंगलवार को हड़ताल वापस ले ली। मिली जानकारी के मुताबिक एसीपी की पुरानी व्यवस्था लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर विद्युत कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कल आधी रात से हड़ताल पर गए ऊर्जा के तीनों निगमों, यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल के कर्मचारियों की आज ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत से वार्ता के बाद हड़ताल स्थगित कर दी।
इधर, सरकार ने ऊर्जा निगम में छह माह तक हड़ताल पर रोक लगा कर अपने सख्त इरादे भी जता दिए थे।
सर्वे चैक के निकट स्किल डेवलपमेंट कार्यालय में ऊर्जा मंत्री डा. हरक सिंह रावत की हड़ताल कर्मियों से वार्ता शुरू हुई। वार्ता के दौरान एमडी दीपक रावत भी मौजूद थे। डा. रावत ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के हितों को लेकर संवेदनशील है। सरकार जल्द ही उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेगी। उन्होंने तीनों निगमों के कर्मचारियों से हड़ताल समाप्त कर वापस काम पर लौटने की अपील की।
उधर, बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का 12 घंटे में ही असर दिखना शुरू हो गया था। राज्य के कई हिस्सों में सुबह से ही बिजली गायब है। जबकि, मनेरी भाली फेज-2 (304(MW), छिबरा (240 MW), ढालीपुर (30 MW), कुल्हाल (30 MW), ढकरानी (35 MW), तिलोथ (90MW), खोदरी (20MW) सहित आधा दर्जन से अधिक पावर हाउस में बिजली उत्पादन ठप हो गया है।
रुड़की, उधम सिंह नगर और हरिद्वार के औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है, जो विद्युत लाइनें ब्रेकडाउन में आ गई थी। अब उन्हें ठीक करने वाले सभी कर्मचारी हड़ताल पर डटे हैं, जिस कारण से प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था पुन: बहाल नहीं हो पा रही है। कोटद्वार में सिडकुल के अधीन ग्रोथ सेंटर जशोधरपुर औद्योगिक आस्थान व बलभद्रपुर औद्योगिक आस्थान में मध्य रात्रि से विद्युत आपूर्ति बाधित है। विद्युत आपूर्ति न होने के कारण तीनों आस्थान क्षेत्रों में कामकाज पूरी तरह ठप है।
बिजली कर्मियों की मुख्य मांगे
ऊर्जा निगमों में एसीपी की पुरानी व्यवस्था लागू की जाए।
उपनल के माध्यम से सेवायोजित कर्मचारियों का नियमीतिकरण किया जाए।
समान कार्य हेतु समान वेतन दिया जाए।
इंसेटिव अलाउंसेस का हो रिवीजन
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