भाजपा-कांग्रेस के बंकर में बमबारी कर दिल्ली लौटे केजरीवाल। भाजपा-कांग्रेस में मची खलबली
करवट ले रही उत्त्तराखण्ड की राजनीति
भाजपा-कांग्रेस ने उत्त्तराखण्ड को एक-एक लूट कर किया बर्बाद
करवट ले रही उत्त्तराखण्ड कि राजनीति। विपक्षी नेताओं के लिए खोले आप के दरवाजे
भाजपा-कांग्रेस के पाटों के बीच पिस रही है उत्त्तराखण्ड की जनता
चुनावी साल के आखिरी छह महीने में नहीं बल्कि 24 घण्टे के अंदर देंगे फ्री बिजली
किसानों के साथ आएम जनता को भी लुभाने की कोशिश
समाचार विश्लेषण/ अविकल थपलियाल
देहरादून। … देखा जब कि भाजपा सीएम दिल्ली में आकाओं का आशीर्वाद लेने में बिजी है। कांग्रेस भी अंदरूनी चक्कर में दिल्ली में उलझी हुई है।
बमबारी का इससे बेहतर व अचूक मौका दूसरा कोई हो ही नही सकता था। और दिल्ली से उड़े केजरीवाल एक-एक कर भाजपा व कांग्रेस के किले में बमबारी कर वापस दिल्ली लौट भी गए।
साफ कह दिया कि उत्त्तराखण्ड की जनता भाजपा व कांग्रेस के पाटों के बीच पिस रही है। दोनों ही दल सहमति बनाकर जनता को लूट रहे हैं। महंगाई को लेकर घर के खर्चों पर पड़े दबाव से महिलाओं की परेशानी बयां की।
उत्त्तराखण्ड में रविवार की दोपहर केजरीवाल की बमबारी के नाम रही। महज चार से पांच घण्टे देहरादून में बिताए। इत्मीनान से लक्ष्य भेदन किया। जनता व दूसरी पार्टी के ईमानदार नेताओं को आप पार्टी में शामिल होने का न्योता भी दे डाला।
यूँ तो केजरीवाल पहले दिन से ही भाजपा व कांग्रेस के अंदरूनी सेटिंग की परतें उघाड़ते रहे हैं। लेकिन इस बार साफ कहा कि ईमानदार उत्तराखंड को इन दोनों दलों के नेताओं ने बर्बाद कर दिया।
स्कूल, अस्पताल ,बिजली व पानी पर दिल्ली मॉडल की उत्त्तराखण्ड के मौजूदा सिस्टम से तुलना करते हुए फ्री बिजली की भाजपाई घोषणा के गुब्बारे में भी पिन चुभा दी। 100 यूनिट बनाम 300 यूनिट फ्री बिजली के अलावा किसानों को भी मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर चुनावी व राजनीतिक माइलेज लेते दिखे।
किसानों के हित में की गई इस घोषणा के भी कई मायने देखे जा रहे हैं। किसान आंदोलन की वजह से उत्त्तराखण्ड के तराई इलाके का किसान भाजपा से नाराज दिख रहा है। आंदोलन के पीक ऑवर में आप नेता भगवंत सिंह मान भी तराई के सिख किसानों से मिलने आ चुके हैं। लिहाजा, केजरीवाल ने किसानों को भी फ्री बिजली देने की बात कर भाजपा के साथ कांग्रेस की भी परेशानी बढ़ा दी है।
पुराने बिल माफ व 24 घण्टे बिजली देने की बात कह 100 यूनिट फ्री बिजली के असर को जीरो करने की भरपूर कोशिश की। कहा कि, सत्ता मिलने पर पहली कलम से यह फैसले अमल में लाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की तरह चुनाव के आखिरी साल के छह महीने में ऐसी घोषणा नहीं करेंगे। हालांकि, केजरीवाल ने यह भी साफ कर दिया कि 24 घण्टे बिजली देने में 3 से 4 साल लगेंगे।
दिल्ली में 24 घण्टे बिजली सप्लाई का उदाहरण देते हुए कहा कि ट्रांसफार्मर व बिजली लाइन को अपडेट व आधुनिक मोड़ में लाने के बाद ही आप नेता ने बिजली सब्सिडी पर खर्च होने वाले 1200 करोड़ का इंतजाम का फार्मूला भी बजट से ही निकाला। दिल्ली के सीएम ने कहा कि उत्त्तराखण्ड बिजली बेचता भी है। फिर अभी तक 21 साल में फ्री बिजली नहीं दी। उन्होंने कहा कि टिहरी बांध से प्रभावित लोगों को फ्री बिजली देने का वादा किया गया था लेकिन अभी तक पूरा नहीं किया गया।
अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के एक बड़े नेता की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये लोग चुनाव के समय 15-15 लाख देने का वादा करते हैं एयर बाद में कहते हैं कि ये चुनावी जुमला था। अपने स्टैंड को साफ करते हुए यह भी कह गए कि वे अपनी इन घोषणाओं को 24 घण्टे के अंदर पूरी कर देंगे।
दरअसल, नये नये ऊर्जा मंत्री की जिम्मेदारी सँभाल रहे डॉ हरक सिंह रावत ने अपनी पहली ही मीटिंग में 100 यूनिट फ्री बिजली का मसला कैबिनेट की बैठक में लाये जाने की बात कह नयी बिजली बहस को जन्म दे दिया था। हालांकि, 100 यूनिट फ्री बिजली पर अभी कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है।
अपने संबोधन में केजरीवाल ने भाजपा-कांग्रेस को लेकर बह रहे सत्ता विरोधी रुझान को भी बखूबी भुनाने की कोशिश करते नजर आए।
बार-बार सीएम बदलने पर भाजपा पर कड़े प्रहार भी किये। कहा कि देश की 70 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि भाजपा अपने सीएम को नकारा साबित कर बार बार बदल रही है। साथ ही उत्त्तराखण्ड कांग्रेस के दिल्ली डेरा डालने पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई नेता ही नहीं है।
इधर, रविवार को केजरीवाल की देहरादून में की गयी 300 यूनिट फ्री बिजली घोषणा के बाद भाजपा सरकार पर 100 यूनिट फ्री बिजली की घोषणा पर अमल का दबाव भी बढ़ गया है। जनता से जुड़े मुद्दे छूने के व दोनों दलों पर किये गए हमले के अलावा उत्त्तराखण्ड की राजनीति के करवट लेने की बात कहकर केजरीवाल ने विपक्षी खेमे में झाड़ू फेर अफरा तफरी तो मचा ही दी है …
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