राज्यसभा व चंपावत उपचुनाव के शोर के बीच एक समय के पावरफुल नौकरशाह ओमप्रकाश हुए रिटायर। डॉ कल्पना सैनी ने राज्यसभा के लिए भरा पर्चा
अविकल थपलियाल
चंपावत/देहरादून। मंगलवार को सीएम धामी की मुस्लिम मतदाताओं के साथ विजयी मुद्रा में खिंची फोटो तेजी से वॉयरल हुई। आज चंपावत उपचुनाव में वोट डाले गए।
चंपावत उपचुनाव व दून में राज्यसभा की सीट पर हुए नामांकन से राजनीतिक सरगर्मी के साथ साथ पूर्व मुख्य सचिव ओमप्रकाश की खामोश विदायी सत्ता के गलियारों की खुसर पुसर के केंद्र में रहा।
सीएम धामी और कांग्रेस के बीच जारी चुनावी जंग के आखिरी दिन आज चंपावत में वोट डाले गए। सीएम धामी व उनकी पत्नी मतदाताओं के बीच नजर आये। मतदान को लेकर भाजपा खेमे में विशेष हलचल रही। भाजपा कैम्प में जीत के अंतर को लेकर जोड़ गणित चलती रही। हालांकि, कांग्रेस उम्मीदवार निर्मला गहतोड़ी के समर्थन में कमोबेश कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने आखिरी दिन तक चंपावत की जनता को अपने मुद्दे समझाने की कोशिश की।
अब यह भी तय माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की धामी राज में हुए पहले एग्जाम के परिणाम से कांग्रेस के अंदरूनी जंग का खाका नये सिरे से तैयार होगा। जीत-हार के अंतर से भी कांग्रेस के दिग्गजों का ग्राफ भी उसी हिसाब से चढ़ेगा-उतरेगा।
बहरहाल, भाजपा नेता चंपावत में रिकॉर्ड जीत का दावा कर रहे हैं। सुबह से शाम तक मतदान की लय बनी रही। खटीमा की हार के बाद राजनीतिक भँवर में फंसे सीएम धामी की नैया मतगणना ( 3 जून )के दिन किनारे लगने की पूरी उम्मीद जतायी जा रही है।
राज्यसभा उम्मीदवार डॉ कल्पना सैनी ने भरा नामांकन
इधर, राज्यसभा उम्मीदवार डॉ कल्पना सैनी ने आज विधानसभा में नामांकन दाखिल किया। सीएम धामी, पूर्व सीएम निशंक व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की मौजूदगी में नामांकन के सेट जमा किये गए। इस दौरान कई अन्य नेताओं की अनुपस्थिति चर्चा के केंद्र में रही। सैनी का निर्विरोध चुना जाना भी तय हो गया है। चम्पावत व राज्यसभा चुनाव के परिणाम के बाद भाजपा की स्पीड बढ़ने की उम्मीद जतायी जा रही है।
पूर्व मुख्य सचिव ओमप्रकाश रिटायर
चंपावत और राज्यसभा चुनाव के शोर के बीच पूर्व मुख्य सचिव व राजस्व परिषद के मुख्य कमिश्नर ओमप्रकाश भी आज सरकारी नौकरी से रिटायर हो गए। त्रिवेंद्र शासनकाल में मुख्य सचिव रहे ओमप्रकाश सबसे पॉवरफुल नौकरशाह थे। मार्च 2017 से 4 जुलाई 2021 तक 1987 बैच के आईएएस ओमप्रकाश पावर सेंटर की मुख्य भूमिका में रहे। पूर्व में त्रिवेंद्र रावत के कृषि मंत्री रहते हुए ओमप्रकाश उनके सचिव हुआ करते थे। दोनों के बीच बेहतर तालमेल रहा। लेकिन जुलाई 2021 में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ओमप्रकाश की मुख्य सचिव की कुर्सी से हटाते हुए राजस्व परिषद की जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद से ही आईएएस ओमप्रकाश सत्ता के मुख्य गलियारे से दूर हो गए। त्रिवेंद्र काल में सत्ता के सिरमौर रहे ओमप्रकाश की विदाई तो चुपचाप हुई लेकिन पावर कोरिडोर को ‘हिला’ तो गयी…
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