STF एवं साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन की संयुक्त कार्रवाई। स्पेशल 26 फ़िल्म की तरह बेरोजगारों को दिलाई फर्जी नौकरी व ट्रेनिंग दिलाई गई।
बेरोजगारों से लाखों रुपए ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, एक गिरफ्तार
एसटीएफ ने आरोपियों के विभिन्न बैंक खाते फ्रीज करावाए, अन्य की तलाश तेज
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। फिल्मी स्टाइल में आम जनता व बेरोजगार युवक/यवतियों से “नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी” करने के मामले में एसटीएफ ने अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कर एक युवक को गिरफ्तार किया। एसटीएफ ने युवक से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इस मामले ने स्पेशल 26 फ़िल्म की याद ताजा कर दी। स्पेशल 26 फ़िल्म की तरह बेरोजगारों को दिलाई फर्जी नौकरी व ट्रेनिंग दिलाई गई।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत की कि उनके एक मित्र ने अपने भाई एवं उसके दोस्त से उनकी पहचान करवायी। दोनों युवकों ने उसे फूड कारपोरेशन आॅफ इंडिया एफसीआई में 10 लाख रुपये में नौकरी दिलाने की बात कही। उसने दोनों युवकों पर विश्वास करते हुए फोन-पे, चेकों व और कुछ नगद 10 लाख रुपये दोनों के बैंक खातों में डाल दिए।
आरोपियों ने पीड़ित को विश्वास मे लेने के लिए बाकायदा पुलिस वेरिफिकेशन भी करवाया। यही नहीं उसे एफसीआई आई कार्ड व ज्वानिंग लैटर भी दिया। आरोपियों ने पीड़ित का फर्जी तरीके से गोरखपुर में प्रशिक्षण भी करवाया। बाद मे जब ज्वाइनिंग लैटर में अंकित तिथि को पीड़ित ने आरोपियों को फोन किया तो उन्होने फोन नही उठाया। शक होने पर पीड़िता ने एफसीआई के देहरादून कार्यालय मे जाकर आई कार्ड और ज्वानिंग लैटर दिखाया तब चला कि ये फर्जी हैं।
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कर विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक त्रिभुवन सिंह रौतेला को सौंपी।
एसटीएफ ने एक आरोपी विकास चन्द्र पुत्र स्व. जगपाल निवासी ग्राम कान्डेई, तहसील चाखीसैंण, पट्टी कण्डारस्यूं, पौड़ी गढ़वाल हाल निवासी आईटी पार्क सहस्त्रधारा को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की तो उसने कई चैंकाने वाली बातें बताई। उसने बताया कि वह और उसके अन्य साथी विभिन्न राज्यों में जब भी एफसीआई, रेलवे और एम्स जैसी संस्थाएं रोजगार सम्बन्धी विज्ञप्ति अखबारों में देती है तो हम लोग बेरोजगार युवक-युवतियों से संपर्क कर उनको नौकरी लगाने का झांसा देकर उनसे लाखो रुपये ठग लेते हैं।
अभ्यर्थियो को शक न हो, इसके लिए उनकी फर्जी ट्रेनिंग, पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल व इंटरव्यू आदि भी करवाते हैं। यही नहीं संबंधित विभागो की फर्जी ई-मेल आईडी से उन्हें मैसेज करते हैं व फर्जी आई कार्ड और ज्वानिंग लैटर डाक के माध्यम से भेजते हैं। विकास ने बताया कि अब तक वह कई युवक-युवतियों से लाखों रुपये धोखाधड़ी कर चुके हैं।
एसटीएफ आरोपियों के विभिन्न बैंक खातों को फ्रीज कराने के साथ ही अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
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